Thursday, April 18, 2024

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महिला सशक्तीकरण

हम साथी हैं… हमें साथ चलना है… फिर स्त्रीवाद के इस दौर में पुरुष हीन क्यों?

क्या वाक़ई पुरुष इतना भावना-हीन है कि उसे किसी भी तकलीफ पर दर्द नहीं होता। वह रो नहीं सकता। या वह इतना संबल है कि हर परेशानी को सँभाल सकता है। नहीं, यह भी सदियों से चली आ रही है परिपाटी की तरह पूर्वाग्रह से ग्रसित एक धारणा है।

कॉन्ग्रेस में महिलाओं की इज्जत नहीं, होता है उत्पीड़न: महिला कार्यकर्ताओं ने अपनी ही पार्टी के ख़िलाफ़ खोला मोर्चा

महिला कार्यकर्ताओं ने कहा कि जब राजनीति में भागीदारी की बात आती है तो सांसदों और विधायकों की पत्नियों को टिकट दे दिया जाता है। ज़मीन पर मेहनत करने वाली महिला कार्यकर्ताओं की पार्टी में कोई इज्जत नहीं है।

एक ने बेटी की ख़ातिर तो दूसरे ने पति के लिए लाँघी चौखट: स्वाति सिंह, किरण तिवारी जैसों से रोशन हौसले का दीया

एक के सामने जाति की चादर ओढ़े प्रभावशाली राजनीतिक ​बिरादरी था, तो दूसरे के सामने धर्म की खाल में लिपटे दरिंदे हैं। बावजूद इसके इन्होंने जो जज्बा दिखाया वो बताता है कि हमें विरासत के नाम पर उड़ान भरती महिलाओं से ज्यादा इनके हौसले की दरकार है।

अब सैनिक स्कूलों में भी पढ़ सकेंगी लड़कियाँ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी मंजूरी

सैनिक स्कूलों को पारंपरिक रूप से एक पुरुष गढ़ के रूप में देखा जाता है। इन स्कूलों में लड़कियों को प्रवेश देना राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में महिला कैडेटों को शामिल करने की दिशा में पहला क़दम है।

एकेडमी लड़कियों के लिए नहीं थी, महिला क्रिकेट की नई सनसनी शैफाली वर्मा ने ‘लड़का’ बन ली थी ट्रेनिंग

"मुझे और मेरी बेटी को इतना सुनना पड़ा कि कोई भी परेशान हो जाए, लेकिन शैफाली ने एक दिन मुझसे कहा- ये लोग किसी दिन मेरे नाम के नारे लगाएँगे।" इसके बाद परिस्थितियाँ तब बदलीं जब उनके स्कूल ने लड़कियों के लिए क्रिकेट टीम बनाने का फ़ैसला लिया।

‘मेरा लेखन तभी सार्थक है, जब कोई एक व्यक्ति भी कुछ अच्छा और सही करने के लिए प्रेरित हो सके’

मेरे लेखन का उद्देश्य यही है कि कोई एक व्यक्ति भी कुछ अच्छा और सही करने के लिए प्रेरित हो सके तो मैं अपना लेखन सार्थक मानूँगी। मेरी आगामी दो किताबें भी इसी उद्देश्य के साथ आ रही हैं। जिनमें से एक उपेक्षित स्त्रियों को केंद्र में रखकर लिखा गया कहानी संग्रह है और दूसरी किसानों से जुड़ी, खेती से जुड़ी, असल समस्याओं और किसानों के जीवन के भीतर की कहानी पर आधारित है।

विदिशा बालियान ने जीता Miss Deaf World 2019 का ताज, यह ख़िताब जीतने वाली पहली भारतीय

इस प्रतियोगिता में विदिशा ने तांडव पर परफॉर्म किया था। उन्होंने लिखा, “तांडव, भगवान शिव का एक शानदार नृत्य है। मुझे छोटी उम्र में ही नृत्य से लगाव था। हालाँकि मैं स्पष्ट रूप से ताल, धुन या आवाज़ नहीं सुन सकती थी। लेकिन, नृत्य करने के लिए अपने दिल और आत्मा में संगीत की आवश्यकता होती है।”

निकाह-हलाला बलात्कार है, इसे भी करें बैन: दिल्ली महिला आयोग की PM मोदी से माँग

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने ट्रिपल तलाक बिल के संसद से पास होने की उम्मीद जताई है। उनका कहना है कि संसद निकाह-हलाला को भी बैन करें, यह अमानवीय और जघन्य हैं।

लड़ाकू विमान उड़ाने और वॉरशिप पर पराक्रम दिखाने के बाद महिलाएँ अब ‘Defence Attache’ भी बन सकेंगी

मोदी सरकार द्वारा महिला सामर्थ्य पर दिखाया गया अटल विश्वास उस समय दिखा जब देश के 66 वें गणतंत्र दिवस के मौक़े पर तीनों सेनाओं के एक विशेष महिला दस्ते ने मार्च करते हुए अंतराष्ट्रीय स्तर पर भारत का गौरव बढ़ाया।

बुर्के का विरोध करने वाली नसरीन को 38 साल की जेल, 148 कोड़ों की सजा

इससे पहले, साल 2010 में नसरीन को दुष्प्रचार करने और देश की सुरक्षा को खतरे में डालने के आरोप में जेल भेजा गया था। हालाँकि, नसरीन ने इन आरोपों से इनकार किया था। 6 साल की सजा काटने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया था।

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