CAA का विरोध करने वाली यह भीड़ इतनी 'शांतिप्रिय' है कि इसने आज पेट्रोल पम्प से लेकर बाइक, ऑटो, रिक्शा आदि को आग के हवाले कर दिया। विरोध प्रदर्शन के दौरान एक प्रदर्शनकारी पिस्टल लेकर पहुँच गया, जिसने 8 राउंड फायरिंग भी की। आज ही कई मेट्रो स्टेशंस के पास मुस्लिमों को अपने बोरिया-बिस्तरों के साथ इकट्ठा होते हुए भी देखा जा रहा है। पूछने पर पता चला कि किसी 'दुआ' के लिए सभी लोग इकट्ठे हो रहे हैं।
जाफराबाद में संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान एक प्रदर्शनकारी पिस्टल लेकर पहुँच गया। जानकारी के मुताबिक, उसने 8 राउंड फायरिंग भी की।
प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर ट्रैफिक जाम करने का प्रयास किया। पुलिसकर्मियों के साथ अभद्रता की। महिला पुलिसकर्मियों के साथ भी धक्का-मुक्की की गई और बैरिकेड तोड़ने की कोशिश हुई। अग्निश्मन दस्ते को मौके पर पहुॅंचने से रोका गया।
फरीदाबाद सड़क खोलने की माँग को लेकर प्रदर्शन कर रहे सरिता विहार जसोला आदि इलाके के लोगों का कहना है कि जब तक फरीदाबाद की सड़क नहीं खुलती, वो शाहीन बाग़ मेट्रो स्टेशन को जाने वाली सड़क बंद रखेंगे।
वामपंथियों के पास मूर्खों को छोड़ कर और कोई होता भी नहीं। या और गहरे उतरें तो यह कहना भी शास्त्रोचित है कि वामपंथी मूर्ख ही होते हैं। ये बात और है कि उन्हें अंत काल तक अपने मूढ़मति होने का पता नहीं चल पाता।
रविवार की सुबह बड़ी संख्या में मौके पर पहुँची महिलाओं ने सड़क को जाम कर दिया। इसी बीच स्थित तब तनावपूर्ण हो गई कि जब मौजपुर में सीएए के समर्थन में सड़कों पर पहुँचकर लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी और कुछ ही देर में दोनों और से पत्थरबाजी शुरू हो गई।
अक्ल वितरण के कुछ दिन बाद अचानक 'इंटरनेट लिबरल्स' बिरियानी बाग़ में धरना देते देखे गए। जब पत्रकार उन तक पहुँचे तो लेफ्ट-लिबरल्स गिरोह ने कहा- "हमारा मकसद नागरिकता कानून नहीं, बल्कि कॉमन सेन्स और अक्ल वितरण में किया गया पक्षपात का विरोध है।"
एक यूजर ने तो पूरे गैंग की ही पोल खोल दी और लिखा, "JNU वालों में ये ख़ास खूबी है कि ये जो चीज नहीं होती उसे भी देख लेते हैं, जैसे नकाब के पीछे ABVP 'गुंडे', बिना ड्राफ्ट के NRC...।"
“ऐतिहासिक भारत बंद की शुरुआत जाफराबद सीलमपुर दिल्ली से कर दी गई है, दिल्ली के साथी जाफराबाद पहुँचें। आज संवैधानिक दायरे में रहते हुए पूरा भारत बंद किया जाएगा। बीजेपी सरकार को बहुजनों की ताकत का अहसास करवाया जाएगा।”
बाजार संघ के एक वरिष्ठ सदस्य ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त मध्यस्थों से मिल कर, उन्हें व्यापरियों को हो रहे वित्तीय नुकसान और इसके कारण दुकानदारों और उसके स्टॉफ को होने वाली परेशनियों से अवगत कराने की इच्छा जताई।