Wednesday, May 1, 2024
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J&K पर अफवाह फैलाने वाले हैंडल्स को सस्पेंड करो: केंद्र की Twitter को दो टूक

इन एकाउंट्स की सूची में अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का ट्विटर अकाउंट भी शामिल है। हालाँकि, अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि इस अकाउंट को गिलानी द्वारा ही ऑपरेट किया जा रहा है।

सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार अफवाहें फैला कर यह साबित करने की कोशिश की जा रही है कि जम्मू-कश्मीर में कुछ भी ठीक नहीं है। केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्यपाल सतपाल मलिक ने साफ़-साफ़ बताया है कि राज्य में वातावरण शांतिपूर्ण है और माहौल सामान्य है। बकरीद भी घाटी में शांतिपूर्ण ढंग से मनाया गया। इन सबके बवजूद ट्विटर पर कुछ एकाउंट्स से लगातार अफवाहें फैला कर एक ग़लत नैरेटिव पेश करने की कोशिश की जा रही है, जिससे माहौल बिगड़ सकता है।

गृह मंत्रालय ने ट्विटर को कुछ ऐसे एकाउंट्स की सूची दी है, जिनके द्वारा अफवाहें और ग़लत सूचनाएँ फैला कर जम्मू-कश्मीर में शांति और अस्थिरता के माहौल को बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इन एकाउंट्स की सूची में अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का ट्विटर अकाउंट भी शामिल है। हालाँकि, अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि इस अकाउंट को गिलानी द्वारा ही ऑपरेट किया जा रहा है। निम्नलिखित ट्विटर एकाउंट्स को सस्पेंड करने का निर्णय लिया गया है:

1. @kashmir787 – वॉइस ऑफ कश्मीर
2. @Red4Kashmir – मदीहा शकील ख़ान
3. @arsched – अरशद शरीफ
4. @mscully94 – मेरी स्कूली
5. @sageelaniii – सैयद अली गिलानी
6. @sadaf2k19
7. @RiazKha61370907
8. RiazKha723

कई पाकिस्तानी ट्विटर हैंडल भी सोशल मीडिया का ग़लत इस्तेमाल करते हुए ग़लत सूचनाओं को फैला रहे हैं। एनडीटीवी में प्रकाशित खबर के अनुसार, गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि ये सारे ट्विटर हैंडल्स फेक न्यूज़ फैला रहे हैं और उनके द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा से यह साफ़-साफ़ झलकता है कि उन्हें पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई और पाक फ़ौज द्वारा ऑपरेट किया जा रहा है।

कश्मीर रेंज के इंस्पेक्टर जनरल स्वयं प्रकाश ने बताया कि ये ट्विटर हैंडल्स जम्मू कश्मीर से ऑपरेट नहीं किए जा रहे हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि ग़लत सूचनाओं पर यकीन न करें। ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा कि कम्पनी द्वारा किसी भी हैंडल पर टिप्पणी उनके प्रिवेसी से जुड़े नियम-कायदों के विपरीत है। ट्विटर ने कहा कि कम्पनी को दिए जाने वाले सभी वैधानिक रिक्वेस्ट्स को साल में दो बार ‘ट्विटर ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट’ के तहत प्रकाशित किया जाता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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