Sunday, June 15, 2025
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मर गई माँ… लेकिन गर्भनाल से 10 घंटे तक देती रही अपने नवजात को जीवन-घुट्टी: तुर्की-सीरिया में हजारों मौतों के बीच चमत्कार

डॉ हनी मारूफ ने बताया, ''भूकंप आने के 10 घंटे से भी अधिक समय बाद बचावकर्ताओं ने 6 फरवरी 2023 दोपहर को नवजात बच्ची को खोज निकाला। एक महिला पड़ोसी ने बच्ची का गर्भनाल काटा और बच्ची को पास के आफरीन अस्पताल लाया गया है। बच्ची को एक इनक्यूबेटर में रखा गया है।''

तुर्की-सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप ने जान-माल की भारी क्षति हुई है। मलबे से लगातार शव निकाले जा रहे हैं। मौतों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका बनी हुई है। इन कई दर्दनाक मौतों के बीच एक नवजात की जिंदगी की कहानी भी अब सामने आ रही है। दरअसल भूकंप आने के करीब 10 घंटे के बाद सीरिया से एक नवजात को बचाया गया है। नवजात बच्ची की माँ की मौत हो चुकी है लेकिन इस दौरान वह अपनी माँ से जुड़े गर्भनाल के सहारे पोषण लेती रही और जिंदा बची रही। बच्ची अब अपने परिवार में जिंदा बची एकमात्र सदस्य है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बच्ची के परिजनों और डॉक्टर ने बताया कि उत्तर-पश्चिम सीरिया के छोटे से कस्बे जिंदरिस के निवासियों ने रोते हुए नवजात की आवाज सुनी। बचाव अभियान के दौरान एक बच्ची मिली, जिसकी माँ की मौत हो चुकी थी। बच्ची पाँच मंजिला अपार्टमेंट की इमारत के मलबे के नीचे दबी अपने माँ के पैरों के सामने मिली। नवजात बच्ची का गर्भनाल माँ अफरा अबू हादिया से जुड़ा हुआ था।

बच्ची का इलाज कर रहे डॉ हनी मारूफ ने बताया, ”भूकंप आने के 10 घंटे से भी अधिक समय बाद बचावकर्ताओं ने सोमवार (6 फरवरी 2023) दोपहर को नवजात बच्ची को खोज निकाला। एक महिला पड़ोसी ने बच्ची का गर्भनाल काटा और बच्ची को पास के आफरीन अस्पताल लाया गया है। बच्ची को एक इनक्यूबेटर में रखा गया है।”

उन्होंने बताया कि बच्ची के शरीर का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया था और उसकी पीठ पर चोट के बड़े निशान हैं, हालाँकि बच्ची की हालत स्थिर बनी हुई है। मारूफ ने कहा कि बच्ची के शरीर के तापमान में हुई गिरावट को देखते हुए संभवतः उसका जन्म उसे खोजे जाने से तीन घंटे पहले हुआ होगा।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि मलबे से बच्ची को निकाले जाने के समय उसकी गर्भनाल जुड़ी हुई है। एक व्यक्ति उसे लेकर तेजी से भागता है और दूसरा व्यक्ति उसे लपेटने के लिए कंबल फेंकता है।

वहीं डॉक्टर ने कहा, ”अगर बच्ची मलबे के नीचे एक घंटे और रह जाती तो वह मर जाती। वह अपनी माँ के पैरों के सामने मिली। धूल और चट्टानों को हटाने के बाद बच्ची जीवित पाई गई।” अबू हादिया, उनके पति और चार बच्चों के शव इमारत के गेट के पास मिले हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि ये लोग भूकंप के समय इमारत से निकलने की कोशिश कर रहे होंगे लेकिन बिल्डिंग का हिस्सा इनके ऊपर गिर गया और इनकी मौत हो गई।

उत्तर पश्चिमी सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके में स्थित जिंदरिस भूकंप से बुरी तरह प्रभावित हुआ और यहाँ कई इमारतें ढह गईं हैं। वहीं नवीनतम आँकड़ों के मुताबिक भूकंप से करीब 7900 लोगों की अबतक मौत हो चुकी है। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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