Saturday, April 27, 2024
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गलवान घाटी में बलिदान हुए कर्नल संतोष बाबू को महावीर चक्र, कई अन्य जवान भी होंगे सम्मानित

हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर देश के जवानों को सम्मानित करने के लिए विभिन्न प्रकार के सम्मानों से नवाजा जाता है।

पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून, 2020 को चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में वीरगति को प्राप्त हुए कर्नल संतोष बाबू को इस साल महावीर चक्र (मरणोपरांत) से नवाजा जाएगा। गणतंत्र दिवस के मौके पर हर साल वीरता पुरस्कारों का ऐलान होता है और इस वर्ष दूसरा सबसे बड़ा सैन्य सम्मान संतोष बाबू को मिल रहा है।

इसके अलावा गलवान में पराक्रम दिखाने वाले अन्य जवानों को भी सम्मानित किया जाएगा। सेना में परमवीर चक्र के बाद महावीर च्रक दूसरा सबसे बड़ा सम्मान होता है, जो अदम्य साहस के परिचय के लिए दिया जाता है। पिछले दिनों खबर आई थी कि 16 बिहार बटालियन को गणतंत्र दिवस के मौके पर गैलेंट्री मेडल से सम्मानित किया जाएगा। बता दें कि हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर देश के जवानों को सम्मानित करने के लिए विभिन्न प्रकार के सम्मानों से नवाजा जाता है।

क्या हुआ था गलवान में?

मई में घुसपैठ के बाद भारतीय और चीनी सेना के बीच उच्च स्तरीय बैठक हुई। जिसमें चीन ने वादा किया कि वो विवादित इलाके से पीछे हट जाएगा। इस बीच 15-16 जून की रात भारतीय सेना को खबर मिली कि चीन फिर से गलवान घाटी में घुसपैठ की साजिश रच रहा है। जिसके बाद तुरंत 16 बिहार रेजिमेंट के जवानों के साथ कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू खुद वहाँ पर पहुँचे।

लौटते वक्त चीनी सैनिकों ने धोखे से हमला कर दिया, जिसके बाद दोनों तरफ से भीषण खूनी संघर्ष हुआ। जिसमें कर्नल बाबू समेत 20 जवान वीरगति को प्रप्त हो गए। इस दौरान भारतीय जवानों ने 40 से ज्यादा चीनी सैनिकों को मौत के घाट उतारा, साथ ही वहाँ से उन्हें खदेड़ दिया। हालाँकि आज तक चीन ने अपने मृत जवानों की संख्या का खुलासा नहीं किया है।

बता दें कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने कोविड-19 के इलाज के लिए बने अस्पताल के वॉर्डों का नाम बलिदानी सैनिकों के नाम पर रखा है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने केवल 11 दिनों में राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के इलाज के लिए 1,000 बेड वाली सुविधा का निर्माण किया। अस्पताल में अस्थायी संरचना में 250 आईसीयू बेड भी शामिल हैं।

पत्नी तेलंगाना में हैं डिप्टी कलेक्टर 

कर्नल संतोष बाबू तेलंगाना के रहने वाले थे। उनकी शहादत के बाद तेलंगाना सरकार ने उनकी पत्नी को डिप्टी कलेक्टर बनाने का वादा किया था। इसके बाद जुलाई 2020 में तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव ने संतोष बाबू की पत्नी को नियुक्ति पत्र सौंपा। साथ ही राज्य सरकार ने उनके परिवार को पाँच करोड़ की सहायता राशि और हैदराबाद में एक आवसीय जमीन दी। तेलंगाना के सूर्यापेट के रहने वाले कर्नल संतोष बाबू के परिवार में माता-पिता के अलावा दो बच्चे और पत्नी हैं। 2004 में सेना में शामिल होने वाले कर्नल संतोष बाबू को 15 साल की सर्विस में चार बार प्रमोशन मिल चुका था। 

इधर LAC पर चल रहे भारत और चीन के विवाद के बीच एक बार फिर सिक्किम में दोनों पक्षों में झड़प हुई है। कहा जा रहा है कि तीन दिन पहले चीन ने भारत की सीमा में घुस कर यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया, लेकिन तभी भारतीय सैनिकों ने उन्हें रोका और खदेड़ कर वापस उनके क्षेत्र में भेज दिया। इस दौरान ही झड़प भी हुई, जिसमें 20 चीनी सैनिक घायल हुए। वहीं भारत के भी 4 जवानों को चोटें आईं।

गौरतलब है कि भारत-चीन सैनिकों के बीच इस झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख के मोल्डो में भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच 8वीं दौर की बैठक हुई। करीब 15 घंटे चली इस बैठक का निष्कर्ष अभी सामने नहीं आया है। लेकिन इसके जरिए तनाव को कम करने की अपील की गई। इसके अलावा यह भी खबर है कि चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख से अपने 10,000 सैनिकों को वापस बुला लिया है। हालाँकि कुछ सेना की तैनाती अब भी है इसलिए भारतीय जवान भी पीछे नहीं हुए हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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