ईमानदार करदाताओं की कई मौकों पर तारीफ कर चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब उनके लिए एक खास गिफ्ट लेकर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ईमानदारी से कर चुकाने वालों के लिए पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान (‘ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन- ऑनरिंग द ऑनेस्ट) नामक एक प्लेटफॉर्म का शुभारंभ किया।
पीएम मोदी के नए प्रोग्राम का मुख्य फोकस इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स यानी व्यक्तिगत आयकरदाताओं पर है। इसमें ईमानदार टैक्सपेयर्स को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।
LIVE: PM Shri @narendramodi launches platform for ‘Transparent Taxation – #HonoringTheHonest‘. https://t.co/9ktlkVyyQz
— BJP (@BJP4India) August 13, 2020
पीएम मोदी ने ट्वीट के माध्यम दे इसकी जानकारी दी है। बृहस्पतिवार (अगस्त 13, 2020) सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से होने वाले इस आयोजन में केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर भी उपस्थित हैं।
बृहस्पतिवार सुबह ही पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में कहा कि कहा कि इससे कर व्यवस्था में सुधार करने और इसे आसान बनाने के हमारे प्रयासों को बल मिलेगा। साथ ही, लिखा कि इससे ईमानदार करदाताओं को लाभ मिलेगा जिनकी कड़ी मेहनत से देश की प्रगति को ताकत मिलती है।
At 11 AM on Thursday, 13th August, the platform for “Transparent Taxation – Honoring the Honest” would be launched. This adds strength to our efforts of reforming and simplifying our tax system. It will benefit several honest tax payers, whose hardwork powers national progress.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 12, 2020
रिपोर्ट्स के अनुसार, करीब 3-4 हफ्तों से पीएम मोदी वरिष्ठ टैक्स अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं और वह इस नतीजे पर पहुँचे हैं कि देश में एक पारदर्शी टैक्सेशन की जरूरत है। इन बैठकों में आयकर रिटर्न को लेकर काफी चर्चा हुई है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी के नए प्रोग्राम का मुख्य फोकस इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स पर होगा।
Following several major tax reforms, Hon’ble PM @narendramodi will be launching ‘Transparent Taxation’ #HonoringTheHonest today, with a focus on simplifying direct tax laws and bringing efficiency and transparency in the functioning of the IT Department. pic.twitter.com/eFgb4bK3mY
— G Kishan Reddy (@kishanreddybjp) August 13, 2020
प्लेटफॉर्म के उद्घाटन के अवसर पर पीएम मोदी ने कहा – “देश में चल रहा स्ट्रक्चरल रिफॉर्म का सिलसिला आज एक नए पड़ाव पर पहुँचा है। ट्रांसपैरंट टैक्सेशन- ऑनरिंग द ऑनेस्ट, 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की इस नई व्यवस्था का आज लोकार्पण किया गया है।”
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 6 सालों में हमारा उद्देश्य सरकार का कम से कम हस्तक्षेप करना रहा है। पहले दबाव में लिए गए फैसलों को ‘रिफोर्म कहा जाता था लेकिन हमारे लिए रिफोर्म का मतलब नीति आधारित फैसला लेना और उसे दूसरे रिफोर्म का आधार बनाना है।
पीएम मोदी के भाषण की कुछ प्रमुख बातें –
आज हर नियम-कानून को, हर पॉलिसी को प्रोसेस और पॉवर सेंट्रिक अप्रोच से बाहर निकालकर उसको पीपल सेंट्रिक और पब्लिक फ्रेंडली बनाने पर बल दिया जा रहा है। ये नए भारत के नए गवर्नेंस मॉडल का प्रयोग है और इसके सुखद परिणाम भी देश को मिल रहे हैं।
ईमानदार का सम्मान। देश का ईमानदार टैक्सपेयर राष्ट्रनिर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। जब देश के ईमानदार टैक्सपेयर का जीवन आसान बनता है, वो आगे बढ़ता है, तो देश का भी विकास होता है, देश भी आगे बढ़ता है।
टैक्स पेयर के लिए अधिकार और कर्तव्य, दोनों को संतुलित करने और सरकार की जिम्मेवारी पक्की करने का यह बहुत अहम कदम है। टैक्स पेयर को सम्मान देने वाले दुनिया में बहुत कम देश हैं लेकिन अब भारत भी इस महत्वपूर्ण कदम में शामिल हो गया है। अब टैक्स पेयर को उचित व्यवहार और सम्मान का लाभ दिया जाएगा। विभाग अब बिना कसी आधार के उसे शक की नजर से नहीं देखेगा। यदि कोई संदेश है तो टैक्स पेयर को अपील और समीक्षा का भी अधिकार होगा।
जहाँ कॉम्प्लेक्सिटी होती है, वहाँ कम्प्लायंस भी मुश्किल होता है। कम से कम कानून हो, जो कानून हो वो बहुत स्पष्ट हो तो टैक्सपेयर भी खुश रहता है और देश भी। बीते कुछ समय से यही काम किया जा रहा है। अब जैसे, दर्जनों टैक्सों की जगह जीएसटी आ गया।
अभी तक होता यह है कि जिस शहर में हम रहते हैं उसी शहर का टैक्स डिपार्टमेंट टैक्स से जुड़ी सभी बातों को हैंडल करता है। स्क्रूटनी हो, नोटिस हो, सर्वे हो जब्ती हो, इसमें उसी शहर के आईटी अधिकारी की मुख्य भूमिका रहती है। यह भूमिका अब खत्म हो गई है।
अब इसे टेक्नॉलजी की मदद से बदल दिया गया है। अब स्क्रूटनी के मामलों को देश के किसी भी क्षेत्र में किसी भी अधिकारी के पास रैंडम तरीके से भेजा जाएगा। अब मुंबई के टैक्सपेयर का मामाला मुंबई के अधिकारी के पास नहीं जाएगा, संभव है कि वह चेन्नै या रायपुर या फिर किसी अन्य जगह चला जाए।
करदाता और इनकम टैक्स दफ्तर को जान पहचान बनाने का, प्रभाव और दवाब का मौका अब जीरो हो गया है। सब अपने अपने दायित्व के हिसाब से काम करेंगे। विभाग को इससे लाभ यह होगा कि अनावश्यक मुकदमेबाजी खत्म होगी। ट्रांसफर-पोस्टिंग वाली गैरजरूरी ऊर्जा से भी राहत मिलेगी। इससे टैक्स के जुड़े मामलों की जाँच के साथ-सात अपील भी फेसलेस होगी।