अब्दुल आग लगाएगा, फिर ह्यूमन चेन बनाएगा, फिर फोटो भी खिंचवाएगा, फिर अच्छा अब्दुल कहलाएगा! पर अब्दुल भाई ये तो बोलो, अपने दिल के राज तो खोलो, मंदिर को बचा रहे थे किस से? जलाने वाले थे किस मजहब के!
भारत के लिबरल गैंग जिस भी चीज का हद से ज्यादा गुणगान करे, उसके बारे में समझ जाना चाहिए कि वो उतना ही ज्यादा खतरनाक है। उदाहरण के लिए दिल्ली के शाहीन बाग को ही ले लीजिए। इसी क्रम में बेंगलुरु के बिलाल बाग को भी प्रचारित किया गया।
पूर्वी बेंगलुरु में हुई इस घटना के मामले में 'सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI)' के नेता मुजम्मिल पाशा को गिरफ्तार किया गया है। वो इन दंगों का मास्टरमाइंड है।