अधिकारी जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। शुभेंदु का यह इस्तीफा आने वाले पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव को मद्देनजर ममता सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
"पाकिस्तान और बांग्लादेश से प्रताड़ित होकर आने के बाद मटुआ समुदाय के लोग भारत में शरणार्थी की तरह रह रहे हैं। हम उन्हें किसी भी सूरत में नागरिकता देकर रहेंगे और ऐसा करने से हमें कोई नहीं रोक सकता है।"
पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा का लंबा इतिहास रहा है। हिंसा के लिए कुख्यात वामपंथी दलों ने इस 'संस्कृति' को पाला-पोसा और अब TMC इसे हथियार बना रही है।