उत्तराखंड में 22 मार्च से ही पूरी तरह से लॉकडाउन है। बावजूद विदेशी महिला राज्य में दाखिल हो गई। काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर अकेली महिला को देख अधिकारियों के होश उड़ गए।
कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए केंद्र सरकार ने पूरे देश में 21 दिनों के लॉकडाउन का फैसला किया है। यूपी सरकार ने इस दौरान सब्जी, फल, दूध, दवा और अन्य आवश्यक वस्तुएँ लोगों के घर तक पहुॅंचाने की व्यवस्था का ऐलान किया है।
सरकार की गंंभीरता और देश की जागरुकता का ही परिणाम है कि 133 करोड़ आबादी वाले देश में कोरोना सबसे धीमी गति से फ़ैल रहा है, लेकिन द लायर जैसे पोर्टल को शायद देश में इटली जैसी तबाही का इंतजार है।
साथ ही उन्होंने ये भी दावा किया कि वहाँ पर 'इन्फेक्शन रेट' बाकी दुनिया से एकदम अलग है। उन्होंने लिखा कि ये सब बिना लॉकडाउन के ही संभव हुआ। हालाँकि, आज ही ख़बर आई है कि सिंगापुर के दो इंटरनेशनल स्कूलों के बच्चों के 6 पेरेंट्स कोरोना वायरस के शिकार हो गए हैं।
तो क्या लॉकडाउन का मतलब लाइफ का लॉक हो जाना? खाना-पीना सब बंद? नहीं। घबराएँ नहीं। आज की रात से पहले जो लॉकडाउन किया गया था, कुछ वैसा ही आगे भी मतलब 14 अप्रैल तक चलेगा।
कोरोना से बचने का इसके अलावा कोई तरीका नहीं है, कोई रास्ता नहीं है। बकौल पीएम, कोरोना को फैलने से रोकना है, तो इसके संक्रमण की सायकिल को तोड़ना ही होगा।
पुलिस ने माईक लेकर पूरे शहर के लोगों से घरों के अंदर रहने का आह्वान किया साथ ही मस्जिदों के मौलवियों से अपील की कि वह अपने लोगों से कहें कि कुछ दिनों तक सभी लोग मस्जिद में न आकर अपने घर पर ही नमाज पढ़ें। इसके बाद ही मामला शांत हुआ।
अपने जिहादी लड़ाकों को वर्क फ्रॉम होम का फरमान सुनाने वाले आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) ने कोरोना महामारी को मूर्ति पूजा करने वाले देशों के लिए अल्लाह का जवाब बताया है। आईएसआईएस ने खुदा से अपील की है कि वह नास्तिकों पर कोरोना वायरस का कहर और ज्यादा बढ़ाए।
वहीं सैफ के संपर्क में आने वाली लिस्ट में सबसे अधिक सैफ के परिवार के लोग शामिल है, चाहे फिर वह माँ-बाप, पत्नी-बच्चे हों या फिर वह भाई-बहन हो। इसके बाद आस-पड़ोस के लोग और फिर लिस्ट में कुछ रिश्तेदारों के नाम भी शामिल हैं। वहीं सैफ को गंभीर हाताल में जिन-जिन अस्पतालों में भर्ती किया गया उनसे भी कई नामों को स्वास्थ्य विभाग ने अपनी लिस्ट में शामिल किया है, जिसमें डॉक्टर और नर्स भी शामिल हैं।
आज एक वामपंथी सनक का सबब पूरी दुनिया देख रही हैl एक राजनीति तो इसके नाम पर भी चल रही है लोग यह कह रहे हैं कि जब जापानी इन्सेफेलाईटिस, जो कि जापान के नाम पर है तो कोरोना वायरस को चाइनीज वायरस क्यों नहीं कह सकते हैंl डोनाल्ड ट्रंप ने तो इसे चाइनिज वायरस कहकर एक नई बहस को जन्म भी दे दिया हैl