Thursday, April 25, 2024

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धर्म

मुस्लिम युवक ने मुंडन करा ली दीक्षा, बनेंगे मुख्य पुरोहित: पिता ने भी मठ के लिए दी थी 2 एकड़ जमीन

चार बच्चों के पिता शरीफ बचपन से बसवन्ना की शिक्षाओं से प्रभावित रहे हैं। तीन साल से वे लिंगायत धर्म के बारे में शिक्षा ले रहे थे। बीते साल नवंबर में दीक्षा ली थी। अब 26 फरवरी को मुख्य पुरोहित की जिम्मेदारी वे सॅंभालेंगे।

मकर संक्रांति: जीवन की गतिशीलता का विज्ञान, चरम बोध और अप्रतिम आनंद का उत्सव

"आप गतिशीलता का तभी आनंद ले पाएँगे या उत्सव मना पाएँगे, जब आपका एक पैर स्थिरता में दृढ़ता से जमा होगा। और दूसरा गतिशील।" मकर संक्रांति का पर्व इस बात का भी उद्घोष है कि गतिशीलता का उत्सव मनाना तभी संभव है, जब आपको अपने भीतर स्थिरता का एहसास हो।

गंदी गालियों के साथ ‘ओम’ का उच्चारण, जानबूझकर हिंदू धर्म का अपमान: रॉक बैंड के 4 सदस्य गिरफ़्तार

"दास्तान लाइव रॉक बैंड के समूह ने अपमानजनक (गालियाँ) शब्दों के साथ "ओम" का उच्चारण किया। इसके अलावा, उन्होंने जानबूझकर हिंदू धर्म के लोगों की भावनाओं को आहत किया और सेरेंडिपिटी आर्ट्स फेस्टिवल 2019 के मंच का दुरुपयोग किया।"

‘करोड़ों के घपले, मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थे पिता, वे चाहते थे स्वामी नित्यानंद के खिलाफ करूँ षड़यंत्र’

अपने पिता पर गंभीर आरोपों की लम्बी फेहरिस्त जारी रखते हुए उसने यह भी कहा कि वे अपने सहयोगियों को टेंडर जारी होने के पहले से तय राशि बता देते थे और उनके सहयोगी उससे सस्ते दाम लगाकर टेंडर पा लेते थे। इसके बाद चाहे वे जैसी भी गुणवत्ता का सामान दें, आश्रम खरीद लेता था।

एयरपोर्ट पर सिख पायलट की पगड़ी उतरवाई, बिफरे अकाली विधायक ने कहा- दखल दे मोदी सरकार

गुजराल जब एयरपोर्ट के मेटल डिटेक्टर से गुजर कर निकले, तो कोई अलार्म नहीं बजा। यानी, उनके शरीर पर या पगड़ी में किसी सुरक्षा उपकरण ने कोई खतरनाक या संवेदनशील चीज़ नहीं थी। इसके बावजूद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें पगड़ी उतारने के लिए कहा।

बैरंग घर लौटेंगी तृप्ति देसाई, अय्यप्पा स्वामी को चुनौती देने की अकड़ साल भर में दूसरी बार हवा

“चाहे मुझे सुरक्षा मिले या न मिले, हम आज मंदिर जाएँगे।” कोच्चि पहुँचने पर तृप्ति देसाई ने यही कहा था, लेकिन उनका मंसूबा अय्यप्पा भक्तों ने पूरा नहीं होने दिया। अब तृप्ति का कहना है कि पुलिस उन्हें सुरक्षा नहीं दे रही है इसलिए...

हिन्दू धर्मांतरण क्यों नहीं करते? कलमा क्यों नहीं पढ़ लेते? क्योंकि वो काल को जीतने वाले राम के उपासक हैं

अपने अंतर्मन में हर हिन्दू यह बात जानता था कि श्री राम व राम का नाम हिन्दू धर्म की आत्मा है। राम गए तो हिन्दू धर्म नहीं बचेगा। वह आस्था, वह श्रद्धा जो हमारे रक्त और हमारी हड्डियों में समाई हुई है। राम का ‘तत्व’ ही वह शाश्वत धारा है जिसने हिन्दू समाज को विषम-से-विषम परिस्थिति में भी स्पंदित व जीवित रखा है, तथा सदैव रखेगी।

छठ पर्व के चार दिन: क्यों होता है छठ, कैसे होती है पूजा, क्या हैं इसके मायने; सब विस्तार से

सूर्य की शक्तियों का मुख्य श्रोत उनकी पत्नी ऊषा और प्रत्यूषा हैं। छठ में सूर्य के साथ-साथ दोनों शक्तियों की संयुक्त आराधना होती है। प्रात:काल में सूर्य की पहली किरण (ऊषा) और सायंकाल में सूर्य की अंतिम किरण (प्रत्यूषा) को अर्घ्य देकर दोनों का नमन किया जाता है।

हत्या के गुनहगार अकील पठान ने गीता पढ़ने की जताई इच्छा, ग्वालियर के केंद्रीय कारागार में है कैद

"जो देश के संविधान के ख़िलाफ़ जाता है, वो जेल में जाता है। इसी तरह जो आध्यात्म के संविधान का उल्लंघन करता है, वो जीवन चक्र में फँस जाता है। गीता को मानव जीवन के संविधान के रूप में स्वीकार करना चाहिए।"

शक्ति का प्रत्युत्तर शक्ति से ही देना होगा, तभी म्लेच्छ शक्तियों की पराजय निश्चित होगी

हाँ, हमें मौलिक आराधना करनी होगी, शक्ति का प्रत्युत्तर शक्ति से ही देना होगा, शिव और शक्ति को एक साथ साधना ही होगा, तभी इन म्लेच्छ शक्तियों की पराजय निश्चित होगी। जब तक सिद्धि न हो, समर को टाल कर सिद्धि करनी होगी…

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