Friday, December 6, 2024
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‘मुस्लिमों के साथ मत खेलो… वे बदला लेंगे’: खामनेई के कार्टून पर ईरान ने शार्ली एब्दो को दी धमकी, कहा- सलमान रुश्दी जैसा हाल होगा

"मुसलमानों के साथ मत खेलो। सलमान रुश्दी ने 30 साल पहले कुरान और इस्लाम के पवित्र पैगंबर का अपमान किया और फिर छिप गए। देर-सवेर, मुसलमान बदला लेंगे और आप बदला लेने वालों को गिरफ्तार कर सकते हैं, लेकिन जो मर जाएगा वह फिर से नहीं उठेगा।"

ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख मेजर जनरल हुसैन सलामी ने फ्रांस और वहाँ की मशहूर व्यंग्य पत्रिका शार्ली एब्दो के संपादकों को धमकी दी है। कहा है कि उनका हश्र लेखक सलमान रुश्दी जैसा हो सकता है। दरअसल, शार्ली एब्दो पत्रिका में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई पर एक कार्टून पब्लिश किया था। इसी कार्टून को लेकर पत्रिका के संपादकों को धमकी दी जा रही है।

बता दें कि सलमान रुश्दी को साल 1988 में उपन्यास ‘द सैटेनिक वर्सेज’ के प्रकाशन के बाद से ही जान से मारने की धमकियाँ दी जा रही है। इसके कारण वे कई साल छिपकर रहने के लिए मजबूर हो गए थे। साल 1989 में ईरान के तत्कालीन सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खुमैनी ने उनके खिलाफ फतवा तक जारी किया था। पिछले साल न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम के दौरान उनपर हमला हुआ था और वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख मेजर जनरल हुसैन सलामी ने शार्ली एब्दो को धमकी देते हुए कहा है, “मैं फ्रांस और शार्ली एब्दो के डायरेक्टर्स को सलमान रुश्दी की हालत पर नजर डालने की सलाह दे रहा हूँ। मुसलमानों के साथ मत खेलो। सलमान रुश्दी ने 30 साल पहले कुरान और इस्लाम के पवित्र पैगंबर का अपमान किया और फिर छिप गए। देर-सवेर, मुसलमान बदला लेंगे और आप बदला लेने वालों को गिरफ्तार कर सकते हैं, लेकिन जो मर जाएगा वह फिर से नहीं उठेगा।”

शार्ली एब्दो पत्रिका के संपादक, लॉरेंट सॉरीसेउ ने इस धमकी का जवाब देते हुए कहा है कि वह ईरान के मौलवियों के कुछ और कार्टून प्रकाशित करेंगे। उन्होंने कहा है “मुल्ला खुश नहीं हैं। ऐसा नहीं लगता कि उनके सर्वोच्च नेता के कार्टून ने उन्हें हँसाया है। एक तरह से यह सम्मान की बात है, लेकिन इन सबसे ऊपर यह साबित होता है कि उन्हें लगता है कि उनका शासक बेहद कमजोर है।”

दरअसल, शार्ली एब्दो ने एक प्रतियोगिता आयोजित की थी। इस प्रतियोगिता में ईरान में चल रहे हिजाब विरोधी प्रदर्शन का समर्थन करने और ईरानी नेता का विरोध करने के लिए कार्टून बनाने के लिए कहा गया था। इस प्रतियोगिता के विजेता द्वारा बनाए गए कार्टून को शार्ली एब्दो ने जारी किया था।

कार्टून पब्लिश होने के बाद ईरान और फ्रांस के बीच तनाव बढ़ गया था। इस तनाव के बाद, फ्रेंच इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च को बंद कर दिया गया। इस इंस्टीट्यूट के बंद होने को ईरान के विदेश मंत्रालय ने कार्टूनों के जवाब में पहला कदम बताया था। साथ ही फ्रांस को सबक सिखाने के लिए कुछ अन्य कदम उठाने की धमकी दी थी।

इन धमकियों के जवाब में, व्यंग्य पत्रिका शार्ली एब्दो ने बीते सप्ताह ईरान का मज़ाक उड़ाते हुए एक और कार्टून तैयार किया। इस कार्टून को पत्रिका ने अपने कवर के रूप में जारी किया। 

कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया है कि कार्टून पब्लिश होने के बाद शार्ली एब्दो पर साइबर हमला भी हुआ था। साइबर हमले के जवाब में पत्रिका के संपादक लॉरेंट सॉरीसेउ ने कहा था, “एक डिजिटल हमला किसी को मार नहीं सकता। लेकिन यह टोन सेट करता है। मुल्ला हुकूमत इस कदर खतरा महसूस करती है कि वह अपने वजूद के लिए एक फ्रांसीसी अखबार की वेबसाइट को हैक करना जरूरी समझती है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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