मोदी की जीत, उनका समर्थन और भारत की जनता का किसी नेता पर अभूतपूर्व विश्वास सिर्फ और सिर्फ यही संदेश देते हैं कि मतदाता अब अपना निर्णय लेना जानते हैं और वो उसी के साथ न्याय करेंगे, जो उनके साथ न्याय करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालातों को देखते हुए इस दौरान 80 लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया। जिन परिवारों ने अपने स्वजनों को खोया उनके प्रति केंद्र सरकार की ओर से संवेदना प्रकट की।
"अफरीदी ने अपनी सारी हदें पार कर दी हैं। यह बहुत निराश करने वाली बात है कि शाहिद आफरीदी हमारे देश और प्रधानमंत्री के बारे में ऐसी घटिया बातें कर रहा है। इसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में बड़े आर्थिक सुधारों की घोषणा करते हुए 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज से अर्थव्यवस्था में नई जान फूँकने की बात कही थी। समझें पूरा खाका।
लक्ष्य दिल्ली-मुंबई में बैठे स्टॉक एक्सचेंज के खिलाड़ियों और आर्थिक बीट पर काम करने वाले पत्रकारों तक अपनी बात पहुँचाने का नहीं है, बल्कि उन्हें भी संबल देना है जो खाली पाँव, दहकते कंक्रीट पर, फफोलों के साथ निकल चुके हैं।
मध्य प्रदेश कॉन्ग्रेस ने अपने ट्विटर एकाउंट से लिखा है - "केवल 20 लाख करोड़..? मोदी जी, ये महामारी है, सब कुछ चौपट हो चुका है। जीडीपी का केवल 10% नहीं, कम से कम जीडीपी का 50% तो दीजिए।"
यह आत्म निर्भर भारत अभियान की अहम कड़ी के तैर पर काम करेगा। उन्होंने 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की, जो कि भारत की जीडीपी का करीब दस प्रतिशत है।