राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने दक्षिण भरत के अलग-अलग प्रदेशों में 60 से अधिक स्थानों पर दबिश दी है। ये छापेमारी केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में की गई है। छापेमारी का मकसद कोयंबटूर जिले में एक मंदिर के आगे कार में हुए विस्फोट से जुड़े संदिग्धों की धरपकड़ है। इन संदिग्धों का कनेक्शन अंतर्राष्ट्रीय आतंकी समूह ISIS से भी बताया जा रहा है। ये कार्रवाई बुधवार (15 जनवरी, 2023) को हुई है जो अब तक जारी बताई जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, छापेमारी के लिए सबसे अधिक स्थान कर्नाटक में चिह्नित किए गए हैं। यहाँ एक साथ 45 से ज्यादा जगहों पर NIA की टीम पहुँची है। हालाँकि, इस मामले में अभी तक हुई गिरफ्तारियों या बरामदगी का खुलासा नहीं किया गया है।
#BREAKING | #NIA carries out raids at 40 locations in #TamilNadu, #Karnataka and #Kerala.
— Republic (@republic) February 15, 2023
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अक्टूबर 2022 में हुआ था कोयंबटूर ब्लास्ट
गौरतलब है कि 23 अक्टूबर 2022 को कोयंबटूर के कोट्टई ईश्वरम मंदिर के सामने एक कार में सिलिंडर ब्लास्ट हुआ था। इस ब्लास्ट में जमिज़ा मुबीन नाम का संदिग्ध आतंकी मारा गया था। 25 वर्षीय मुबीन इंजीनियरिंग ग्रेजुएट था। कुछ समय बाद इसकी जाँच NIA को सौंप दी गई थी। NIA ने अपनी जाँच के दौरान इस करतूत के पीछे ISIS की विचारधारा से जुड़े लोगों का हाथ पाया था। इस ब्लास्ट की साजिश में शामिल एक आतंकी मोहम्मद अजहरुद्दीन का कनेक्शन श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर हुए सीरियल ब्लास्ट से भी मिला था।
बताते चलें कि पिछले कुछ वर्षों में NIA दक्षिण भारत के कई राज्यों में सक्रिय रही है। जनवरी 2023 में केरल के कोल्लम जिले से प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का मोहम्मद सादिक नाम का ‘रिपोर्टर’ पकड़ा गया था। वह ‘हिट स्क्वॉड’ के लिए गैर-मुस्लिमों (काफिरों) की पहचान कर उनके बारे में जानकारी जुटाता था। दिसंबर 2022 में NIA ने केरल से ही एक मोहम्मद मुबारक नाम के एक वकील को पकड़ा था जो PFI के चरमपंथियों को गला काटने की ट्रेनिंग दे रहा था।
जुलाई 2019 में NIA ने तमिलनाडु में छापेमारी करते हुए वाहदत-ए-इस्लामी हिंद नाम के चरमपंथी संगठन का पर्दाफाश करते हुए 14 संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। यह सगंठन भारत को इस्लामी मुल्क बनाना चाहता था।