कहा जाता है कि 1988 में रायसी ने गर्भवती महिलायों को यातना देने, कैदियों को चट्टानों से फेंकने, लोगों को बिजली के तारों से झटका देने और हिंसा से जुड़े अन्य क्रूर आदेश दिए थे।
तमिलनाडु के राजनीतिक दल 'इंदु मक्कल काची' ने ट्विटर पर इस एप के बारे में शेयर करते हुए लिखा था कि गूगल अब भारत के खिलाफ जिहाद को बढ़ावा देने में भी लग गया है।