राज्य सरकार ने प्रारंभ में 6 फरवरी को इस जलसे के लिए अपनी अनुमति दे दी थी। बाद में इस निर्णय को बदल दिया गया, क्योंकि संक्रमण के मामले सामने आने के बाद सतर्कता बरतने की जरूरत समझी गई। जमात के एक सदस्य ने बताया कि उनकी योजना महाराष्ट्र के पुणे, रत्नागिरी और रायगढ़ में ऐसे ही जलसों को आयोजित करने की थी।
जिसने वोट दिया अपना टॉर्च जलाए, माँग कर जलाए लेकिन हमारे लिबरल और सेकुलर लोगों का क्या? हमारी तो अभी से ही सुलगने लगी है, और पाँच तारीख तक तो हवा का बहाव सही रहा तो आग भी जल जाएगी।
सीएम ने कहा कि राज्य की तर्ज पर जिलों में भी टीम-11 गठित करें। सरकार कोरोना केयर कोष बनाने जा रही है। इसका उपयोग इलाज से जुड़ी जरूरतों में होगा। सीएम ने प्रदेश के हर चिन्हित अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों की निगरानी और इसकी जाँच की व्यवस्था को फुलप्रूफ रखने के निर्देश भी दिए हैं।
तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों को चिह्नित किया जा रहा है। संक्रमण से बचने के लिए जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों से जॉंच के लिए खुद आगे आने की अपील की गई है। साथ ही आम लोगों से भी इनके बारे पुलिस-प्रशासन को सूचना देने की अपील की गई है।
कोरोना वायरस को निष्क्रिय करने के लिए इस तकनीक में केमिकल की जगह पानी की बूँदों को ही आवेशित कर छिड़काव किया जा रहा है, जो कि सार्वजनिक स्थानों पर मौजूद वायरस और बैक्टीरिया को निष्क्रिय करने में सक्षम है।
देश में कोरोना के मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या के बीच ईसाई कार्डिनल ने मुंबई के सभी चर्च पादरियों से अपील की है कि वह कोरोना से मरने वाले लोगों के शवों को दफनाएँ नहीं बल्कि उनकी डेडबॉडी का अंतिम संस्कार कराएँ।
जमात के कार्यक्रम से हिस्सा लेकर लौटे दो भाई कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद अस्पताल में एडमिट किए गए थे। इनमें से एक की तबीयत बिगड़ने के कारण मौत हो गई। इसके बाद दूसरे भाई ने डॉक्टर एवं स्टाफ पर न केवल हमला बोल दिया, बल्कि उन पर थूक भी दिया था।
"ये ना कानून को मानेंगे, ना व्यवस्था को मानेंगे। ये मानवता के दुश्मन हैं। इन्होंने महिला स्वास्थ्यकर्मियों के साथ जो किया है वो जघन्य अपराध है। इन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाया जा रहा है। हम इन्हें छोड़ेंगे नहीं।"
बेंगलुरु में कोरोना वायरस से जुड़ा डेटा कलेक्ट करने गई एक आशा कार्यकर्ता पर लोगों ने हमला कर दिया। कार्यकर्ता कृष्णावेनी का आरोप है कि एक मस्जिद से लोगों को भड़काया गया और इसके बाद उन पर हमला किया गया।
"इस संगठन को दुनिया के कट्टरपंथी और आतंकी चला रहे हैं। इसका पैसा पूरी दुनिया से इसी काम के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह संगठन नौजवान लड़कों को बताता है कि काफिरों को मारना सवाब है।"