Thursday, May 2, 2024

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पत्रकारिता का समुदाय विशेष

वागले, फ़र्ज़ी ज्ञान और प्रपंच पर मिल रही गालियों का सम्मान कर और ट्विटर से भाग ले

‘धंधे’ में पक कर पक्के हुए निखिल वागले के द्वारा यह अनभिज्ञता नहीं, कुटिलता है, क्योंकि अगर इतने साल बाद भी वह ‘अनभिज्ञ’ हैं निर्वाचन और जनमत-संग्रह के अंतर से, तो वह इतने साल से कर क्या रहे थे?

‘The Quint के संस्थापक राघव बहल की लंदन में ₹273 करोड़ की संपत्ति’: IT के साथ मिलकर ED करेगी जाँच

चौंकाने वाली बात यह है कि राघव बहल के ख़िलाफ़ लन्दन में लगभग 273 करोड़ रुपए (31 मिलियन पाउंड) की संपत्ति ख़रीदने को लेकर आरोप है, जिस पर सरकारी जाँच एजेंसियों की तलवार लटक रही है।

समुदाय विशेष के ‘लिबरल’ पत्रकार ने मोदी की जीत पर मसूद अजहर को कहा: Thank You!

राजदीप ने अपना 30 साल का कैरियर जिस तरह के प्रोपेगेंडा से बनाया है उसे देखते हुए यह बहुत आश्चर्यजनक नहीं है। वह अफस्पा के खिलाफ भी भ्रम पैदा करते पकड़े गए थे।

दुष्प्रचार से बाज नहीं आ रहा The Wire, समुदाय विशेष के मोदी-समर्थक लोगों को समाज से अलग-थलग करने की कोशिश

नए भारत में नफरती चिंटुओं वाली पत्रकारिता नहीं चलेगी, फर्जी भय का नैरेटिव नहीं चलेगा-वायर सबक सीखने की जहमत उठाए, या दुकान समेटने की तैयारी करे।

मोदी ने गुजरात में लोगों को मरने दिया: Pak मीडिया में प्रोपेगेंडा वेबसाइट Scroll का लेख

पाकिस्तानी मीडिया ने स्क्रॉल के इस लेख को हाथोंहाथ लिया। इसमें मोदी की जीत के पाँच कारण गिनाए गए हैं लेकिन काफ़ी ज़हरीले तरीके से। लिखा गया है कि इलीट लोग मोदी के बेअदबी भरे भाषणों से नाराज़गी जताते हैं। इनमें अशुद्धियाँ और नाटकीयता होती है।

मोदी जीत भी गए तो भारत बँटा हुआ ही रहेगा: The Wire ने उगला जहर

लेखक ने आरोप लगाया कि अगले कुछ वर्षों में भारत पर वैष्णव शाकाहार थोप दिया जाएगा। हालाँकि, इसके लिए उन्होंने कोई बैकग्राउंड नहीं दिया। रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों के भाजपा में शामिल होने को लेकर भी इस लेख में नाराज़गी जताई गई है। कहा गया है कि सैन्य अधिकारी समझते हैं कि एक ही पार्टी उनके लिए काम कर रही है और उनका भाजपा में शामिल होना अशुभ है।

हिंदुओं ने दिया मोदी को वोट, हिंसा और नफरत ही अब भारत का भविष्य: स्वरा भास्कर

'मोदी ग़ुफा' को मिलने वाली है रिकॉर्ड बुकिंग, लिबरल हिमालय की चोटियों से साझा करेंगे 'दुखी मन की बात'!

90 करोड़ वोटर लेकिन गायब हो गए 400 करोड़ के वोट – मीडिया गिरोह मिर्गी के कगार पर

मोदी विरोध में यह लोग दिमाग से इतने पैदल हो चुके हैं कि प्राइमरी स्कूल स्तर की गणित भी सर के ऊपर से उड़ रही है। इन्हें दिमाग का इलाज कराना चाहिए। ये लोग 2000 वोट को 20 लाख से गुणा भी नहीं कर पाते हैं और चले पत्रकारिता करने!

एग्जिट पोल और पुरषार्थ: फर्जी लिबरल गैंग वो शब्द इस्तेमाल कर रही है, जिसका अर्थ भी उसे नहीं पता

यही बात अगर किसी दक्षिणपंथी ने कह दी होती तो उसकी ऑनलाइन मॉब-लिंचिंग हो गई होती और महिला आयोग तक उसे घसीट लिया जाता।

साला ये दुःख काहे खतम नहीं होता है बे!

जो लोग रवीश की पिछले पाँच साल की पत्रकारिता टीवी और सोशल मीडिया पर देख रहे हैं, वो भी यह बात आसानी से मान लेंगे कि रवीश जी को पत्रकारिता के कॉलेजों को सिलेबस में केस स्टडी के तौर पर पढ़ाया जाना चाहिए।

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