Thursday, April 25, 2024
Homeराजनीतिइटली में छुट्टी मना रहे राहुल गाँधी को नहीं पता राइट ऑफ: कर्ज माफी...

इटली में छुट्टी मना रहे राहुल गाँधी को नहीं पता राइट ऑफ: कर्ज माफी के नाम पर फैलाया फेक न्यूज़, लोगों को किया गुमराह

मोदी सरकार द्वारा उद्योगपतियों के कर्ज माफी को लेकर राहुल का दावा सच्चाई से कोसों दूर है। हमेशा की तरह इस बार भी राहुल गाँधी माइक्रो इकोनॉमिक तकनीकी को समझने में विफल रहे और देश में उद्योगपतियों के लाखों करोड़ों के ऋणों की कथित छूट के बारे में जानकारी रखते हुए लोगों को भरमाने की कोशिश की।

नए वर्ष पर छुट्टी मनाने मिलान (इटली) गए कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने गुरुवार (31 दिसंबर, 2020) को ट्विटर का सहारा लेते हुए मोदी सरकार के खिलाफ लोगों भ्रमित करने का काम किया है। उन्होंने एक ट्वीट कर दावा किया है कि इस साल मोदी सरकार ने कुछ उद्योगपतियों का 23 खरब से ज्यादा रुपए का कर्ज माफ किया है।

कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी ने ‘2378760000000’ रुपए के आँकड़ों के साथ दावा किया है कि इस साल मोदी सरकार ने कुछ उद्योगपतियों के इतने रुपए का कर्ज माफ किया। राहुल गाँधी के अनुसार, सरकार द्वारा इस राशि से कोविड के मुश्किल समय में 11 करोड़ परिवारों को 20-20 हजार रुपए में दिए जा सकते थे। वहीं पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने इसे उनके विकास की असलियत भी बताया।

हालाँकि, मोदी सरकार द्वारा उद्योगपतियों के कर्ज माफी को लेकर राहुल का दावा सच्चाई से कोसों दूर है। हमेशा की तरह इस बार भी राहुल गाँधी माइक्रो इकोनॉमिक तकनीकी को समझने में विफल रहे और देश में उद्योगपतियों के लाखों करोड़ों के ऋणों की कथित छूट के बारे में जानकारी रखते हुए लोगों को भरमाने की कोशिश की।

कॉन्ग्रेस आलाकमान के बेटे राहुल गाँधी के ट्वीट से ऐसा मालूम होता है मानो उन्हें लोन राइट-ऑफ ’और लोन वेव-ऑफ’ के बीच अंतर नहीं पता हैं। बता दें कि लोन राइट-ऑफ ’और लोन वेव-ऑफ’ के पुनर्गठन के बीच एक बहुत बड़ा अंतर है। कॉन्ग्रेस नेता के ट्वीट के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों में जो ऋण उद्योगपतियों को दिया गया, जिनमें कुछ यूपीए के समय में भी दिया गया था, उसे मोदी सरकार द्वारा ‘माफ’ किया जा रहा है।

वित्त वर्ष 2019-2020 में, अनुसूचित कमर्शियल प्राइवेट और पब्लिक बैंकों ने स्ट्रेस्ड एसेट्स का पुनर्गठन करते हुए कथित रूप से 2,37,206 करोड़ रुपए के ऋण को राइट ऑफ किया है। हालाँकि, यह बताने के लिए कोई विश्वसनीय स्रोत नहीं है कि कितने रुपए के लोन को रिटेन-ऑफ किया गया है।

वहीं जैसा कि राहुल गाँधी ने दावा किया है हम आपको बता दें किसी भी उद्योगपति के कर्ज को बिना किसी विश्वसनीय तर्क के बगैर माफ़ नहीं किया जा सकता है। वास्तव में कर्ज माफ करने या न चुकाने पर कर्जदार की संपत्ति को माफ करने की एक बहुत ही लंबी प्रक्रिया है।

राइट ऑफ का मतलब कर्ज माफी नहीं होता है, जैसा कि राहुल गाँधी को लगता है। राइट ऑफ बहीखाता को साफ-सुथरा रखने की एक प्रकिया है। दरअसल, बैंक अक्सर उन कर्जदारों के लोन को राइट ऑफ यानी बट्टे खाते में डाल देती है जोकि उन्हें चुकाने में असक्षम होते है। इन लोन को बट्टे खाते में इसलिए डाला जाता है, ताकि बहीखाते में इस कर्ज का उल्लेख न हो और बहीखाता साफ-सुथरा रहे और बैंक को अपने असली एसेट्स और लाइबिलिटी की जानकारी हो सके ताकि उसी हिसाब से प्रभावी तरीके से टैक्स की देनदारी हो।

यदि बैंक इन ऋणों को राइट ऑफ नहीं करती हैं, तो इससे उच्च-गुणवत्ता वाली संपत्ति प्रभावित होती है और रिटर्न-ऑन-एसेट्स बैंक की आय के रूप में क्लासिफएड हो जाता है। इसलिए राहुल गाँधी के दावों के विपरीत उद्योगपतियों को दिए गए 2,37,206 करोड़ रुपए के लोन को किसी भी प्रकार से ‘माफ नहीं’ किया जा रहा है।

गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब राहुल गाँधी ने उद्योगपतियों के कर्ज माफी को लेकर मोदी सरकार पर ऐसे आरोप लगाए है। पिछले साल जुलाई 2019 में भी राहुल गाँधी ने अपने भाषण में दावा किया था कि पिछले 5 वर्षों में भाजपा सरकार ने 4.3 लाख करोड़ कर रियायतें दीं और अमीर व्यापारियों के लिए 5.5 लाख करोड़ का कर्ज माफ कर दिया। उन्होंने इसे मोदी सरकार का शर्मनाक दोहरा स्टैंडर्ड भी बताया था।

उससे पहले भी राहुल गाँधी ने इस झूठ को दोहराया है, लेकिन हर बार इसके आँकड़ों में फेरबदल कर दिया। हर बार नई राशि के साथ उन्होंने अपने झूठ को परोसा है। कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के अनुसार, मोदी सरकार ने अमीर उद्योगपतियों के 5.50 लाख करोड़ / 3.50 लाख करोड़ / 3.00 लाख करोड़ / 2.50 लाख करोड़ / 1.40 लाख करोड़ / 1.30 लाख करोड़ / 1.10 लाख करोड़ के कर्ज़ माफ किए हैं।

राहुल गाँधी ने नवंबर 2016 में अपनी राजनीति को चमकाने के लिए झूठा दावा करते हुए था कि मोदी सरकार ने अमीर उद्योगपतियों के 1.1 लाख करोड़ रुपए के कर्ज को माफ कर दिया। 2017 में गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार के दौरान राहुल गाँधी ने एक बार फिर इसी झूठ को दोहराते हुए इसके आँकड़ों को 20,000 करोड़ से बढ़ाकर 1.3 लाख करोड़ रुपए बताया था। वहीं कर्नाटक में उन्होंने इसे 2.5 लाख करोड़ कर दिया था।

हालाँकि, हर बार झूठा दावा करने वाले राहुल गाँधी अभी भी कर्ज माफी और राइट ऑफ लोन के बारे में अंतर समझ नहीं पाएँ हैं।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मुंबई के मशहूर सोमैया स्कूल की प्रिंसिपल परवीन शेख को हिंदुओं से नफरत, PM मोदी की तुलना कुत्ते से… पसंद है हमास और इस्लामी...

परवीन शेख मुंबई के मशहूर स्कूल द सोमैया स्कूल की प्रिंसिपल हैं। ये स्कूल मुंबई के घाटकोपर-ईस्ट इलाके में आने वाले विद्या विहार में स्थित है। परवीन शेख 12 साल से स्कूल से जुड़ी हुई हैं, जिनमें से 7 साल वो बतौर प्रिंसिपल काम कर चुकी हैं।

कर्नाटक में सारे मुस्लिमों को आरक्षण मिलने से संतुष्ट नहीं पिछड़ा आयोग, कॉन्ग्रेस की सरकार को भेजा जाएगा समन: लोग भी उठा रहे सवाल

कर्नाटक राज्य में सारे मुस्लिमों को आरक्षण देने का मामला शांत नहीं है। NCBC अध्यक्ष ने कहा है कि वो इस पर जल्द ही मुख्य सचिव को समन भेजेंगे।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe