कोरोना वायरस से संक्रमितों में ऐसा ही एक नया नाम सामने आया है। यह नाम है विषाणुओं की खोज में महारत हासिल करने वाले दुनिया के शीर्ष विशेषज्ञों में शामिल डॉ. डब्ल्यू इयान लिपकिन का! विषाणु विज्ञानी डॉ. लिपकिन भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।
इसे चीनी वायरस कहना कोई रेसिज्म नहीं है। इसका अर्थ हुआ कि जिस जगह से ये वायरस पहली बार निकल कर आया, उस स्थान पर इसका नामकरण हो। ऊपर से जब चीन ने इसे ढकने की गलती करके दुनिया भर को परेशानी में डाला है तो फिर इसमें उन्हें क्यों दोष दिया जा रहा, जो इस वायरस के ऑरिजिनेट होने के स्थान के नाम पर इसे सम्बोधित कर रहे हैं?
"भारत में घर में रहना सबसे अच्छा है लेकिन घर में रहने के लिए लोगों को पैसे और खाने की जरूरत होगी। हमें न सिर्फ 21 दिनों के लिए सोचना और प्लान करना चाहिए बल्कि उसके अगले कुछ हफ्तों की भी योजना होनी चाहिए।"
निर्झरी सिन्हा यानी, प्रतीक सिन्हा की मम्मी ने इस तस्वीर के जरिए PM मोदी के 21 दिनों के लॉकडाउन के ऐलान का उपहास करने का प्रयास किया लेकिन दुर्भाग्यवश कुछ दिन से माँ-बेटों के षड्यंत्र को ज्यादा बल मिल नहीं पा रहा है।
जिले में घोषित लॉकडाउन के बाद भी एक मौलवी द्वारा मदरसे में बच्चों को पढ़ाया जा रहा था। इसकी जानकारी जब जिला प्रशासन को हुई तो उसने तत्काल कार्रवाई करते हुए मदरसा संचालक को हिरासत में ले लिया।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेस करके कहा कि देश के 80 करोड़ लोगों को सस्ते दर पर राशन दिया जाएगा। केंद्र सरकार देश के 80 करोड़ लोगों को हर महीने 7 किलो प्रति व्यक्ति राशन देगी, जोकि 3 महीने के लिए एडवांस होगा।
"आज लॉकडाउन की परिस्थिति में काशी देश को सिखा सकती है- संयम, समन्वय, संवेदनशीलता। काशी देश को सिखा सकती है- सहयोग, शांति, सहनशीलता। काशी देश को सिखा सकती है- साधना, सेवा, समाधान।"
अदालत ने कहा कि सरकार पूरे मामले को लेकर गंभीर नहीं है। ईरान से समय पर तीर्थयात्रियों को वापस लाने के प्रयास नहीं किए गए। जब वे लौटे तो उन्हें घर जाने दिया गया, जबकि उन्हें 14 दिन तक अलग-थलग रखने की जरूरत थी। अब यही लोग संक्रमण के बड़े स्रोत बन गए हैं।
स्वामी विवेकानंद ने प्लेग घोषणा पत्र में घर और उसके परिसर, कमरे, कपड़े, बिस्तर, नाली आदि को हमेशा स्वच्छ बनाए रखने की जो बात कही थी वह आज के लिए भी उतनी ही प्रासंगिक हैं।
गाड़ी से उतरे व्यक्ति को मास्क और ग्लब्स दिए जाते हैं और उन्हें पहनने को कहा जाता है। इसके बाद मामला संदिग्ध पाया जाने पर पुलिस उन्हें लेकर हॉस्पिटल जाती हैं। लेकिन हाँ, हॉस्पिटल ले जाने से पहले पुलिस स्प्रे मार कर गाड़ी को सैनिटाइज करना नहीं भूलती। ये है यूपी पुलिस।