Wednesday, November 20, 2024

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हिन्दूफोबिया

हिन्दू एकता के लिए कपिल मिश्रा की पहल से घबराया वामपंथी मीडिया, Scroll ने लव जिहाद और मिशनरियों का किया बचाव

लोगों में एकता की पहल करना समाजसेवा है। 'लव जिहाद' के खिलाफ आवाज़ उठाना महिला अधिकारों की लड़ाई है। गोरक्षा पशु अधिकार की सुरक्षा है। वामपंथी इन्हीं अधिकारों के लिए लड़ने का दावा करते हैं तो फिर इनसे नफरत क्यों?

हिंदू कुरीति पर ज्ञान, मुस्लिमों का बहुविवाह ‘रिश्ते की खूबसूरती’: जानें, दैनिक भास्कर पाठकों को कैसे बनाता है बीमार

कोना प्रथा की कुरीति पर दैनिक भास्कर के सवाल जायज हैं। लेकिन, उसी अखबार के लिए मजहबी कुरीति क्यों 'रिश्ते की खूबसूरती' हो जाती है?

डियर रेख्ता, हम अगर किसी त्योहार को ‘खून की नदी बहाने का त्योहार’ लिख दें तो सुलग जाएगी

रेख्ता ने एक पोस्टर के जरिए दिवाली और इससे जुड़े कुछ प्रचलित शब्दों को उर्दू शब्दकोश देने की कोशिश की और इसी बहाने इसमें मजहबी अजेंडा को साध लिया।

‘राम की पूजा के कारण रेप’: हिंदू घृणा से सनी महिला के आयुष मंत्रालय से जुड़े होने के दावे को मंत्री ने नकारा

ऑपइंडिया पर खबर प्रकाशित होने के बाद केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने मंत्रालय से जुड़े होने के निहारिका के दावे को नकार दिया है।

जिससे बच्चे दीवाली की खुशियाँ मनाना न भूलें: 2021 की दीवाली को अद्भुत बनाने के लिए ऑपइंडिया का रोडमैप

हम नहीं चाहते कि त्योहार मनाते समय हिन्दुओं के मन में भय हो। हमारी पूरी कोशिश होगी कि 2021 की दीवाली सबसे अद्भुत और दिव्य हो।

‘सुबह के साढ़े 4 बजे कौन पटाखे फोड़ता है?’: दीपावली से भड़के शाहिद, लोगों ने दिलाई अजान की याद

पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी ने दीपावली की अगली सुबह तड़के 4:53 बजे ट्वीट कर हिन्दुओं द्वारा दीपावली मनाने और पटाखे छोड़ने को लेकर आपत्ति जताई।

Laxmii: तर्क-हॉरर तलाशना बहिष्कार का कारण तलाशने से कहीं अधिक मुश्किल, सीक्वल की संभावना है एकमात्र डरावनी बात

Laxmii फिल्म में तर्क और हॉरर तलाशना इसके बहिष्कार का कारण तलाशने से कहीं ज्यादा परेशान कर देने वाला काम है। जब फिल्म में कथा ही नहीं तो पटकथा का कैसा बहिष्कार?

दीवाली पर Tanishq ने फिर परोसा हिंदू विरोधी प्रोपेगेंडा: सोशल मीडिया पर विरोध के बाद विज्ञापन हटाया

तनिष्क ने एक बार फिर विवादित विज्ञापन बनाया था। जिसमें तनिष्क ने हिन्दू विरोधी एजेंडा परोसते हुए दिवाली को निशाना बनाया था। पिछली बार की तरह इस बार भी तनिष्क के इस विज्ञापन की जम कर आलोचना हुई।

पटाखों पर रोक लेकिन कुर्बानी से ‘प्यार’ और क्रिसमस पर सब OK… नफरत सिर्फ हिंदुओं के त्योहारों से क्यों?

सवाल यह है कि प्रदूषण को लेकर सरकारें साल भर क्यों सोती रहती हैं? पॉल्यूशन का सॉल्यूशन चंद दिनों के बैन से निकलेगा या यह सिर्फ राजनीति?

‘कोई पटाखे नहीं, मुझे नहीं लगता किसी को पटाखे जलाने चाहिए’ – दीवाली पर Tanishq ने फिर परोसा हिंदू विरोधी प्रोपेगेंडा

Tanishq के इस ऐड में कोई पूजा की थाली नहीं है, न ही कहीं भगवान राम का जिक्र है, आखिर किस आधार पर यह विज्ञापन दीवाली के लिए तैयार हुआ है?

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