IPL में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की जीत के बाद चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ में 11 जानें चली गईं, मगर कॉन्ग्रेस अब भी इस पर सफाई देने से नहीं थक रही हैं। अभी तक इस मामले में एक तरफा होकर बेंगलुरु पुलिस को जिम्मेदार ठहराया जा रहा था, लेकिन हाल में जब ये बात सामने आई कि इस परेड को निकालने के लिए पुलिस ने मना किया था, तो सवाल उठने लगा कि अगर पुलिस की मनाही के बावजूद सम्मान समारोह आयोजित हुआ तो इसमें कर्नाटक के कॉन्ग्रेस प्रशासन की गलती नहीं तो किसकी गलती है।
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— BALA (@erbmjha) June 4, 2025
देख सकते हैं कि भगदड़ के बाद मौके पर पहुँचे क्रिकेट पत्रकार विक्रांत गुप्ता ने वीडियो में इस बात की जानकारी दी कि उन्हें पता चला है कि बेंगलुरु पुलिस ने सुरक्षा कारणों से परेड को निकालने से मना किया था। उनके अलावा मीडिया में भी अगर देखें तो यही खबरें आ रही थी कि पुलिस ने परेड निकालने से सख्त मना कर दिया। पुलिस ने कहा था- कोई विजय परेड नहीं होगी। पार्किंग की जगह सीमित है, इसलिए लोगों को मेट्रो या बाकी पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।
दुखद बात ये है कि पुलिस प्रशासन द्वारा ये मना करने के बावजूद कॉन्ग्रेस ने अपनी वाह-वाही के लिए इस कार्यक्रम को आयोजित करवाया। जब हादसा हो गया तब एक तरफ मुख्यमंत्री इस मामले पर कहते दिखे कि उन्हें इस मामले पर कोई राजनीति नहीं करनी। दूसरी तरफ उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार स्वीकारते मिले कि ये सम्मान समारोह उन्हीं की सरकार की देखरेख में हुआ, लेकिन चूँकि भीड़ ज्यादा थी इसलिए इसे 10 मिनट में ही निपटवा दिया गया था।

अब इसी रवैये को देखते हुए भाजपा ने उन्हें घेरना शुरू किया है। उनका कहना है कि ये बात अच्छे से जानते हुए कि क्रिकेट प्रेमी अपनी पसंदीदा टीम के जीतने पर कैसे उत्साह दिखाते हैं, कैसे सड़कों पर जश्न मनाते हैं, सरकार ने लोगों की सुरक्षा की अनदेखा की और केवल राजनीति साधी। कई नेता इस घटना पर मुख्यमंत्री का इस्तीफा माँग रहे हैं। मगर, सीएम अपना बचाव इस घटना की तुलना दूसरी घटना से करके कर रहे हैं।
भाजपा नेता के बयानों पर अपना पक्ष रखते हुए उन्होंने इस घटना को कमतर दिखाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा, “मैं उनकी तुलना करके और यह कहकर इसका बचाव नहीं करने जा रहा हूँ कि यह यहाँ हुआ और वह वहाँ हुआ। कुंभ मेले में 50-60 लोग मारे गए थे। मैंने आलोचना नहीं की। अगर कॉन्ग्रेस आलोचना करती है, तो यह अलग बात है। क्या मैंने या कर्नाटक सरकार ने आलोचना की?”
उनके इस बयान के बाद केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी का बयान आया। उन्होंने सलाह दी- “मै उन्हें सलाह देता हूँ कि वे महाकुंभ कि तुलना इस घटना से न करें। यह सरकार की विफलता है। जब वे विधान सौधा और चिन्नास्वामी स्टेडियन के सामने सम्मान समारोह आयोजित करना चाहते थे तो पुलिस अधिकारियों ने पहले ही सलाह दी थी कि दोनों जगह पर एक साथ सुरक्षा देना असंभव है, लेकिन उन्होंने इस सलाह को नजरअंदाज किया।”
बता दें कि ये पहली बार नहीं है कि क्रिकेट में जीत के बाद टीम भारी-भरकम भीड़ के बीच परेड निकाले। पिछले साल ऐसी परेड मुंबई में आयोजित हुई थी जब भारत ने टी20 वर्ल्ड कप जीता था। ओपन रूफ वाली बस में भारतीय क्रिकेट ने मरीन ड्राइव तक परेड निकाली थी। इस दौरान सैंकड़ों लोग वहाँ जमा हुए थे और पुलिस व्यवस्था से सब अच्छे से हुआ था। अगर वहाँ पर परेड कार्यक्रम थोड़ी सूझ-बूझ के कारण अच्छे से निपट सकता था, तो बेंगलुरु में भी। मगर, अपनी वाह-वाही के कारण कॉन्ग्रेस ने पुलिस की सुनी और न लोगों की सुरक्षा की सोची।