Wednesday, May 14, 2025
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पहलगाम अटैक के समय जो कश्मीरी ऑपरेटर लगा रहा था ‘अल्लाहू अकबर’ के नारे, वह अब NIA की कस्टडी में: वीडियो में गोलियों की आवाज सुनते ही बाहर आ गया था ‘इस्लाम’

ऋषि भट्ट की वीडियो के आधार पर ही अब NIA के अधिकारियों ने जिपलाइन ऑपरेटर को हिरासत में ले लिया है। उससे घटना से जुड़े पहलुओं पर पूछताछ की जाएगी। वह वीडियो में 'अल्लाह-हू-अकबर' कहते हुए दिखा था।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसारन घाटी में 22 अप्रैल, 2025 को हुए आतंकवादी हमले की जानकारियाँ लगातार सामने आ रही हैं। अब इस हमले का एक नया वीडियो सामने आया है, जिसमें एक जिप-लाइन ऑपरेटर को गोलियों की आवाज के बीच ‘अल्लाहू अकबर’ चिल्लाते और एक पर्यटक को जिपलाइन पर धक्का देते देखा गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पहलगाम आतंकी हमले के बाद वीडियो के सामने आने के बाद जिपलाइन ऑपरेटर को राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। इस हमले में उसके प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल होने की आशंका है। यह वीडियो कश्मीर घूमने आए अहमदाबाद के ऋषि भट्ट ने जिपलाइन करते समय रिकॉर्ड की थी।

सोशल मीडिया पर उनके वीडियो पोस्ट करने के कुछ ही देर में ये वीडियो वायरल हो गई थी। वीडियो में साफ दिखता है कि जैसे ही गोलियों की आवाज आने के बाद जिपलाइन ऑपरेटर तीन बार ‘अल्लाह-हू-अकबर‘ चिल्लाता है और ऋषि को जिपलाइन पर आगे की ओर भेज देता है।

नीचे अफरा-तफरी मची है, लोग जान बचाने के लिए भाग रहे हैं, कुछ जमीन पर गिरते हैं क्योंकि गोलियाँ उनकी तरफ आ रही होती हैं। ऋषि के भी हाव-भाव कुछ समय के लिए असमंजस वाले लगते हैं लेकिन वे इस घटना के ठीक तरह से समझ नहीं पाते और अंत तक आते आते वीडियो रिकॉर्ड करते हैं।

ऋषि भट्ट की वीडियो के आधार पर ही अब NIA के अधिकारियों ने जिपलाइन ऑपरेटर को हिरासत में ले लिया है। उससे घटना से जुड़े पहलुओं पर पूछताछ की जाएगी। कयास लगाए जा रहे हैं कि स्थानीय लोगों का भी इस हमले से कोई जुड़ाव हो सकता है। NIA इस पर भी जाँच कर रही है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, ऋषि ने बताया कि उनसे पहले उनकी पत्नी और बच्चे समेत 9 लोग जिपलाइन पर गए। उस समय ऑपरेटर ने कुछ नहीं कहा। जब वो आए तब ही उसने अल्लाह-हू-अकबर का नारा लगाया। उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया।

इस बीच ऑपरेटर ने उन्हें आगे जाने के लिए हल्का धक्का दे दिया। आगे आने के बाद ऋषि को जब एहसास हुआ कि गोलियाँ चल रहीं हैं तो वह घबरा गए, नीचे कई लोग निढाल पड़े थे। उन्होंने तुरंत ही जिपलाइन बीच में रोका और हुक खोलकर लगभग 20 फीट की ऊंचाई से कूद गए। नीचे आकर अपनी पत्नी और बच्चे को लेकर वहाँ से जान बचाकर भागे।

पहलगाम में इस्लामी आतंकियों ने हिन्दुओं का धर्म पूछ कर चुन-चुन कर गोली मार दी थी। खास तौर पर हिंदुओं को निशाना बनाया गया। मरने वालों में 25 भारतीय पर्यटक, एक नेपाली नागरिक और एक स्थानीय मुस्लिम समेत कुल 28 लोग थे।

पहलगाम आतंकी हमले में हमलावरों ने पुरुषों की पैंट उतारकर यह भी चेक किया गया कि वे मुस्लिम हैं या नहीं। कई लोगों को सीधे सिर में गोली मारी गई। हमले की जिम्मेदारी पहले लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटे संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी, लेकिन बाद में कार्रवाई के डर से उसने अपना बयान वापस ले लिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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