Saturday, July 27, 2024
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‘हम देखेंगे’ की जगह ‘गायंत्री मंत्र’ सुनकर बिलबिला उठे वामपंथी, NDTV ने तो डिलीट ही कर दिया वीडियो, लोगों ने लगाई लताड़

अब देखते ही देखते ये विडियो वायरल हो गई। सोशल मीडिया यूजर्स इसकी सराहना करने लगे। मगर इस बीच कुछ वामपंथी ये सब देखकर बिलबिला उठे। उन्होंने फौरन इसे धर्म से जोड़ दिया और वीडियो में नजर आ रही महिलाओं को बेवकूफ तक करार दे दिया।

कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण इन दिनों अधिकतर सड़कें खाली हैं। कई लोगों को विशेष रूप से घर में रहने की सलाह दी गई है तो कई अपनी इच्छा से घर में बंद हैं। ऐसे में इस अकेलेपन को दूर करने के लिए लोग तरह-तरह के तरीकों से एक दूसरे को इस लड़ाई को लड़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।

अभी कुछ दिन पहले हमने देखा कि इटली, जहाँ कोरोना का असर व्यापक स्तर पर है, वहाँ लोगों ने बॉलकनी में आकर गाना गाया। अब इसी की तर्ज पर गुरुग्राम में भी ऐसा मामला आया। जहाँ कोरोंटाइन हुए लोगों का उत्साह बढ़ाने के लिए कुछ औरतें अपने घर से निकलकर आईं और इस मुश्किल घड़ी में अपने आसपास मौजूद ऐसे लोगों को सकारात्मक ऊर्जा देने के लिए गायत्री मंत्र और हम होंगे कामयाब गाना गाया।

इस वीडियो को एनडीटीवी की पत्रकार सुक्रिती द्विवेदी ने अपने ट्विटर पर शेयर किया। उन्होंने ‘इटली जैसा दृश्य गुड़गाँव’ में बताते हुए इसे ट्वीट किया। उन्होंने बताया कि गुड़गाँव के सेक्टर 28 में औरतें घरों से निकलकर बॉलकनी में आईं और उन्होंने गायत्री मंत्र और हम होंगे कामयाब गाना गाया।

अब देखते ही देखते ये विडियो वायरल हो गई। सोशल मीडिया यूजर्स इसकी सराहना करने लगे। मगर इस बीच कुछ वामपंथी ये सब देखकर बिलबिला उठे। उन्होंने फौरन इसे धर्म से जोड़ दिया और वीडियो में नजर आ रही महिलाओं को बेवकूफ तक करार दे दिया।

लिबरल-सेकुलरों ने तुरंत कहना शुरू किया कि इटली में लॉकडाउन था, गुरुग्राम में नहीं हैं। इसलिए लाउड स्पीकर लगाकर हिंदू मंत्रो का उच्चारण केवल एक स्टंट हैं। जबकि कुछ ने ये शिकायत की कि ये लोग सिर्फ़ हिंदू मंत्रों को लाउड स्पीकर पर बोलकर लोगों को तंग कर रहे हैं।

एक यूजर ने औरतों की उम्र को लेकर उनका मजाक उड़ाने की कोशिश की और लिखा कि 4-5 आंटी पूरी सोसायटी को परेशान कर रही हैं, ताकि सोशल मीडिया पर शो-ऑफ किया जा सके।

यहाँ बता दें, जिस समय लिबरल अपनी खुंदस निकालते हुए इटली और गुरुग्राम में फर्क़ बता रहे हैं। वहाँ अब तक कोरोना के 17 पॉजिटिव केस आ चुके हैं। जिसके कारण सरकार ने स्कूल, कॉलेज और आँगनबाड़ी सबको बंद करने का निर्देश दिया है ताकि इस वायरस को फैलने से रोका जा सके। लेकिन शायद लिबरलों और कट्टरपंथियों को इससे कोई लेना देना नहीं हैं। उन्हें सिर्फ़ अपनी घृणा प्रदर्शित करनी हैं।

इस वीडियो को देखकर एक इस्लामिक ट्रोल मंत्र उच्चारण करने वाली महिलाओं पर सेक्सिस्ट कमेंट करती हैं और इस पूरे प्रयास को प्रायोजित इवेंट बताती हैं। एक अन्य ट्रोल कहती हैं कि इटली में जो लोग बॉलकनी में आए उन्होंने दिल से प्रोत्साहित करने वाला गाना गाया। उन्होंने लाउडस्पीकर, माइक्रोफोन, राष्ट्रीय ध्वज आदि के साथ धार्मिक मंत्र नहीं बोले।

कुछ कट्टरपंथियों ने तो ये देखकर यहाँ तक हैरानी जताते हुए पूछा कि ये महिलाएँ जो आज हम होंगे कामयाब गा रही हैं, उनमें से कितनी महिलाएँ कभी शाहीन बाग गईं और ये गाना गाकर आई।

गौरतलब है कि ऐसे समय में जब पूरा विश्व इस घातक वायरस से लड़ने के लिए प्रयासरत है और अपने आसपास के लोगों को बचाने के लिए अलग-अलग कोशिशें कर रहा है। उस समय जाहिर है ये प्रयास भी सराहना के योग्य हैं। लेकिन लिबरलों में होती हलचल को देखकर समझा जा सकता है कि उनके लिए मानवता के मायने सिर्फ तभी तक हैं, जब तक उनसे हिंदू धर्म को न जोड़ा जाए। खुद विचार करिए कि जो लोग लाउड स्पीकर से आते मजहबी आवाजों को जस्टिफाई करने पर तत्पर रहते हैं। उनके लिए ये स्टंट हैं। जिनके लिए शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रही औरते सशक्त महिलाएँ हैं। वहीं गायत्री मंत्र गाती ये औरतें आँटी हैं। जिनके लिए ‘हम देंखेगे’ जैसे गजलें अजेंडामुक्त हैं। वहीं हिंदू मंत्रों का उच्चारण स्टेज ईवेंट हैं।

यहाँ सबसे शर्म की बात, जो इस वीडियो के वायरल होने के बाद हुई वो ये कि एनडीटीवी ने पहले जहाँ इस विडियो को अपने ट्विटर से ट्वीट किया और इसे इटली जैसे उदहारण बताया। वहीं अपने निर्धारित दर्शकों का विरोध देखर फौरन इसे डिलीट कर दिया कि कही उनके सेकुलर मानकों को ठेस न पहुँचे।

हालाँकि, एनडीटीवी की इस हरकत के लिए कुछ यूजर्स ने उन्हें जमकर लताड़ लगाई और कहा कि ये वीडियो क्यों डिलीट की? शायद तुम चाहते थे कि यहाँ पर गायत्री मंत्र का जगह हम देखेंगें गाया जाए। लेकिन गायत्री मंत्र सुनकर तुमने इसे डिलीट कर दिया क्योंकि ये तुम्हारे फॉलोवर्स के मन पर चोट करता।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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