"अगर आवंटन 3 दिन पहले किया गया था, तो आपने टैंकरों के लिए कोई और विकल्प क्यों नहीं तलाशा? आपकी पार्टी के प्रमुख खुद एक प्रशासनिक अधिकारी रह चुके हैं, वह जानते हैं कि यह काम कैसे किया जाता है।"
जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल की तरफ से कोर्ट में सचिन दत्ता ने कहा, "कल 25 लोगों की मौत हो गई थी, क्योंकि हमारे पास ऑक्सीजन नहीं था। हम सचमुच साँस के लिए लड़ रहे हैं।"
इंदौर-खंडवा रोड स्थित 'माँ अहिल्या कोविड केयर सेंटर' में 600 बेड्स की व्यवस्था की गई है। लेकिन, आवश्यकता पड़ने पर यहाँ 6000 बिस्तरों की व्यवस्था की जा सकेगी।