आदेश में कहा गया है कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लॉकडाउन के कारण असाधारण परिस्थितियाँ पैदा हुई हैं। लिहाजा शैक्षिक सत्र को नियमित करने के लिए विद्यार्थियों को अनिवार्य रूप से अगली कक्षा में प्रोन्नत कर दिया जाए।
"पाँच साल पहले सरकार ने कहा था कि दो महीने में ही हम सेवा शर्त नियमावली ला देंगे। शिक्षकों के पाँच वर्ष बीत गए पर सरकार के दो महीने पूरे नहीं हुए। यह है सरकार! शिक्षक कुछ और नहीं माँग रहे, यही सेवा शर्त नियमावली माँग रहे हैं। शिक्षक स्वाभिमान की लड़ाई लड़ रहे हैं। नीतीश कुमार को समय क्षमा नहीं करेगा।"
सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन की बात हो, स्वच्छ भारत के जरिए शौचालय मुहैया कराना हो या उज्ज्वला योजना के जरिए करोड़ों परिवार को गैस कनेक्शन देकर स्वास्थ्य की चिंता करना, मोदी सरकार ने महिला हितैषी ऐसे कई कदम उठाए हैं, जिनके दूरगामी परिणाम होंगे।
"जो लोग क्लास अटेंड करना चाहते हैं, वो असंवेदनशील हैं। मैं एक मुस्लिम होकर यात्रा करने या बाहर निकलने में सुरक्षित महसूस नहीं करती हूँ। जिस दिन ये सब आप लोगों के साथ होगा, उस दिन पता चलेगा।"
एक तरफ अघोषित नीति के तहत फेल होने वाले बच्चों का एडमिशन नहीं लिया जाता। दूसरी तरफ कहानियॉं सुनाकर उनको खुश दिखाने का प्रोपेगेंडा रचा जा रहा है। पर दुर्भाग्य से यह कसरत भी आधी-अधूरी ही है।
सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश होने के बावजूद इंडोनेशिया की संस्कृति में रामायण रची-बसी है। यहॉं की रामलीला दुनियाभर में प्रसिद्ध है। कुछ दिनों यहॉं हिंदू यूनिवर्सिटी की शुरुआत की गई है।