Monday, October 7, 2024
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मोदी हमसे डरते हैं, हम कोरोना से नहीं डरते, ये अल्लाह का अज़ाब है, कुरान हमारी रक्षा करेगा: शाहीन बाग की बुर्कानशीं महिलाएँ

शाहीन बाग की एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा कि यह अल्लाह का अज़ाब है, मैं कोरोना के फैलते प्रकोप से जरा भी डरती नहीं हूँ। अगर सरकार को हमारी चिंता है, तो उन्हें पहले ये काला कानून वापस लेना होगा।

दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ पिछले करीब तीन महीनों से महिला प्रदर्शनकारियों का धरना जारी है। इस बीच कोरोना वायरस के लगातर बढ़ते प्रकोप से पूरी दुनियाँ बंद है वहीं शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी धरना स्थल को खाली करने के लिए तैयार नहीं है। टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में घातक कोरोना वायरस फैलने के बावजूद, शाहीन बाग में CAA विरोधी प्रदर्शनकारियों ने यह कहते हुए जगह खाली करने से इनकार कर दिया कि वे कोरोना वायरस से डरते नहीं हैं।

धरने पर पहुँची महिलाओं से टाइम्स नाउ के संवाददाता ने बात की, जिस पर एक शाहीन बाग की एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा कि यह अल्लाह का अज़ाब है, मैं कोरोना वायरस के फैलते प्रकोप से जरा भी डरती हूँ। अगर सरकार को हमारी चिंता है, तो उन्हें पहले ये काला कानून वापस लेना होगा। नीचे संलग्न ट्वीट में आप वीडियो देख सकते हैं।

इस बीच महिला प्रदर्शनकारी ने मोदी पर भी निशाना साधा और कहा कि मोदी सरकार उनसे डरती है और कहा कि शाहीन बाग में सभाओं को प्रतिबंधित करने के लिए सरकार का हालिया निर्देश उनके द्वारा जारी आंदोलन को कमजोर करने की ही एक चाल है। बुर्का-पहने महिला ने एक बार फिर कहा कि हम कोरोना वायरस से डरते नहीं हैं।

इसके बाद चैनल के रिपोर्टर ने सवाल किया कि इस तरह के बड़े पैमाने पर यहाँ एकत्र होने के कारण प्रत्येक प्रदर्शनकारी को वायरस फैलने का खतरा हो सकता है, इसके जवाब में महिला प्रदर्शनकारी ने कहा कि वायरस से संक्रमित होने का जोखिम तो उनके घरों में भी भी होगा, इसलिए किसी भी कीमत पर धरना स्थल को खाली करने का सवाल नहीं है। एक अन्य बुर्का पहने प्रदर्शनकारी महिला ने भी कुछ इसी तरह अपनी सहयोगी की बात को आगे बढ़ाया और कहा कि वे अरविंद केजरीवाल द्वारा की गई अपील का हम पालन कर रहे हैं।

दरअसल, हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 1897 में महामारी रोग अधिनियम लागू किया था और अत्यधिक संक्रामक रोग के प्रसार को सीमित करने के लिए प्रतिबंधों का एक नया सेट घोषित किया था। इसके बाद मुस्लिम प्रदर्शनकारियों ने फैसला किया कि कम लोग ही धरने पर आएँगे, लेकिन न तो धरने को समाप्त करेंगे और न ही घरना स्थल को खाली करेंगे।

केजरीवाल सरकार की अपील के बाद भी शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों का सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। इक तरफ चीन के बुहान शहर से तेजी से फैली महामारी ने दुनियाँ को बंद कर दिया है। तो वहीं दूसरी ओर शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी धरना स्थल पर कुरान पढ़ रहे हैं। यह मानते हुए कि अल्लाह उन्हें कोरोना के संकट से बचाएगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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