पुलगाम आतंकी हमले के बाद और ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत के बाद कई राज्यों से 13 जासूस गिरफ्तार किए गए हैं। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के इशारे पर काम करने वाले एक बड़े जासूसी नेटवर्क का पता लगाया है। अब तक की जाँच में पता चला है कि जासूसी से लेकर सीमा पार तस्करी और दुश्मन के अभियानों में सहायता पहुँचाने का काम इनलोगों ने किया है।
शहजाद, बिजनेस के नाम पर तस्करी और जासूसी
19 मई को यूपी एसटीएफ ने मुरादाबाद से शहजाद को गिरफ्तार किया। एटीएस के मुताबिक शहजाद भारत में आतंकी हमले की साजिश में शामिल था। भारत- पाक सीमा पर अवैध रूप से वह कॉस्मेटिक, मसाले, कपड़े और दूसरे सामान की तस्करी करता था। इसी दौरान आईएसआई के संपर्क में आया।
शहजाद रामपुर के कई युवाओं को पाकिस्तान भेज चुका है। वहाँ उन्हें जासूसी और हिंसक गतिविधियों की ट्रेनिंग दी गई। इन सभी का वीजा खुद शहजाद ने लगवाया जिसमें ISI एजेंट्स की उसे मदद मिली। शहजाद पाकिस्तान उच्चायोग में काम करने वाले अधिकारी एहसान उर रहीम उर्फ दानिश के संपर्क में था। दानिश का नाम हरियाणा की ज्योति मल्होत्रा समेत कई जासूसों से संपर्क सूत्र के तौर पर आ चुका है और भारत सरकार ने 13 मई 2025 को उसे भारत छोड़ने का आदेश जारी कर दिया था।
ज्योति मल्होत्रा, यूट्यूबर
यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा हरियाणा की ट्रेवल ब्लॉगर है जिसके यूट्यूब पर 3.7 लाख और इंस्टाग्राम पर 1.3 लाख फॉलोवर्स हैं। ज्योति को हिसार के सिविल लाइन से गिरफ्तार किया गया। पाकिस्तान जाने के लिए वीजा बनवाने के दौरान ज्योति पाकिस्तान हाई कमीशन में अहसान उर रहीम उर्फ दानिश से मिली। दो बार ज्योति पाकिस्तान गई और दानिश के कहने पर अली हसन से मिली जिसने पाकिस्तानी अधिकारी और आईएसआई के अधिकारियों से मुलाकात करवाई।
इस दौरान शाकिर और राणा शहबाज से मिली। शाकिर का नंबर जट रंधावा के नाम से सेव कर ज्योति उसे सोशल मीडिया जैसे व्हाट्सएप, स्नैप चैट और टेलीग्राम के माध्यम से देश से जुड़ी सूचनाएं और खुफिया जानकारी शेयर करने लगी। ज्योति और पंजाब के सीएम मरियम नवाज के साथ का वीडियो भी सामने आया है। उसने अपनी डायरी में भी पाकिस्तान जाने का जिक्र किया है।
गजाला एक विधवा महिला जिसे दानिश ने फँसाया
एक और महिला जिसने देश से गद्दारी की है वो है पंजाब की 32 साल की विधवा महिला गजाला। 2025 में पाकिस्तानी वीजा के लिए आवेदन करने के दौरान वो दिल्ली स्थित पाकिस्तानी हाईकमीशन गई थी जहाँ वो दानिश से मिली। पुलिस जाँच में पता चला है कि आरोपित गजाला खुफिया जानकारियाँ आईएसआई को देती थी।
गजाला के पैसों की लेनदेन से जुड़ी जानकारियाँ और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की जाँच की जा रही है। उसका पाकिस्तानी अधिकारी एहसान उर रहीम से कनेक्शन भी सामने आया है। गजाला की गिरफ्तारी के बाद ज्योति मल्होत्रा का पता पुलिस को चला।
मजदूर शेर मसीह और सूरज मसीह
जासूसी के मामले में सबसे पहले 3 मई 2025 को पंजाब के अमृतसर से पलक शेर मसीह और सूरज मसीह की गिरफ्तारी हुई। इनलोगों को अमृतसर की सेना छावनी इलाके में वायु सेना के अड्डों की संवेदनशील सूचनाएँ और तस्वीरें लीक करने पर गिरफ्तार किया गया।
जाँच में पाया गया कि दोनों के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से संबंध थे। अमृतसर की जेल में बंद हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी ने इनका संपर्क करवाया था। ये दोनों दिहाड़ी मजदूर हैं।
यासीन मोहम्मद
8 मई 2025 को पंजाब के मलेरकोटला से यासीन मोहम्मद को गिरफ्तार किया गया। ये पाकिस्तानी हाई कमीशन के अधिकारी दानिश के संपर्क में था। यासीन ऑनलाइन पैसे लेकर खुफिया जानकारियाँ दानिश से शेयर करता था। इतना ही नहीं वो दूसरे लोगों को भी पैसे लेकर दानिश से संपर्क कराने का काम करता था।
उसने भी गजाला के खाते में 10,000 ट्रांसफर किए थे। यासीन कीटनाशक का कारोबार करता था। वो 2013 में पहली बार पाकिस्तान गया। वीजा लेने के लिए जब वो पाकिस्तान हाई कमीशन पहुँचा तो उसकी मुलाकात दानिश से हुई। दानिश की मदद से उसे तीन और वीजा मिले। दानिश के कहने पर उसने सिम उपलब्ध करवाए। वह दानिश को क्लाइंट लाकर देता था जो पाकिस्तानी वीजा बनवाने के इच्छुक होते थे। उन सब से दानिश एक वीजा के बदले 5000 रुपए लेता था।
देवेंदर सिंह ढिल्लों, छात्र
25 साल का देवेन्दर सिंह ढिल्लों को पंजाब से गिरफ्तार किया गया। उसने पटियाला छावनी के बाहर की तस्वीरें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को भेजी थी। अधिकारी उसके स्नैपचैट अकाउंट से डिलीट किए गए डेटा को फिर से प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं, हालाँकि उसके इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप प्रोफाइल से पहले ही आपत्तिजनक सबूत बरामद मिल चुके हैं।
उसे दूसरे केस में गिरफ्तार किया गया था जिसमें फेसबुक पर उसने बंदूक की तस्वीर पोस्ट की थी , लेकिन पूछताछ में उसके जासूस होने का पता पुलिस को चला। उसे आईएसआई ने हनी ट्रैप में फँसाकर जासूसी के लिए तैयार किया था। वो आईएसआई के 5 एजेंट्स के संपर्क में था। उसे आईएसआई ने लड़की का लालच भी दिया था, जिसके बदले में उसने सैन्य प्रतिष्ठान से जुड़ी तस्वीरें भी भेजी थी।
मोहम्मद मुर्तजा अली, मोबाइल ऐप डेवलपर
मोहम्मद मुर्तजा अली को जालंधर से गुजरात पुलिस ने खुफिया जानकारी के आधार पर गिरफ्तार किया। उसने मोबाइल ऐप डेवलप किया था जिसके द्वारा वो खुफिया जानकारियाँ आईएसआई तक पहुँचाता था। उसके पास से चार मोबाइल फोन और तीन सिम कार्ड बरामद किए गए हैं। इनसे कई आपत्तिजनक खुफिया जानकारियाँ शेयर करने के सबूत मिले हैं।
मोहम्मद तारीफ 2018 में आईएसआई के संपर्क में आया
17 मई 2025 को हरियाणा के नूँह से मोहम्मद तारीफ को गिरफ्तार किया है। तारीफ पाकिस्तानी हाई कमीशन के आसिफ बलौच और जाफर के संपर्क में था। उसने यह बात भी मानी है कि आसिफ बालौच और जाफर के कहने पर उसने पाकिस्तान को सिरसा एयरपोर्ट स्टेशन की जानकारी भेजी। तारीफ 2018 में वीजा के लिए पाकिस्तान हाई कमीशन गया था और इस दौरान उससे फोन नंबर और डीटेल लिया गया। उसे फोन आया और उसे वीजा के बदले दो सिम देने के लिए कहा गया। सिम देने के बाद वीजा दिया गया। इस तरह वो आईएसआई के संपर्क में भी आया।
अरमान
हरियाणा के नूँह के राजाका गाँव से सुरक्षा जाँच एजेंसी टीम ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले अरमान को गिरफ्तार किया। पुलिस का मानना है कि अरमान स्लीपर सेल की तरह काम करता था और आईएसआई का नेटवर्क बढ़ाने में लगा था। भारतीय सिम कार्ड खरीदकर पाकिस्तानी अधिकारियों तक भी इनलोगों ने पहुँचाया था। पुलिस ने कई व्हाट्सएप चैट, तस्वीरें और वीडियो भी बरामद किये हैं जिन्हें पाकिस्तानी नंबर पर शेयर किये गए थे। उसने भारतीय सैन्य एक्टिविटज की जानकारी भी उन नंबरों पर दी थी।
अरमान पाकिस्तानी वीजा बनाने के लिए पाकिस्तान हाई कमीशन गया था। इस दौरान वो दानिश के संपर्क में आया। दानिश के कहने पर वो आईएसआई के लिए काम करने लगा।
नोमान इलाही
15 मई को हरियाणा के पानीपत से नोमान इलाही को पुलिस ने गिरफ्तार किया और उससे पूछताछ की। वह 5 बार पाकिस्तान जा चुका है। माँ-बाप की मौत के 5 साल बाद भी उनके पासपोर्ट इलाही के पास हैं। उत्तर प्रदेश का रहनेवाला इलाही पानीपत में एक फैक्ट्री में सुरक्षा गार्ड का काम करता था और पाकिस्तान को संवेदनशील जानकारियाँ भेजता था। उसके फोन से कई संवेदनशील सैन्य जानकारियाँ भी मिली हैं जिसे जब्त कर लिया गया है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ISI सक्रिय थी और वह भारतीय सेना की गतिविधियों की जानकारी मोबाइल और सोशल मीडिया के जरिए भेजता था।
नोमान पहले बेरोजगार था और अपने अब्बू के साथ पासपोर्ट और दस्तावेज बनवाने का काम करता था। अब्बू की मौत के बाद उसने यह धंधा संभाला, लेकिन लालच में आकर ISI के जासूसी नेटवर्क से जुड़ गया। जाँच एजेंसियों के अनुसार, नोमान पासपोर्ट सेवा केंद्र की आड़ में उन लोगों के दस्तावेज तैयार करता था, जो सऊदी अरब, पाकिस्तान या अन्य देशों में जाने की योजना बनाते थे।
सुखप्रीत सिंह और करणबीर सिंह
पंजाब पुलिस ने गुरदासपुर से सुखप्रीत सिंह और करणबीर सिंह को गिरफ्तार किया है। दोनों नशे की तस्करी करते- करते आईएसआई हैंडलर्स के संपर्क में आए। इनलोगों ने ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को मुहैया करवाई। इसके बदले में इनलोगों को 1लाख रुपए मिले। उसके मोबाइल की फोरेंसिक जाँच से खुफिया जानकारी के भेजे जाने की पुष्टि हुई है। दोनों 2018 से पाकिस्तानी हाई कमीशन के संपर्क में था।