Friday, March 7, 2025
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‘एक कपड़े उतारता… दूसरा खींचता’: 2:30 घंटे तक 300-400 पाकिस्तानी मर्दों के लिए थी ‘खिलौना’, आयशा को सुनिए

पीड़िता के अनुसार उन्होंने जिंदा बचने की उम्मीद छोड़ दी थी। हालत ऐसी हो गई थी कि उनको साँस नहीं आ रही थी, लेकिन भीड़ तब भी उन्हें हवा में उछाल रही थी, पानी फेंक रही थीं। उन्हें ये तक नहीं पता चला कि उनका दुपट्टा कब उतरा और कब चप्पलें गायब हुईं।

पाकिस्तान में 14 अगस्त के मौके पर मीनार-ए-पाकिस्तान के पास आयशा अकरम नामक टिकटॉकर महिला से बदसलूकी का मामला सामने आया। सैंकड़ों (300-400) की तादाद में कई पाकिस्तानी पुरुषों ने उनके साथ बेहूदगी की और बाद में उनके कपड़े फाड़ कर उनको हवा में उछाला जाने लगा। यह सब करीब ढाई घंटे तक चला।

अब डेली पाकिस्तान को दिए अपने इंटरव्यू में पीड़िता आयशा ने आपबीती सुनाई है। उन्होंने बताया है कि लाहौर के ग्रेटर इकबाल पार्क में वह अपने साथियों के साथ वीडियो बनाने पहुँची थीं। वहीं शुरू में कुछ लोग उनके साथ सेल्फी लेने आए, जिसमें कोई बुराई नहीं थी, लेकिन बाद में भीड़ बढ़ती गई और खींचतान शुरू हो गई। भीड़ ने उन्हें और ग्रुप को तंग करना शुरू कर दिया। एक समय आया जब उन्हें एक छोटा तालाब मिला और उन्होंने सोचा कि अगर उन्हें बचना है तो उनको पानी में कूदना पड़ेगा। उनके साथी भी बोल रहे थे कि वह कूद जाएँ, लेकिन वह ऐसा न कर सकीं। उनके मुताबिक, “भीड़ में जो बचा रहा था वही उछाल रहा था। एक कपड़े उतारता था तो दूसरा बाकी बचे खींचने की कोशिश कर रहा था।”

पीड़िता कहती हैं कि उनके ग्रुप ने पुलिस को फोन भी किया था, लेकिन कोई वहाँ मौजूद ही नहीं था। उनके अनुसार, “मुझे 6:30 बजे से 9 बजे तक परेशान किया गया…भीड़ बाल खींच रही थी, मुझको उछाल रही थी।” अपने साथ हुई घटना को लेकर आयशा कहती हैं, “अगर महिला पाकिस्तान में सुरक्षित नहीं है तो फिर कहाँ सुरक्षित होगी।” उनके मुताबिक भीड़ में मौजूद लोग उन्हें लगातार छू रहे थे और उन्हें एक खेलने की वस्तु समझ रहे थे। शरीर का ऐसा कोई हिस्सा नहीं था जहाँ खरोंच न लगी हो।

महिला बताती हैं कि उनके साथ हुई घटना ऐसी भी नहीं थी कि उन्होंने कोई आपत्तिजनक ड्रेस पहनी हुई हो, जिससे उनके साथ ये सब हुआ। उनके मुताबिक तो वो प्रॉपर ड्रेस में थीं, तब भी ये सब हुआ। उन्होंने कहा, “मैंने अश्लील कपड़े नहीं पहने हुए थे। मैंने कभी नहीं पहने और न ही मैं गंदे वीडियोज बनाती हूँ। मैं प्रॉपर कपड़ों में थी। मैंने उन्हें 14 अगस्त के लिए ही सिलवाया था। लेकिन मैं जब तक सब जान पाती उन्होंने उसे फाड़ दिया।”

पीड़िता याद करती हैं कि उन्होंने कैसे बार-बार मदद के लिए गुहार लगाई लेकिन घंटों तक कोई उन्हें बचाने नहीं आया। वह पूछती हैं, “ये सब क्यों हुआ, मैंने किसी का बुरा नहीं किया। कोई मुझे जानता भी नहीं था। क्या यही सजा है पाकिस्तान की बेटी होने की।”

वह कहती हैं कि उन्होंने जिंदा बचने की उम्मीद छोड़ दी थी। वह करीब 6:30 बजे पार्क पहुँची थीं और मात्र 15 मिनट में ये सब शुरू हो गया। उन्होंने मीनार-ए-पाकिस्तान में जाकर शरण ली, लेकिन भीड़ ने वहाँ भी खोज लिया। उन्हें हवा में उछाला गया और पानी फेंका गया। उनका दुपट्टा कब गायब हुआ और चप्पलें कहाँ गई कुछ पता नहीं चला। हालत ऐसी हो गई थी कि उनको साँस नहीं आ रही थी। उन्होंने जीने की आस छोड़ दी थी। अब पीड़िता बस यही चाहती हैं कि आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई हो और वह खुद उन लोगों की कोर्ट में पहचान करें।

घटना की वीडियो वायरल

बता दें कि महिला टिकटॉकर के साथ पाकिस्तान में हुई इस बदसलूकी का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसके बाद भीड़ में शामिल लोगों की जमकर आलोचना हुई। घटना के बारे में बताते हुए महिला ने कहा कि हमला करने वाले लोगों की भीड़ उन्हें धक्का दे रही थी और खींच रही थी और उन्हें हवा में उछाला जा रहा था। महिला ने बताया कि उनके कपड़े भी फाड़ दिए गए थे, साथ ही उसकी अँगूठी और कानों की बालियाँ भी छीन ली गईं। इसके अलावा महिला के साथियों पर भी हमला किया गया और उनमें से एक का मोबाइल फोन और लगभग 15,000 रुपए भी छीन लिया गया। इस मामले में पुलिस ने महिला की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है और पुलिस को संदिग्धों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दे दिया गया है। पुलिस द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि वीडियो फुटेज के आधार पर संदिग्धों की पहचान की जा रही है और महिला के साथ बदसलूकी कर उसके सम्मान को ठेस पहुँचाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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पीड़िता का आरोप है कि उसके हाथ पर बना ॐ का टैटू तेज़ाब डाल कर मिटा दिया गया। उसके चेहरे पर भी तेज़ाब डालने की धमकी दी गई।
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