7 मई, 2025 को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चला कर पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर के 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की। जिसे भारत ने फेल कर दिया। शनिवार (10 मई, 2025) की सुबह पाकिस्तान ने एक मिसाइल भारत पर दागी। इसे सिरसा में मार गिराया गया। आशंका जताई गई कि यह पाकिस्तान की फतह-II बैलिस्टिक मिसाइल थी। इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस उड़ा दिए। इनमें एयरबेस नूर खान और मुशाफ भी थे।
नूर खान एयरबेस पाकिस्तान के रावलपिंडी में है और राजधानी इस्लामाबाद से मात्र 10 किलोमीटर दूर स्थित है। यह एयरबेस पाकिस्तान के सबसे महत्वपूर्ण एयरबेस में से एक है। यहाँ पाकिस्तान के C-130 कार्गो, IL-76 रिफ्युलर समेत कई महत्वपूर्ण विमान तैनात रहते हैं। जबकि मुशाफ एयरबेस पाकिस्तान के सरगोधा में है। मुशाफ एयरबेस से भारत सीमा से मात्र 150 किलोमीटर की दूरी पर है। इस एयरबेस पर पाकिस्तान के F-16, JF-17 और मिराज समेत कई महत्वपूर्ण विमान तैनात रहते हैं।

यह भी कयास हैं कि इनमें से कई विमानों को भारत ने नुकसान पहुँचाया है। इसकी तस्वीरें भी सामने आई है। सैटेलाईट से ली गई तस्वीरों में भी भारतीय हमले का असर साफ दिखा है। मुशाफ और नूर खान जैसे सैन्य ठिकानों पर हमला दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव में एक महत्वपूर्ण मोड़ था। क्योंकि नूर खान पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का कमांड एंड कण्ट्रोल सिस्टम है। और किराना हिल्स था, जो कि सरगोधा के निकट ही मौजूद है, उसकी परमाणु स्टोरेज फैसिलिटी।

सिर्फ मुशाफ बेस ही नहीं, किराना हिल्स भी?
सरगोधा के मुशाफ एयरबेस पर हमला जहाँ काफी बड़ी बात है, वहीं इससे अहम एक और घटना संभवतः इसी बीच घटी। कई विश्लेषकों ने बताया कि भारतीय वायु सेना और सेना का हमला सिर्फ नूर खान और बाकी 10 एयरबेस पर ही नहीं हुआ, बल्कि इसी के साथ पाकिस्तान की परमाणु हथियारों की स्टोरेज फैसिलिटी किराना हिल्स पर भी हमला किया गया है। किराना हिल्स सरगोधा जिले में ही स्थित है और मुशाफ एयरबेस के पास मौजूद है।
This is huge!
— Jaidev Jamwal (@JaidevJamwal) May 10, 2025
Kirna Hilla, a hardened military storage site for nuclear weapons and conventional ammunitions in near Mushaf Airbase (Sargodha) hit by multiple Indian missile/bombs.
1/ pic.twitter.com/t0wk31TGQy
किराना हिल्स पहाड़ का नाम है। यह इलाका पूरी तरह से पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने अपने कब्जे में ले रखा है। यहाँ पाकिस्तान ने पहाड़ के नीचे अपनी स्टोरेज फैसिलिटी बनाई हुई है, इसमें हथियार रखे जाते हैं। यह भी सामने आया है कि यहाँ पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियार छुपाए हुए हैं। विश्लेषकों ने कई फुटेज और लोकेशन का विश्लेषण करके दावा किया है कि इस फैसिलिटी के दरवाजों पर भारत ने हमला किया है। एक फुटेज भी इस संबंध में वायरल हो रही है।
विश्लेषकों का दावा है कि यह इस फैसिलिटी पर भारत ने कोई ब्रह्मोस जैसी मिसाइल दागी है, जिसने बड़ा नुकसान यहाँ पहुँचाया है। यह भी दावा है कि यहाँ पर भारत ने एक से अधिक हमले एक साथ किए हैं, जिसके चलते इस फैसिलिटी को नुकसान पहुँचा है। विश्लेषकों के अनुसार, यह हमला भारत ने 10 मई को सिरसा पर मिसाइल छोड़े जाने के बाद भारत ने किया। इस हमले में कितना नुकसान हुआ है, इसको लेकर भी विश्लेषकों के अलग-अलग दावे हैं।
किराना हिल्स के परमाणु हथियार भी उड़ाए?
किराना हिल्स को लेकर सबसे पहले दावा करने वाले विश्लेषक जयदेव जमवाल ने एक्स (पहले ट्विटर) पर बताया है कि इस हमले में पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को नुकसान पहुँचा है। उन्होंने बताया है कि हमला संभवतः इस जगह पर बनाई गई सुरंगों के ऊपर था। कुछ वर्ष पहले सामने आई तस्वीरों से पता चलता है कि इस पहाड़ में जाने के लिए पाकिस्तान ने कई सुरंगे बना रखी हैं। उनका दावा है कि लगातार हुए हमलों के चलते इस इन्फ्रा को नुकसान पहुँचा और इसके चलते अंदर रखे परमाणु हथियार भी डैमेज हुए। इसका असर भी देखने को मिला।
It's very likely that paki nukes were targeted in this strike and there have been multiple hits on the complex. Destruction of Mushaf Airbase's runway prevented Paki fighters from running interference.
— Jaidev Jamwal (@JaidevJamwal) May 10, 2025
Congratulations to all involved in the excellent mission planning.
3/ pic.twitter.com/oqFKtaBa3p
भूकंप और अमेरिकी विमान की आमद से मिला और बल
भारत के पाकिस्तान की इस किराना हिल्स फैसिलिटी पर हमले की थ्योरी को और भी बल कुछ और घटनाओं से मिला। 10 मई, 2025 को पाकिस्तान में दोपहर में ही रिक्टर स्केल पर 4.0 की तीव्रता का एक भूकंप आया। दरअसल, परमाणु हमलों के समय भी ऐसे ही भूकंप महसूस किए जाते हैं। विश्लेषकों ने दावा किया कि कहीं यह भूकंप परमाणु हथियारों के फटने के चलते तो नहीं आए। भारतीय हमले के अलावा यह भी एक आशंका जताई गई कि पाकिस्तान ने स्वयं ही यह धमाका किया हो ताकि इसका सन्देश जाए।
An earthquake with a magnitude of 4.0 on the Richter Scale hit Pakistan at 01.44 am (IST) today: National Center for Seismology (NCS) pic.twitter.com/zAuDQQ2WRQ
— ANI (@ANI) May 9, 2025
इसके बाद 11 मई, 2025 को एक और घटना घटी। इस दिन पाकिस्तान में एक अमेरिकी विमान की आमद हुई। यह बीचक्राफ्ट कम्पनी का एक विमान था। इसका नम्बर N111SZ था। विश्लेषकों ने दावा किया कि यह विमान अमेरिका के एनर्जी विभाग का है। एनर्जी विभाग ही अमेरिका और उससे जुड़े देशों में परमाणु हथियारों की देखरेख करता है। विश्लेषकों का दावा है कि यह एयरक्राफ्ट पाकिस्तान में परमाणु हथियार फटने हुए रेडियो विकिरण को जाँचने आया है।
यह एयरक्राफ्ट इस्लामाबाद और आसपास के इलाकों में उड़ान भरता देखा गया। विश्लेषकों का कहना है कि किराना हिल्स से हुए विकिरण को जाँचने यह विमान हवा में चक्कर काट रहा था। हालाँकि, इसके उलट भी कुछ दावे हुए। बताया गया कि यह एयरक्राफ्ट 2010 में ही अमेरिकी एनर्जी विभाग से डीरजिस्टर हो चुका था और अब यह पाकिस्तान के लिए काम करता है। किसी भी पक्ष की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हो सकी। इस विमान की उड़ान के भी कई सबूत सोशल मीडिया पर रखे गए।
Who landed in Pakistan.
— Vikram Pratap Singh (@VIKRAMPRATAPSIN) May 11, 2025
N111SZ
Hex Code A03192
US Department of Energy – Nuclear Emergency Support aircraft (B350 AMS)
So we did hit the nuclear Assets of Enemy . Radiation methods / help aide coming from China & USA.
Wait for some more time for things to unfold . pic.twitter.com/4TV72PkwOb
ईजिप्ट के विमान ने शक को और भी बढ़ाया
भारत के पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर हमला करने और उसके बाद सीजफायर होने की थ्योरी को एक और घटना ने बल दिया है। फ्लाईट की आवाजाही पर नजर रखने वाले लोगों ने बताया कि ईजिप्ट से 11 मई, 2025 को एक विमान पाकिस्तान पहुँचा। इसके एक दिन बाद एक और विमान ईजिप्ट से पकिस्तान आया है। इसका नम्बर EGY1916 बताया गया। यह विमान ईजिप्ट की एयरफ़ोर्स के थे। इसके बाद लोगों के मन में प्रश्न उठे।
𝗕𝗥𝗘𝗔𝗞𝗜𝗡𝗚
— Nepal Correspondence (@NepCorres) May 11, 2025
A plane from Egypt no: EGY1916 has landed in #Rawalpindi carrying emergency shipment of Boron. Boron is used to damp radioactive radiations & is found in abundance in Nile delta.#Pakistan actually has a radiation spill after #IndianArmy strikes at #NurKhanBase. https://t.co/KfE79GcEh0 pic.twitter.com/7QHWobPieM
इन विमानों की आमद को लोगों ने बोरान लाए जाने से जोड़ा। विश्लेषकों ने कहा कि बोरान का इस्तेमाल परमाणु हथियार फटने से हुए रेडियो विकिरण को कम करने में किया जाता है। ऐसे में संभवत पाकिस्तान ईजिप्ट से बोरान ही मँगा रहा था। इस दावे को इस बात से बल मिला कि ईजिप्ट बोरान का एक बड़ा उत्पादक है और यह ईजिप्ट के नील नदी के डेल्टा में बड़ी मात्रा में उत्खनन होता है। हालाँकि, इसको लेकर ना ही ईजिप्ट और ना ही पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर कोई जानकारी दी है।
क्या परमाणु धमाका ही था वह ‘इंटेल’?
भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच 10 मई, 2025 को ही शाम 5 बजे सीजफायर का ऐलान हुआ। इसका ऐलान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने किया। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की भी इसमें भूमिका बताई गई। यह बात जितनी महत्वपूर्ण थी, उससे महत्वपूर्ण थी यह क्यों हुआ। अमेरिकी मीडिया संस्थान CNN ने एक रिपोर्ट में बताया कि जेडी वेंस ने दोनों देशों से बातचीत और शांति समझौते के लिए प्रयास का यह कदम एक चिंताजनक खुफिया जानकारी के बाद उठाया।
भारतीय सेनाओं के किराना हिल्स पर हमले और अमेरिका के उसके बाद सक्रिय होने को लेकर यही एक कड़ी है। यह बात स्पष्ट नहीं है लेकिन संभवतः परमाणु फैसिलिटी पर हमला या फिर भारत का इस संबंध में स्पष्ट कर देना कि अब उसका निशाना सामान्य पाकिस्तनी एयरबेस या सैन्य अड्डे ना होकर परमाणु फैसिलिटी होंगी, अमेरिका को चिंतित कर गया। इसके समर्थन में एक बात और भी है। दरअसल, 10 मई 2025 तक दोनों देश लगातार एक दूसरे पर हमला कर रहे थे और भारत को बढ़त हासिल थी।
यह स्थिति 10 मई, 2025 को 2 बजे दोपहर तक थी। लेकिन इसी बीच ऐसा क्या हुआ कि 5 बजे सीजफायर का ऐलान दोनों देशों ने कर दिया। एक और प्रश्न उठता है कि इस सीजफायर को लेकर अमेरिका और राष्ट्रपति ट्रम्प ने जहाँ पीठ ठोंकी वहीं 2 दिन पहले वह इस मामले से दूर भाग रहे थे। उनका मत था कि यह मामला दोनों देशों के बीच का है और वही इसे निपटाएंगे। ऐसे में कुछ घंटो के भीतर क्या हुआ कि अमेरिका इस पूरे बवाल में इंट्रेस्टेड हो गया।
इस परिस्थिति को लेकर जितने भी प्रश्न अभी चल रहे हैं, उनमें से एक का जवाब भी अभी आधिकारिक तौर पर नहीं आया है। अधिकांश जगह एक सिरे से दूसरा मिला कर ही बातें कही जा रही हैं। संभवत: यह जानकारी इतनी संवेदनशील है कि इसको लेकर कभी कुछ सामने ही ना आए। भारतीय वायु सेना के DG ऑपरेशन AK भारती ने भी यह स्पष्ट किया है कि उन्होंने किराना फैसिलिटी को निशाना नहीं बनाया है। उन्होंने परमाणु हथियार वहाँ मौजूद हैं यह बात बताने के लिए मीडिया का धन्यवाद भी किया है।