Saturday, July 27, 2024
Homeरिपोर्टमीडियाNDTV और Scroll ने बाबरी मस्जिद के पैरोकार राजीव धवन की करतूत छिपाने के...

NDTV और Scroll ने बाबरी मस्जिद के पैरोकार राजीव धवन की करतूत छिपाने के लिए हेडलाइंस में किया खेल

सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के वकील राजीव धवन ने बौखलाहट में अदालत में ही कुछ दस्तावेज फाड़ दिए। एनडीटीवी ने इस ख़बर से जुड़े 2 ट्वीट्स किए, लेकिन धवन के नाम की जगह 'वकील' और सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड की जगह 'याचिकाकर्ता' शब्द का प्रयोग कर उनकी पहचान छिपाई।

सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर मामले की अंतिम दिन की सुनवाई के दौरान बुधवार (अक्टूबर 16, 2019) को राजीव धवन ने हिन्दू महासभा द्वारा पेश किए गए कागज़ात को फाड़ डाला। सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के वकील राजीव धवन ने बौखलाहट में एक-एक कर कागज़ात के पन्नों व नक़्शे के भी चिथड़े उड़ा दिए। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने उन्हें फटकारते हुए कहा कि अगर ऐसी ही स्थिति बनी रही तो सभी जज सुनवाई छोड़ कर चले जाएँगे। उन्होंने धवन से साफ़-साफ़ कहा कि चीखना-चिल्लाना व्यर्थ है। राजीव धवन इससे पहले कई बार ‘लोकतंत्र में बोलने की आज़ादी’ को लेकर मोदी सरकार को घेर चुके हैं।

धवन इस मामले में सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड की तरफ से बाबरी मस्जिद की पैरवी कर रहे हैं। शायद यही कारण है कि एनडीटीवी ने सोशल मीडिया पर अपनी ख़बर में राजीव धवन का नाम लेने से परहेज किया। अगर हिन्दू पक्ष के किसी वकील ने ऐसा या फिर इस तरह का कोई भी व्यवहार किया होता तो उनकी ख़बरें शायद कुछ ज्यादा ही सुर्खियाँ बनतीं। देखिए एनडीटीवी ने किस तरह इस ख़बर से जुड़े 2 ट्वीट्स किए, लेकिन राजीव धवन के नाम की जगह ‘वकील’ और सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड की जगह ‘याचिकाकर्ता’ शब्द का प्रयोग कर उनकी पहचान छिपाई।

हालाँकि, ख़बर के भीतर राजीव धवन का नाम था और घटना का जिक्र भी था लेकिन ट्विटर पर दोनों ट्वीट में ऐसी बातें लिखी गईं, जिसे देख कर न तो याचिकाकर्ता की पहचान उजागर हो और न ही वकील की। इसी तरह स्क्रॉल ने भी अपनी ख़बर की हेडलाइन और सोशल मीडिया पर शेयर किया गया टेक्स्ट ऐसा रखा, जिससे बाबरी मस्जिद के पैरोकार राजीव धवन की पहचान उजागर न हो।

ऐसा नहीं है कि स्क्रॉल राजीव धवन का नाम हेडलाइंस में या सोशल मीडिया टेक्स्ट्स में नहीं डालता है। उसने इसी ट्विटर थ्रेड में एक अन्य ट्वीट में राजीव धवन के बयान को उनके नाम और पहचान के साथ छापा। लेकिन, जब उन्होंने अदालत में ऐसा व्यवहार किया, तब उनका नाम हैडलाइन या सोशल एमडीए टेक्स्ट में छिपाया गया। हालाँकि, एक घंटे बाद जब ये ख़बर वायरल हो गई, तब स्क्रॉल ने उनके नाम के साथ इस ख़बर को प्रकाशित किया।

इसी तरह ‘आउटलुक’ ने भी सोशल मीडिया पर शेयर की गई ख़बर या उसके साथ वाले टेक्स्ट में कहीं भी राजीव धवन, सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड या फिर बाबरी पैरोकार का जिक्र नहीं किया और सीधा लिखा कि ‘वकील’ द्वारा कागज़ात फाड़ने के कारण सीजेआई ने नाराज़ होकर चले जाने की बात कही।

इसी तरह ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ ने भी यही कलाकारी की। धवन ने जिस नक़्शे को फाड़ा वह किशोर कुणाल की पुस्तक ‘अयोध्या रीविजिटेड’ में प्रकाशित है। बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कुणाल ने कहा कि धवन ने नक्शा इसीलिए फाड़ दिया क्योंकि उन्हें पता था कि कोर्ट के सामने इस नक़्शे के आते ही इस केस में कोई दम नहीं रह जाएगा।

अयोध्या मामले में ताज़ा अपडेट्स की बात करें तो योगी सरकार भी एक्शन में आ गई है और 30 नवम्बर तक सभी अधिकारियों की छुट्टियाँ रद्द कर दी गई हैं। तेजी से बदले घटनाक्रम में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने विवादित जमीन पर अपना दावा छोड़ दिया है। सुन्नी वक्फ बोर्ड इस संबंध में शीर्ष अदालत में हलफनामा दायर कर सकती है। कहा गया था कि बोर्ड की साधु-संतों के साथ बैठक भी हुई। राम मंदिर की जमीन पर मालिकाना हक़ वाला दावा छोड़ने के एवज में बोर्ड ने 3 विचित्र माँगें रखते हुए कहा है कि अयोध्या में 22 मस्जिदों के रख-रखाव की जिम्मेदारी सरकार उठाए।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

एस-400 ‘सुदर्शन’ का दिखा दम: दुश्मनों के हमलावर ‘पैकेज’ का 80% हिस्सा किया साफ, IAF हुई और भी ताकतवर

भारतीय वायुसेना ने अपने एस-400 हवाई रक्षा प्रणाली का नाम पौराणिक संदर्भ में 'सुदर्शन' रखा है।

पुलिस ने की सिर्फ पूछताछ, गिरफ्तार नहीं: हज पर मुस्लिम महिलाओं के यौन शोषण की आवाज उठाने वाले दीपक शर्मा पर कट्टर इस्लामी फैला...

दीपक शर्मा कहते हैं कि उन्होंने हज पर महिलाओं के साथ होते व्यवहार पर जो ट्वीट किया, वो तथ्यों पर आधारित है। उन्होंने पुलिस को भी यही बताया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -