जहाँ की जनता ने पिछली बार उन्हें BJP सांसद के रूप में लोकसभा भेजा था, वहीं की जनता के सामने उन्होंने कॉन्ग्रेसी गुलामी कुबूल करते हुए स्वीकारा कि उनके पिताजी और खुद उनके लिए भी कॉन्ग्रेस के लोगों ने बूथ कब्जा किया था।
पोल में सामने आए नतीजे बताते हैं कि नरेंद्र मोदी लोकप्रियता के मामले में अपने प्रतिद्वंद्वियों से बहुत आगे हैं। इसलिए लगभग 84% यूज़र्स ने बताया कि अगर आज की तारीख़ में चुनाव होते हैं तो वे पीएम के तौर पर मोदी को चुनेंगे।
ऑपइंडिया के साथ ख़ास इंटरव्यू में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बजट 2019 से लेकर आगामी लोकसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु की राजनीति पर भी चर्चा की। उन्होंने रेलवे व अर्थव्यवस्था से जुड़े कठिन सवालों के बेधड़क जवाब देकर सरकार का पक्ष स्पष्ट किया।
अतीत में शिवसेना की बात को गंभीरता से न लेने का दावा करने वाले कुछ तथाकथित पत्रकारों व विश्लेषकों ने सामना में छपने वाले लेखों का शब्दशः भावार्थ कर इसे भगवद् गीता की तरह बाँचना शुरू कर दिया था।
इस अंतरिम घोषणा के बाद कई श्रद्धालुओं की आँख में उम्मीद के तारे चमकते नज़र आए हैं। इन श्रद्धालुओं की कतार में यूपी से बंगाल के बाद महाराष्ट्र से मध्यप्रदेश के भी कई नामी चेहरे खड़े नज़र आ सकते हैं।
अपने काम करने के तरीकों से बहुमत की इस सरकार का पूरा फायदा उठाते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन 5 सालों में एक प्रबल राजनीतिक इच्छाशक्ति का उदाहरण पेश किया है।
आए दिन के इन विपक्षी प्रपंचों से मेरा बाहर निकलना मुहाल हो गया है। बाहर निकलते ही सब ये पूछने लगते है कि तू ठीक तो है न, कहीं लगी तो नहीं! मेरा वश चले तो इज्ज़त के इन ठेकेदारों को तिहाड़ भेज दूँ।
दिवास्वप्न देखना और कॉन्पिरेसी थ्योरी में यकीन करना कॉन्ग्रेस पार्टी का एक पार्ट टाइम पेशा बनता जा रहा है, और शायद इस तरह की संभावनाओं पर भविष्यवाणियाँ कर के कॉन्ग्रेस के नेता अपने लिए 2019 के आम चुनावों के बाद रोज़गार तलाश रहे हैं।