Friday, March 29, 2024
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जिंदगी भर कठमुल्लापन से लड़ते रहे तारिक फ़तेह, उनकी मौत के बाद भी मजहबियों ने दिखा दिया रंग: इस्लामी कट्टरपंथियों ने Haha से मनाया जाने का जश्न

उनकी पुस्तकों 'The Jew Is Not My Enemy' और 'Chasing a Mirage' को लोगों ने खूब पसंद किया था।

स्कॉलर तारिक फ़तेह का निधन हो गया है। उनका जन्म पाकिस्तान में हुआ था, लेकिन वो परिवार के साथ कनाडा में रह रहे थे। उनकी बेटी नताशा ने उनके निधन की सूचना दी। इस्लाम के इतिहास पर पुस्तकें लिख चुके तारिक फतह से कट्टर मुस्लिम नफरत करते थे, जो उनके निधन के बाद भी दिख रहा है। कई कट्टर मुस्लिमों ने उनके निधन पर जश्न मनाना शुरू कर दिया है। उनके निधन वाली खबर पर ‘हाहा’ रिएक्शंस डाले जा रहे हैं।

नताशा फ़तेह ने उनके निधन की खबर देते हुए उन्हें ‘पंजाब का शेर’, ‘हिंदुस्तान का बेटा’, ‘कनाडा को प्यार करने वाला’, ‘सच बोलने वाला’, ‘न्याय के लिए लड़ने वाला’ और ‘दबे-कुचले लोगों की आवाज’ करार दिया। उन्होंने लिखा कि तारिक फ़तेह ने आखिरकार अपनी मशाल आगे सौंप दी है। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके द्वारा शुरू की गई क्रांति उनलोगों के साथ जारी रहेगी, जो उन्हें जानते और प्यार करते थे।

उनका जन्म 20 नवंबर, 1949 को कराची में हुआ था। उनका परिवार विभाजन के दौरान बॉम्बे से कराची चला गया था। 60 और 70 के दशक में उन्होंने एक क्रांतिकारी छात्र नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई। फिर वो अपनी बेधड़क पत्रकारिता के ले पहचाने जाने लगे। पाकिस्तान की सरकार और फ़ौज को उनका ये रवैया पसंद नहीं आया, जिस कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा। उन्हें पाकिस्तान छोड़ कर कनाडा में शरण लेनी पड़ी।

वो खुद को ‘पाकिस्तान में जन्म भारतीय’ बताते थे और उन्हें ये मानने में कोई गुरेज नहीं था कि उनके पूर्वज हिन्दू थे। तारिक फतह पंजाबी मुस्लिम परिवार से आते थे। 1996 से 2006 तक उन्हें ‘मुस्लिम क्रॉनिकल’ नामक शो होस्ट करने के लिए भी जाना जाता है। वो इस्लाम और मुस्लिम समाज में सुधारों के पक्षधर थे। उनकी पुस्तकों ‘The Jew Is Not My Enemy’ और ‘Chasing a Mirage’ को लोगों ने खूब पसंद किया था।

जब फेसबुक पर ‘Times Of India’ ने लंबी बीमारी के बाद लेखक तारिक फ़तेह फतह के निधन की खबर दी, तो पोस्ट पर ‘हाहा’ रिएक्शंस की बाढ़ आ गई। इनमें अधिकतर कट्टर मुस्लिम थे। जहाँ अधिकतर लोग, खासकर भारतीय, उनके निधन पर गमगीन दिखे, वहीं इस्लामी कट्टरपंथी इस दौरान जश्न मनाते नजर आए। लोगों ने उन्हें एक महान व्यक्तित्व करार दिया और साथ ही उन्हें आईना दिखाया, जो उनके निधन पर जश्न मना रहे हैं।

तारिक फतह निधन वाली खबर पर कट्टर मुस्लिमों ने दिया हाहा रिएक्शन

भारत के कई न्यूज़ चैनलों पर तारिक फ़तेह हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी में अपनी बात रखते हुए और बहस में हिस्सा लेते हुए दिखते थे। ‘आप की अदालत’ में रजत शर्मा ने उनका इंटरव्यू लिया था, जो ‘इंडिया टीवी’ पर आया था और खासा वायरल हुआ था। वो अक्सर तथ्यों और इतिहास को सामने रख कर पाकिस्तान को बेनकाब कर देते थे। वो कहते हैं कि कट्टरपंथी ‘मुल्ला का इस्लाम’ में मानते हैं जबकि वो ‘अल्लाह के इस्लाम’ में भरोसा रखते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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