Wednesday, June 18, 2025
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लश्कर आतंकी के चेहरे पर ‘मामूली मुल्ला’ का बुर्का डाल रही थी पाकिस्तानी फौज, पर जो नेशनल ID दिखाई वह ‘ग्लोबल टेररिस्ट सूची’ से मेल खा गई: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद जनाजे की अगुवाई करता दिखा था

DG ISPR ने हाफिज अब्दुर रऊफ को निर्दोष साबित करने के लिए उसका राष्ट्रीय पहचान पत्र सार्वजनिक तौर पर दिखाया। हालाँकि इस पहचान पत्र की जन्मतिथि और राष्ट्रीय पहचान संख्या अमेरिका के वित्त विभाग और OFAC की प्रतिबंधित सूची में शामिल जानकारी से मेल खा गई।

पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (DG ISPR) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने 10 मई 2025 को एक वायरल तस्वीर पर अपनी प्रतिक्रिया दी। वायरल तस्वीर में एक आदमी को सेना के वर्दीधारी जवानों के साथ जनाजे की नमाज अता करते हुए देखा जा रहा था। बाद में उस आदमी को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी हाफिज अब्दुर रऊफ के तौर पर पहचाना गया था।

DG ISPR ने प्रेस से बात करते हुए दावा किया कि जिस आदमी को भारतीय अधिकारियों और मीडिया ने लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का आतंकी कहा है, असल में वह महज एक प्रचारक और निर्दोष आदमी है। अपने दावे के समर्थन में DG ISPR ने हाफिज का पहचान पत्र और वीडियो बयान को भी सबके सामने रखा।

उल्लेखनीय है कि हाफिज अब्दुर रऊफ अमेरिकी वित्त विभाग ने ग्लोबल टेररिस्ट (वैश्विक आतंकी) के तौर पर नामित किया है। लश्कर-ए-तैयबा (LeT) की गतिविधियों और उसके लिए फंड रेजिंग में उसका अहम किरदार है। इसके बावजूद DG ISPR ने दावा किया कि वह एक निर्दोष व्यक्ति है।

पाकिस्तानी फौज को सफाई देने की जरूरत क्यों पड़ी

DG ISPR का यह बयान एक्सप्रेस न्यूज के पत्रकार खालिद महमूद के सवाल के जवाब में सामने आया। पत्रकार ने पूछा कि भारतीय अधिकारियों और मीडिया संस्थानों ने एक तस्वीर साझा की थी, जिसमें पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी एक अंतिम संस्कार के दौरान प्रार्थना करते दिख रहे थे। उसी अंतिम संस्कार में, हाफिज अब्दुर रऊफ को नमाज अता करते हुए देखा गया। इस विवाद ने पाकिस्तान के आतंकवाद से जुड़े दावों को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।

पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के एक्शन के तौर पर 7 मई 2025 को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी 9 ठिकानों पर सटीक हमले किए। इन हमलों में लगभग 100 आतंकवादी मारे गए।

भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने 8 मई 2025 को पाकिस्तान पर सार्वजनिक तौर पर आतंकियों को सम्मान देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF), लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के सरगनाओं से जुड़ा हुआ है और उन्हें राज्य स्तरीय सम्मान देता है।

उन्होंने एक वायरल तस्वीर साझा की, जिसमें रऊफ आतंकवादियों के अंतिम संस्कार की नमाज पढ़ते हुए दिखाई दे रहा था। इसमें पाकिस्तानी फौज के अधिकारी अपनी यूनिफॉर्म में उसके पीछे खड़े दिख रहे हैं।

भारत ने ऑपरेशन के दौरान मारे गए लश्कर और जैश आतंकवादियों की सूची भी जारी की। एक संबंधित रिपोर्ट में ऑपइंडिया ने उल्लेख किया था कि हाफिज ने अंतिम संस्कार की नमाज पढ़ी।

ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी ने भी एक इंटरव्यू में इसी तस्वीर पर बात की। उन्होंने बताया कि हाफिज एक नामित आतंकवादी है। वह अंतिम संस्कार की नमाज पढ़ रहा था, जबकि पाकिस्तानी सेना के अधिकारी पीछे खड़े थे। उन्होंने इसे पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को प्रायोजित करने के सबूत के रूप में सामने रखा।

OFAC आतंकवादी सूची से मेल खाता पहचान पत्र

दिलचस्प बात ये है कि DG ISPR ने हाफिज अब्दुर रऊफ को निर्दोष साबित करने के लिए उसका राष्ट्रीय पहचान पत्र सार्वजनिक तौर पर दिखाया। हालाँकि इस पहचान पत्र में लिखी जन्मतिथि और राष्ट्रीय पहचान संख्या अमेरिका के वित्त विभाग और OFAC की प्रतिबंधित सूची (Sanctions List) में शामिल जानकारी से मेल खा गई।

DG ISPR की प्रेस ब्रीफिंग में दिखाए गए हाफिज के प्रमाण पत्र का स्क्रीनशॉट

अमेरिकी वित्त विभाग के अनुसार, हाफिज अब्दुल रऊफ 1999 से लश्कर-ए-तैयबा (LeT) की टीम का सदस्य रहा है। वह LeT से जुड़े संगठन फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FIF) का सरगना था। ये संगठन राहत कार्यों और फंडिंग की गतिविधियाँ संचालित करता है। LeT ने 2009 से FIF का नाम इस्तेमाल करना शुरू किया, ताकि अंतरराष्ट्रीय दबाव से बच सके, क्योंकि यह संगठन 26/11 मुंबई आतंकी हमले के पीछे था।

वैश्विक आतंकी को ‘मसीहा’ बता रहा पाकिस्तान

पाकिस्तान की ओर से हाफिज अब्दुल रऊफ को एक प्रचारक के तौर पर बताया जाना अमेरिकी सरकार द्वारा नामित आतंकी के बिल्कुल उलट है। पाकिस्तान ने भारतीय आरोपों को खारिज करने की कोशिश की, लेकिन इस चक्कर में एक वैश्विक आतंकवादी के साथ अपने संबंधों को सबके सामने ला दिया। इससे भारत के आरोपों सही साबित हो गए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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