Saturday, May 17, 2025
Homeराजनीति'रामचरितमानस धार्मिक ग्रंथ नहीं, इसे जलाया जाना चाहिए': अब सपा के लालजी पटेल ने...

‘रामचरितमानस धार्मिक ग्रंथ नहीं, इसे जलाया जाना चाहिए’: अब सपा के लालजी पटेल ने OBC-दलितों को उकसाया, स्वामी प्रसाद मौर्य का किया समर्थन

"यह कोई धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि समाज को बाँटने वाली एक पुस्तक है। यह पिछड़े वर्ग के लोगों और दलितों को अपमानित करती है। होलिका दहन पर रामचरितमानस की प्रतियों को जलाया जाना चाहिए। तभी पिछड़े वर्ग के लोगों और दलितों को उनका अधिकार मिलेगा।”

समाजवादी पार्टी (SP) के नेताओं द्वारा रामचरितमानस को अपमानित करने का सिलसिला जारी है। लालजी पटेल ने स्वामी प्रसाद मौर्य का समर्थन करते हुए मंगलवार (31 जनवरी 2023) को श्रीरामचरितमानस की प्रतियाँ जलाने के लिए दलितों को उकसाया। उन्होंने कहा, “रामचरितमानस कोई धार्मिक ग्रंथ नहीं है। यह एक ऐसी किताब है, जिससे समाज में भेदभाव को बढ़ावा मिलता है। यह पिछड़ी जाति और दलितों का अपमान करती है। इसे जलाया जाना चाहिए।”

उन्होंने पिछड़े वर्ग के लोगों को भी हिंदू त्योहार होली पर श्रीरामचरितमानस की प्रतियाँ जलाने के लिए उकसाया। पटेल ने कहा, “यह किताब धार्मिक ग्रंथ नहीं है। तुलसीदास जी ने अपना विचार व्यक्त किया था। हिंदू धर्म के प्रचार के लिए इसका गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। हमारा धर्म हिंदू सनातन धर्म है। सनातन धर्म हजारों, लाखों वर्ष पुराना धर्म है और तुलसीदास जी की यह किताब 500 साल पुरानी है। यह कोई धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि समाज को बाँटने वाली एक पुस्तक है। यह पिछड़े वर्ग के लोगों और दलितों को अपमानित करती है। होलिका दहन पर रामचरितमानस की प्रतियों को जलाया जाना चाहिए। तभी पिछड़े वर्ग के लोगों और दलितों को उनका अधिकार मिलेगा।”

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के पीजीआई कोतवाली क्षेत्र के वृंदावन योजना में रामचरितमानस की प्रतियाँ जलाने के मामले में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और नौ अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। भाजपा नेता सतनाम सिंह लवी ने मौर्य और नौ अन्य के खिलाफ 142 (गैरकानूनी सभा), 295 (धर्म का अपमान करने के इरादे से पूजा स्थल को अपवित्र करना), 153-ए (दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295-ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के उद्देश्य से किया गया दुर्भावनापूर्ण कार्य) और 506 (आपराधिक धमकी) समेत आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

इस मामले के नौ अन्य आरोपितों की पहचान देवेंद्र प्रताप यादव, यशपाल सिंह लोधी, सत्येंद्र कुशवाहा, महेंद्र प्रताप यादव, सुजीत यादव, नरेश सिंह, एसएस यादव, संतोष वर्मा और सलीम के रूप में हुई है। पुलिस ने सोमवार (31 जनवरी 2023) को इस मामले के 10 आरोपितों में से पाँच को गिरफ्तार कर लिया।

बता दें 29 जनवरी 2023 को लखनऊ के वृंदावन योजना में अखिल भारतीय ओबीसी महासभा ने समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में रामचरितमानस की प्रतियाँ जलाई थीं। ओबीसी महासभा के एक सदस्य ने कहा था, “इसमें नारी शक्ति, शूद्रों, दलित समाज और ओबीसी समाज के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी हैं। हम इन टिप्पणियों को रामचरितमानस से निकलवाना चाहते हैं। जब निकाला जाएगा तभी ये विरोध प्रदर्शन शांत होगा। नहीं तो जगह-जगह विरोध प्रदर्शन होगा।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मियाँ शहबाज नकल तो कर लोगे, पर मोदी जैसा साहस कहाँ से लाओगे: नए भारत का आदमपुर ने किया उद्घोष, पसरूर ने पस्त पाकिस्तान...

पीएम मोदी की आदमपुर एयरबेस की यात्रा की नकल कर शहबाज शरीफ पसरूर फौजी छावनी तक तो चले गए, पर पस्त पाकिस्तान की तस्वीर नहीं बदल पाए।

कश्मीर में झेलम के अधूरे तुलबुल प्रोजेक्ट को लेकर भिड़े उमर अब्दुल्ला और महबूबा, खेलने लगे ‘इस पार और उस पार’ का खेल: सिंधु...

उमर अब्दुल्ला ने महबूबा के आरोपों को 'सस्ता प्रचार' करार देते हुए कहा कि वह बहस को 'गटर' के स्तर पर नहीं ले जाएँगे।
- विज्ञापन -