पहलगाम में आम लोगों और हिंदू धर्म पर हमले के बाद पाकिस्तान ऐसा लग रहा है जैसे खुद को मुसीबत में डाल रहा है। 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ शुरू किया। इसमें भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के अंदर जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे 9 आतंकी ठिकानों को सटीक हवाई हमलों से तबाह कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान ने जवाबी हमले किए और भारत के उत्तर और पश्चिमी हिस्सों में कई जगहों पर ड्रोन और मिसाइलों से निशाना साधा। लेकिन भारत ने इन हमलों को नाकाम कर दिया। हालाँकि अब पाकिस्तान की माँग पर सीजफायर लागू हो गया है।
9 और 10 मई की रात के बीच पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर 26 जगहों पर ड्रोन से हमले किए। इनमें बारामुल्ला, श्रीनगर, अवंतीपोरा, नगरोटा, जम्मू, फिरोजपुर, पठानकोट, फाजिल्का, लालगढ़ जट्टा, जैसलमेर, बाड़मेर, भुज, कुआर्बेट और लाखी नाला जैसे अहम इलाकों को निशाना बनाया गया। खबरें ये भी आईं कि पाकिस्तान ने दिल्ली पर मिसाइल हमला करने की कोशिश की, जिसे भारतीय सुरक्षा बलों ने हरियाणा के सिरसा में रोक लिया।
पाकिस्तान ने जम्मू के आप शंभू मंदिर और माता वैष्णो देवी जैसे हिंदुओं के पवित्र स्थानों पर भी हमला करने की कोशिश की। इसके जवाब में भारत ने 10 मई की सुबह बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए। इन हमलों में पाकिस्तान के अहम सैन्य हवाई ठिकानों को निशाना बनाया गया। पाकिस्तान ने दावा किया कि उसकी सैन्य संपत्ति सुरक्षित है, लेकिन तस्वीरों में बड़े विस्फोट और भारी नुकसान साफ दिख रहा है।
भारत ने इन पाकिस्तानी एयरबेसों को बनाया निशाना
रावलपिंडी पीएएफ बेस नूर खान: ये वो जगह है, जहां से कथित तौर पर कैप्टन अभिनंदन वर्थमान का विमान मार गिराया गया था।
शोरकोट पीएएफ बेस रफीकी: इसका नाम 1965 के युद्ध में मारे गए एक पाकिस्तानी पायलट के नाम पर है।
पीएएफ बेस मुरीद: इसे भारत ने आखिरी बार 1971 के युद्ध में तबाह किया था।
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— Shiv Aroor (@ShivAroor) May 9, 2025
Pakistan’s Nur Khan base in Chaklala, Rawalpindi struck overnight by what Pak Govt says was an Indian air-to-surface missile. That’s the base at the HQ city of Pakistan’s military. pic.twitter.com/01rEyLABKB
भारत ने जिन वायुसेना ठिकानों को निशाना बनाया, उनमें नूर अली खान एयरबेस खास है, क्योंकि ये रणनीतिक रूप से बहुत अहम है। इसे निशाना बनाकर भारत ने साफ और मजबूत संदेश दिया है।
रक्षा विशेषज्ञ दिव्य कुमार सोती के मुताबिक, भारत ने रावलपिंडी के नूर अली खान एयरबेस पर मिसाइल हमला किया, जो पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय से जुड़ा है। ये एयरबेस नंबर 12 वीआईपी स्क्वाड्रन का केंद्र है, जहाँ से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और बड़े सैन्य अधिकारियों के लिए खास विमान उड़ते हैं। इस हमले का मतलब है कि अब पाकिस्तान का शीर्ष सैन्य नेतृत्व रावलपिंडी से हवाई रास्ते से बाहर नहीं निकल सकता। भारत ने साफ कर दिया है कि वो आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तानी जनरलों को निशाना बनाने से नहीं हटेगा।
#Big #Exclusive: Nur Ali Khan Airbase, Rawalpindi attached to Pakistan Army HQs, which has been hit by Indian missile attack, houses No. 12 VIP Squadron which operates VVIP contingent of Pakistan Air Force. VVIP planes used by President (Pakistan -1) and Prime Minister of… pic.twitter.com/uSuqGIVySw
— Divya Kumar Soti (@DivyaSoti) May 10, 2025
नूर अली खान एयरबेस पर मौजूद नंबर 12 स्क्वाड्रन पाकिस्तान वायुसेना की वीआईपी ट्रांसपोर्ट और कम्युनिकेशन यूनिट है, जिसे पाकिस्तान का ‘एयर फोर्स वन’ भी कहा जाता है। ये स्क्वाड्रन राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और वायुसेना प्रमुख को आधिकारिक यात्राओं के लिए ट्रांसपोर्ट देता है। पहले ये एक बमवर्षक यूनिट थी, लेकिन 1953 में इसे वीआईपी स्क्वाड्रन बना दिया गया।
नूर अली खान एयरबेस सिर्फ वीआईपी बेस ही नहीं है, बल्कि यहाँ बड़े सैन्य अधिकारी और कमांडर भी रहते हैं। इस परिसर में पुराना बेनजीर भुट्टो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, पीएएफ कॉलेज चकलाला (जो विमानन कैडेटों को ट्रेनिंग देता है) और फजिया इंटर कॉलेज नूर खान भी है। इसकी वजह से ये बेस रणनीतिक, सैन्य और पढ़ाई के लिहाज से बहुत अहम है।
नूर अली खान एयरबेस पर हमला करके भारत ने पाकिस्तान को बहुत सख्त संदेश दिया है। ये बेस न सिर्फ पाकिस्तान के ‘एयर फोर्स वन’ का मुख्यालय है, बल्कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और वायुसेना प्रमुख जैसे बड़े नेताओं के ट्रांसपोर्ट, कम्युनिकेशन और सुरक्षा का भी केंद्र है। साथ ही, यहाँ कई बड़े सैन्य अधिकारी रहते हैं। इस अहम बेस पर हमला करके भारत ने दिखा दिया कि अगर पाकिस्तान तनाव कम नहीं करता, तो भारत न सिर्फ उसके बड़े सैन्य ठिकानों को नाकाम कर सकता है, बल्कि उसके शीर्ष सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व तक भी पहुँच सकता है।
9 मई को भारत की प्रेस ब्रीफिंग – ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जवाब में पाकिस्तान कैसे आम लोगों को निशाना बना रहा है
9 मई 2025 को भारत सरकार ने एक खास प्रेस ब्रीफिंग की, जिसमें पाकिस्तान के हालिया हमलों और दुस्साहस का पूरा ब्यौरा दिया गया। इस ब्रीफिंग में विदेश सचिव विक्रम मिस्री, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ने मिलकर देश और दुनिया को हालात की गंभीरता और भारत की प्रतिक्रिया के बारे में बताया।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि 8 और 9 मई की रात को पाकिस्तानी सेना ने पश्चिमी सीमा पर कई बार भारतीय हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की, ताकि भारतीय सैन्य ढाँचे को नुकसान पहुँचाए। साथ ही, पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर भारी हथियारों से गोलीबारी भी की, जिससे तनाव और बढ़ गया।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा कि 8 और 9 मई की रात पाकिस्तानी सेना ने लेह से लेकर सर क्रीक तक अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर ड्रोन से घुसपैठ की कोशिश की। इसके लिए करीब 300 से 400 ड्रोन का इस्तेमाल हुआ और 36 जगहों पर घुसपैठ की कोशिश की गई। भारतीय सेना ने कई ड्रोनों को मार गिराया। इतने बड़े पैमाने पर ड्रोन घुसपैठ का मकसद शायद भारत की हवाई रक्षा प्रणालियों को परखना और खुफिया जानकारी जुटाना था।
ड्रोन हमलों के बाद बरामद मलबे की जाँच चल रही है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, ये तुर्की में बने अस्सिगार्ड सोंगर ड्रोन हैं। उसी रात, पाकिस्तान के एक हथियारबंद ड्रोन ने बठिंडा सैन्य स्टेशन पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय बलों ने इसे समय रहते पकड़कर नाकाम कर दिया। जवाब में, भारत ने पाकिस्तान के चार हवाई रक्षा ठिकानों पर हथियारबंद ड्रोन भेजे। विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि इनमें से एक ड्रोन ने पाकिस्तान के एक एयर डिफेंस रडार को तबाह कर दिया।
पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास कई जगहों पर भारी तोपों और हथियारबंद ड्रोनों से गोलीबारी की, जिसमें भारतीय सेना के कुछ जवान वीरगति को प्राप्त हुए और कई घायल हो गए। इसके जवाब में भारत ने भी तेज और सटीक गोलीबारी की, जिससे पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान हुआ।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने पाकिस्तान की गैर-जिम्मेदार हरकतों को उजागर करते हुए बताया कि 7 मई की शाम को ड्रोन और मिसाइल हमले करने के बावजूद पाकिस्तान ने अपने नागरिक हवाई क्षेत्र को बंद नहीं किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जानबूझकर नागरिक विमानों को ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहा है, जबकि उसे पता है कि भारत उसके हमलों का तुरंत जवाब देगा। इससे अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास उड़ने वाले नागरिक और अंतरराष्ट्रीय विमानों की सुरक्षा को खतरा हो रहा है।
भारत सरकार ने फ्लाइट राडार 24 के स्क्रीनशॉट दिखाए, जिनमें साफ दिखा कि पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल हमलों के दौरान कराची और लाहौर के बीच नागरिक विमान उड़ रहे थे। विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि भारतीय वायुसेना ने अपनी प्रतिक्रिया में बहुत संयम दिखाया, ताकि अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमानों की सुरक्षा बनी रहे। ब्रीफिंग में कर्नल सोफिया कुरैशी ने हिंदी में और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने अंग्रेजी में जानकारी दी। इसके बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि पाकिस्तान ने जानबूझकर भारतीय नागरिकों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, जिसका भारत ने सही, पर्याप्त और जिम्मेदार तरीके से जवाब दिया।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पाकिस्तान के हालिया हमलों के खंडन को हास्यास्पद और दोगलेपन का सबूत बताया। उन्होंने पाकिस्तान के उस दावे को भी सख्ती से खारिज किया, जिसमें कहा गया था कि भारतीय सेना अपने ही धार्मिक स्थलों पर हमले कर रही है। मिस्री ने इस आरोप को बेतुका और अपमानजनक बताया।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने साफ कहा कि पाकिस्तान दुनिया को गुमराह करने में कामयाब नहीं होगा। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने पुंछ में एक गुरुद्वारे पर हमला किया, जिसमें कई लोग मारे गए। पाकिस्तान के उस दावे को खारिज करते हुए कि भारत अपने ही धार्मिक स्थलों या शहरों पर हमला करता है, मिस्री ने इसे पागलपन भरी सोच बताया और कहा कि शायद पाकिस्तान ऐसा सोचता है क्योंकि वो खुद ऐसा करता रहा है, जैसा इतिहास में कई बार देखा गया है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पाकिस्तान के उस दावे को भी झूठ बताया, जिसमें कहा गया था कि भारत ने ननकाना साहिब गुरुद्वारे को निशाना बनाया। उन्होंने इसे पाकिस्तान के दुष्प्रचार का हिस्सा बताया। मिस्री ने कहा कि पाकिस्तान जानबूझकर सांप्रदायिक रंग देकर विवाद बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान दावा करता है कि उसने किसी धार्मिक स्थल पर हमला नहीं किया, लेकिन मैंने कल ही पुंछ में गुरुद्वारे पर हुए हमले की बात बताई थी, जिसमें मासूम लोग मारे गए। इसके बजाय जिम्मेदारी लेने की जगह पाकिस्तान ने ये बेतुका और अपमानजनक आरोप लगाया कि भारतीय सेना और वायुसेना खुद अमृतसर जैसे अपने शहरों को निशाना बना रही हैं।”
उन्होंने कहा, “ये पाकिस्तान की अपने गलत कामों से पल्ला झाड़ने की हताश कोशिश है, और ये दुनिया को धोखा देने का उनका तरीका है। ये कामयाब नहीं होगा। पुंछ के गुरुद्वारे पर पाकिस्तान ने हमला किया था, जिसमें गुरुद्वारे के एक रागी समेत सिख समुदाय के कुछ लोग मारे गए।”
एक सवाल के जवाब में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि मौजूदा सुरक्षा हालात को देखते हुए करतारपुर साहिब कॉरिडोर की सेवाएँ अगले आदेश तक बंद कर दी गई हैं। उन्होंने ये भी बताया कि पाकिस्तान का एक गोला पुंछ में एक ईसाई मिशनरी स्कूल के पास एक घर पर गिरा, जिसमें क्राइस्ट स्कूल के दो छात्र मारे गए और कई घायल हो गए। इसके अलावा, एक और पाकिस्तानी हमले में पास के एक ईसाई कॉन्वेंट को निशाना बनाया गया, जिससे उसका ढाँचा क्षतिग्रस्त हुआ। हमले के दौरान कॉन्वेंट के लोग क्राइस्ट स्कूल के बंद पड़े भूमिगत हॉल में छिपे।
यहूदी अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या के बारे में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि जैश-ए-मोहम्मद इस जघन्य अपराध के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार था। उन्होंने खास तौर पर अहमद उमर सईद शेख का जिक्र किया, जो एक ब्रिटिश-पाकिस्तानी जिहादी था और जिसे भारत ने हिरासत में लिया था, लेकिन 2000 में रिहा कर दिया गया। मिस्री ने बताया कि डेनियल पर्ल को बहकाकर उसकी हत्या की साजिश में इस शेख की अहम भूमिका थी। उन्होंने कहा कि ये लोग, संगठन और घटनाएं आपस में जुड़ी हुई हैं। इसीलिए, बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने पर भारत का हमला डेनियल पर्ल की हत्या जैसे अपराधों की जवाबदेही का हिस्सा है।
यह रिपोर्ट मूलतः ऑपइंडिया इंग्लिश पर प्रकाशित हुई है, जिसे इस लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।