Thursday, February 13, 2025
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PM मोदी ने लॉन्च किया ‘ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस’: जैव ईंधन के लिए वैश्विक सहयोग को बढ़ावा, संयुक्त सैटेलाइट मिशन के लिए भी पहल

"यह मिश्रण ऐसा होना चाहिए जो जलवायु सुरक्षा में योगदान देते हुए एक स्थिर ऊर्जा आपूर्ति कर सके। इसको लेकर हम ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस (वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन) शुरू कर रहे हैं।

G-20 सम्मेलन के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस (Global Biofuel Alliance) के गठन का ऐलान किया। इसमें भारत के अलावा अमेरिका और ब्राजील प्रारंभिक सदस्य के रूप में जुड़ गए हैं। पीएम मोदी ने जी-20 में शामिल सभी देशों से इस एलायंस में शामिल होने का आग्रह किया। साथ ही पेट्रोल में 20% एथनॉल मिलाने की पहल की है। इस एलायंस का उद्देश्य जैव ईंधन के लिए वैश्विक सहयोग और इसके उपयोग को बढ़ावा देना है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने G-20 समिट के पहले सत्र ‘वन अर्थ’ को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, “आज समय की माँग है कि सभी देशों को ईंधन मिश्रण के क्षेत्र में मिलकर काम करना चाहिए। हमारा प्रस्ताव पेट्रोल में एथनॉल मिश्रण को 20 प्रतिशत तक ले जाने के लिए वैश्विक स्तर पर पहल करने का है। या फिर एथनॉल की जगह हम वैश्विक भलाई के लिए कोई और मिश्रण विकसित करने पर काम कर सकते हैं।”

PM ने आगे कहा, “यह मिश्रण ऐसा होना चाहिए जो जलवायु सुरक्षा में योगदान देते हुए एक स्थिर ऊर्जा आपूर्ति कर सके। इसको लेकर हम ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस (वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन) शुरू कर रहे हैं। भारत आप सभी को इस पहल में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता है।”

प्रधानमंत्री ने भारत को कई धर्मों और लोकतंत्र की जननी बताते हुए कहा कि भारत आस्था, आध्यात्मिकता और परंपराओं की विविधता का देश है। दुनिया के कई प्रमुख धर्मों ने यहाँ जन्म लिया। लोकतंत्र की जननी के रूप में, संवाद और लोकतांत्रिक सिद्धांतों में हमारा विश्वास हमेशा से ही अटूट रहा है। हमारा आचरण ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के सिद्धांत पर आधारित है। इसका अर्थ है, विश्व एक परिवार है।

उन्होंने आगे कहा कि विश्व को एक परिवार मानने की यही धारणा हर भारतीय को ‘वन अर्थ’ की जिम्मेदारी की भावना से भी जोड़ती है। इसी भावना के चलते भारत ने COP-26 में ‘ग्रीन ग्रिड इनिशिएटिव- वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड’ शुरू किया था। दशकों से कॉर्बन क्रेडिट पर चर्चा हो रही है। इसमें यह कहा जाता है कि क्या नहीं किया जाना चाहिए। यह एक निगेटिव नजरिया है। पॉजिटिव नजरिए के लिए हमें ग्रीन क्रेडिट पर ध्यान देना चाहिए। भारत का प्रस्ताव है कि G-20 के देश ‘ग्रीन क्रेडिट इनिशिएटिव’ पर काम शुरू करें।

G-20 सेटेलाइट मिशन की पहल करते हुए कहा है कि भारत के मून मिशन, चंद्रयान की सफलता से सभी परिचित हैं। इससे प्राप्त डेटा पूरी मानवता के लिए फायदेमंद होगा। इसी भावना के साथ, भारत ‘G-20 सेटेलाइट मिशन फॉर इनवायरमेंट एंड क्लाइमेट ऑब्जर्वेशन’ का प्रस्ताव कर रहा है। इससे प्राप्त जलवायु और मौसम के आँकड़ों को सभी देशों, विशेष रूप से ग्लोबल साउथ के देशों के साथ साझा किया जाएगा। भारत सभी G-20 देशों को इस पहल में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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