Wednesday, July 16, 2025
Homeराजनीति'जंगलराज' के कुकर्मों का सच उजागर करने की सजा? साधु यादव ने लेखक मृत्युंजय...

‘जंगलराज’ के कुकर्मों का सच उजागर करने की सजा? साधु यादव ने लेखक मृत्युंजय शर्मा को भेजा 5 करोड़ का मानहानि नोटिस: शिल्पी-गौतम मर्डर का अपनी किताब में किया है जिक्र

लेखक मृत्युंजय शर्मा को लालू प्रसाद यादव के साले साधु यादव ने 5 करोड़ का मानहानि नोटिस भेजा है। वजह है मृत्युंजय की किताब Broken Promises और एक पॉडकास्ट, जिसमें उन्होंने साधु के कथित कुकर्मों का ज़िक्र किया है।

बिहार के कुख्यात ‘जंगलराज’ को उजागर करने की कोशिश अब भारी पड़ती दिख रही है। लेखक मृत्युंजय शर्मा को लालू प्रसाद यादव के साले और पूर्व विधायक साधु यादव ने 5 करोड़ रुपये की मानहानि का नोटिस थमा दिया है। वजह? मृत्युंजय ने अपनी किताब Broken Promises और एक पॉडकास्ट में साधु यादव के कथित कुकर्मों का जिक्र किया, जिसे वो अपनी ‘प्रतिष्ठा’ पर हमला बता रहे हैं।

हालाँकि मृत्युंजय डटकर मुकाबला करने को तैयार हैं और कहते हैं, “सच बोलने की कीमत मैं चुकाने को तैयार हूँ, न डरूँगा, न माफी माँगूँगा।”

दरअसल, मृत्युंजय शर्मा ने अपनी किताब और पॉडकास्ट में साधु यादव से जुड़े तीन गंभीर आरोपों का जिक्र किया, जो बिहार के उस दौर की तस्वीर खींचते हैं, जब लालू-राबड़ी की सरकार में गुंडागर्दी और डर का बोलबाला था। साधु यादव ने इन्हीं तीन बयानों को आधार बनाकर नोटिस भेजा है-

  1. शिल्पी-गौतम डबल मर्डर केस (1999): इस हत्याकांड ने पूरे बिहार को हिलाकर रख दिया था। मृत्युंजय ने दावा किया कि इस मामले में साधु यादव की कथित संलिप्तता थी।
  2. जेएनयू छात्रों पर गोली चलाने का आदेश: मृत्युंजय का कहना है कि छात्र नेता चंद्रशेखर की हत्या के विरोध में दिल्ली में बिहार भवन के सामने प्रदर्शन कर रहे जेएनयू छात्रों पर साधु यादव ने गोली चलाने का आदेश दिया था।
  3. रोहिणी आचार्य की शादी में लूटपाट: लालू की बेटी रोहिणी आचार्य की शादी के दौरान साधु यादव और उनके लोगों ने पटना की दुकानों से गाड़ियां, गहने और फर्नीचर तक लूट लिए, ऐसा मृत्युंजय ने अपनी किताब में लिखा।

साधु यादव का दावा है कि इन बातों से उनकी ‘प्रतिष्ठा’ को ठेस पहुँची। लेकिन मृत्युंजय का तंज है, “कौन-सी प्रतिष्ठा? गुंडागर्दी और परिवारवाद की संस्कृति ने बिहार को बर्बाद किया, और अब सच बोलने वालों को डराया जा रहा है।”

बीजेपी नेता मृत्युंजय ने साफ कहा, “मैं न माफी माँगूँगा, न डरूँगा। जिन्होंने अपनी राजनीति डर, धन और दबंगई पर खड़ी की, उन्हें अब सच से डर लगना लाजमी है।” उन्होंने यह भी खुलासा किया कि साधु यादव पहले भी उन्हें फोन कर चुके हैं। मृत्युंजय ने चेतावनी दी, “मुझे या मेरे परिवार को अगर कोई नुकसान हुआ, तो इसके जिम्मेदार साधु यादव होंगे।”

ऑपइंडिया से बातचीत में मृत्युंजय ने कहा, “मैं इस नोटिस का कानूनी जवाब दूँगा। जरूरत पड़ी तो किताब और पॉडकास्ट में कही हर बात के लिए सबूत पेश कर सकता हूँ। मैंने सालों तक गहन अध्ययन के बाद ये किताब लिखी है और इसके एक-एक बात के अडिग हूँ। सच लिखना गुनाह कब से हो गया? मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है, और मैं इस केस को पूरी ताकत और सच्चाई से लडूँगा।”

इस मामले से बिहार की सियासत में नई बहस छिड़ने की उम्मीद है। लालू यादव का राजद (RJD) पहले ही ‘जंगलराज’ के आरोपों से जूझता रहा है। साधु यादव भले ही अब राजद से अलग हो चुके हों, लेकिन उनका नाम उस दौर के विवादों से हमेशा जुड़ा रहा। साधु यादव के इस नोटिस को कई लोग सच को दबाने की कोशिश मान रहे हैं। ऐसे में मृत्युंजय शर्मा का कानूनी रूप से लड़ने का कदम उन लोगों के लिए प्रेरणा बन सकता है, जो ‘जंगलराज’ के काले अध्याय को सामने लाना चाहते हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

श्रवण शुक्ल
श्रवण शुक्ल
I am Shravan Kumar Shukla, known as ePatrakaar, a multimedia journalist deeply passionate about digital media. Since 2010, I’ve been actively engaged in journalism, working across diverse platforms including agencies, news channels, and print publications. My understanding of social media strengthens my ability to thrive in the digital space. Above all, ground reporting is closest to my heart and remains my preferred way of working. explore ground reporting digital journalism trends more personal tone.

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

हिन्दुओं को कलमा पढ़वा गोमांस खिलाता था छांगुर पीर, वीडियो भी बनाता था: रिपोर्ट, नेपाल बॉर्डर से सटे इलाकों की बदलना चाहता था डेमोग्राफी,...

छांगुर पीर नेपाल से सटे जिलों में धर्मांतरण का नेटवर्क स्थापित करने में जुटा था। इसके लिए ₹10 करोड़ खर्च करने की तैयारी थी। 46 गाँवों के हिंदू युवाओं को टारगेट बनाने वाला था।

अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होते ही ब्रिटेन ने चुपचाप 4000+ अफगानों को अपने यहाँ बसाया,खर्च किए ₹4600 करोड़: खबर दबाने को कोर्ट से...

ब्रिटेन की सरकार चुपचाप 4500 अफगान अपने यहाँ लाकर बसा चुकी है। यह रीलोकेशन प्रक्रिया 2022 के बाद से लगातार चलती आ रही है।
- विज्ञापन -