ये चम्पक लेफ़्ट-लिबरल इको सिस्टम जितना चिल्ला ले कि मोदी ने तो कॉन्ग्रेस की योजनाओं का नाम बदल दिया, लेकिन सत्य यही है कि योजना का सिर्फ नाम ही नहीं बदला, उस पर काम भी किया, और करोड़ों ज़िंदगियों को उन छोटी सुविधाओं से छुआ, बेहतरी दी, जो साउथ और नॉर्थ ब्लॉक में बैठे लोगों के लिए नगण्य या इन्सिग्निफिकेंट थीं।
दिग्विजय सिंह की इस रैली में पूरा माहौल भगवा रंग में रंगा नजर आया। रैली में शामिल लोगों ने भगवा झंडा लिया हुआ था और गले में भगवा पट्टे भी ओढ़े हुए थे। इस दौरान मध्य प्रदेश पुलिस के जवान भी सादी वर्दी पहने गले में भगवा रंग का पटका डाले नजर आए।
चुनाव आयोग ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ प्राप्त शिकायतों में से अधिकांश में कहा कि वे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं करते हैं। ऐसी स्थिति में, सुष्मिता देव ने SC में मामले में एक अतिरिक्त हलफनामा दायर कर चुनाव आयोग के फैसलों को संशोधित करने की माँग की थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस टिप्पणी के बाद कॉन्ग्रेस के साथ ही अन्य पार्टियों ने भी इसका कड़ा विरोध किया था। वहीं सोशल मीडिया पर दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक होती रही। लोगों का कहना था कि किसी के मृत्यु से उसके अपराध नहीं ख़त्म हो जाते।
भोपाल में दिग्विजय सिंह ने कंप्यूटर बाबा की अगुवाई में पत्नी अमृता के साथ पूजा पाठ और हवन किया। कंप्यूटर बाबा ने दिग्वियज सिंह के समर्थन में हजारों की संख्या में साधु संत को लेकर भोपाल में कैंप लगाकर हठयोग शुरू कर दिया है।
संगरूर स्थित दिड़बा के चट्ठा ननहेड़ा गाँव में कॉन्ग्रेस प्रत्याशी केवल सिंह ढिल्लों के पुत्र करण सिंह ढिल्लों प्रचार के लिए पहुँचे तो उन्हें ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। लोगों ने कॉन्ग्रेस पर गुटका साहिब की बेअदबी का आरोप लगाया।
एक पिता के तौर पर तो बच्चों को हमेशा परिवार के साथ खड़े रहना चाहिए, लेकिन वो पिता प्रधानमंत्री भी था, और दुर्भाग्य से चोर और हत्यारा भी। देश उनके पिता से बड़ा है और अगर ये दोनों देशभक्त हैं तो राहुल या प्रियंका को मोदी की बात सुन कर चुपचाप रोने के बाद, आँसू के घूँट पीकर, रैली में किसी और विषय पर भाषण देते रहना चाहिए था।
ये मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिस पर लोगों ने कड़ी आपत्ति दर्ज की है। ट्विटर पर अपना ग़ुस्सा ज़ाहिर करते हुए एक यूज़र ने लिखा, "ये क्या हो रहा देश में। कुछ कानून नाम के कोई चीज है या नही। पूरी गुंडा गर्दी हो रही है।"
अपनी धुर विरोधी पार्टी बीजेपी के ख़िलाफ़ कोई मुद्दा ना मिलता देख केवल इसी ताक में रहना कि कब मोदी क्या कह दें और उसे एक मौक़ा समझकर ये सारे लपक लें, और फिर शुरू हो जाए अनरगल बातों का दौर।
मायावती ने महागठबंधन के समर्थकों से अपील की है कि वो लोग 6 मई को रायबरेली और अमेठी लोकसभा सीट पर होने वाले मतदान में कॉन्ग्रेस नेताओं के पक्ष में वोट करें।