पाकिस्तान की फौज का मुख्या जनरल आसिम मुनीर, जिसे मुल्ला मुनीर भी कहते है, ने खुद को फील्ड मार्शल के पद पर प्रमोट कर लिया है। यह सर्वोच्च फौजी पद होता है। मुल्ला मुनीर का खुद को प्रमोशन देना चौकाने वाला नहीं है, क्योंकि पाकिस्तानी फौज चुनी गई सरकारों का तख्तापलत करने के लिए कुख्यात रही है। लेकिन इस समय का चयन बेहद हास्यस्पद है।
उल्लेखनीय है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर 9 आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया। हमले में बहावलपुर और मुरीदके के शिविरों में पुलवामा हमले और IC-814 अपहरण के मास्टरमाइंड सहित 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया और इसमें पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ। भारतीय सेना के इस सटीक हमले में करीब 40 पाकिस्तानी फौजी भी मारे गए और पाकिस्तान की हवाई रक्षा प्रणाली भी पस्त हो गई थी।
युद्ध के दौरान बंकर में छिप गया था मुल्ला मुनीर!
जानकारी के अनुसार, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान जब भारतीय मिसाइलें और ड्रोन पाकिस्तान के घर में घुसकर एयरबेस पर कहर बरपा रही थी, तब पाकिस्तानी फौज प्रमुख आसिम मुनीर कथित तौर पर एक बंकर में छिपे हुए थे। उनकी इस ‘वीरता’ के बावजूद, उन्हें फील्ड मार्शल जैसे प्रतिष्ठित पद पर प्रमोट करना पाकिस्तान की फौजी और राजनीतिक प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
सोशल मीडिया पर इसकी खिल्ली उड़ाई जा रही है। एक यूजर ने लिखा कि ‘फील्ड मार्शल ऑफ सरेंडर।’ इसके अलावा एक अन्य यूजर ने पूछा, “क्या उन्होंने उसे छिपने के लिए सबसे गहरा बंकर खोजने के लिए प्रमोट किया?”
इसके अलावा एक यूजर ने पोस्ट शेयर कर लिखा कि ‘इजरायल ने सभी युद्ध जीते मगर कोई मेडल नहीं।’ दूसरी फोटो में लिखा है, “पाकिस्तान सभी युद्ध हारे, मेडल लाहौर मार्केट से लिया।”
Pakistan army supremacy 😂😂🤣#AsimMunir #fieldmarshal pic.twitter.com/6ekeliHPQv
— SPARTAN👑 (@Gster007) May 20, 2025
दूसरे मीम में रणवीर सिंह की फिल्म पद्मावत की एक फोटो है जिसमें रणवीर सिंह कहते हैं, “यह तोहफा हमने खुद को दिया है।” इसे शेयर करते हुए लिखा है कि फील्ड मार्शल रैंक पर आसिम मुनीर ऐसा कह रहा होगा।
Asim Munir on his Field Marshal rank pic.twitter.com/CBCWCLPaNK
— Varun Kumar Rana (@VarunKrRana) May 21, 2025
तीसरे मीम में आसिम मुनीर खुद को प्रमोट करते नजर आ रहे हैं।
Pakistan's Army chief Asim Munir promoted him self to FieldMarshal pic.twitter.com/Fr9EAvPkGo
— Arya (@WhyyArya) May 20, 2025
क्या होता है फील्ड मार्शल का पद?
दरअसल फील्ड मार्शल सेना का सर्वोच्च पद होता है, जिसे अक्सर ‘5 स्टार’ रैंक के रूप में जाना जाता है। यह एक सम्मानजनक पद होता है, जो आमतौर पर युद्ध में असाधारण जीत या देश के लिए विशेष योगदान के लिए दिया जाता है। इस पद को प्राप्त करने वाला अधिकारी जीवन भर सक्रिय सूची में रहता है, हालाँकि सेवानिवृत्ति के बाद उसे कोई सक्रिय कमांड भूमिका नहीं निभानी होती। यह ब्रिटिश सैन्य परंपराओं का हिस्सा है, जिसे पाकिस्तान ने भी अपनाया है।
वैसे तो आधिकारिक तौर पर किसी भी फील्ड मार्शल का चुनाव देश का राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्रालय और सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के द्वारा होता है, लेकिन पाकिस्तान में सभी तंत्रों पर वहाँ की फौज हावी रही है और सभी फैसले भी फौज खुद कर लेती है।
क्या इससे पहले भी पाकिस्तान में कोई फील्ड मार्शल था?
जी हाँ, आसिम मुनीर से पहले पाकिस्तान के इतिहास में केवल एक ही व्यक्ति फील्ड मार्शल रहा है। वह थे जनरल मुहम्मद अयूब खान, जिन्होंने 1958 में सैन्य तख्तापलट के बाद सत्ता संभाली और 1959 में खुद को यह पद दिया था। अयूब खान पाकिस्तानी फौज के कमांडर-इन-चीफ और बाद में देश के राष्ट्रपति भी बने।
आसिम मुनीर का मामला अलग है, क्योंकि उन्हें नागरिक सरकार द्वारा प्रमोट किया गया है, और वह 2027 में अपनी सेवानिवृत्ति तक सेवारत सेना प्रमुख बने रहेंगे।
भारत ने जिस नेतृत्व वाली फौज को धूल चटाई है, उसके मुखिया को खुद को प्रमोट कर लेना बताता है, कि पाकिस्तान एक मुल्क के तौर पर कितना असफल है। माना जा रहा है कि मुल्ला मुनीर ने आंतरिक चुनौतियों से बचने और फौज में बगावत की स्थिति पर काबू करने के मकसद से यह फैसला किया है।