Thursday, May 2, 2024

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मनमोहन सिंह

जब बजट से मनमोहन सिंह 1991-92 में ₹100 करोड़ दे रहे थे राजीव गाँधी फाउंडेशन को: खुलासा

वर्ष 1991-92 में भारत के तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने केंद्रीय बजट से सोनिया गाँधी के नेतृत्व वाले राजीव गाँधी फाउंडेशन को पाँच साल की अवधि में 100 करोड़ रुपए की राशि आवंटित करने की कोशिश की थी।

सियाचिन से सेना हटाकर ‘शांति का पहाड़’ बनाना चाहती थी मनमोहन सरकार, Pak से किया था समझौता: पूर्व सेना प्रमुख जेजे सिंह

पूर्व PM मनमोहन सिंह ने सियाचिन से सेना हटाने के लिए पाकिस्तान से समझौता किया था। पूर्व सेना प्रमुख जेजे सिंह ने खुलासा करते हुए बताया कि...

मनमोहन जमाने का एक और फ्रॉड: ₹21000 करोड़ का मामला, SBI के नेतृत्व वाले बैंकों ने वीडियोकॉन को पहुँचाया फायदा

वीडियोकॉन को गलत तरीके से लाभ पहुँचाने के मामले में CBI ने वेणुगोपाल धूत के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है।

चीन मामले में मोदी सरकार में पूरी आस्था, विपक्ष दिखाए परिपक्वता: मनमोहन के बयान के बाद मायावती की दो टूक

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व बसपा सुप्रीमो मायावती ने भारत-चीन सीमा तनाव मामले में केंद्र की मोदी सरकार पर पूर्ण आस्था जताई है।

‘गोली का सामना करना जानते हैं?’ – जिस IAF ऑफिसर ने शुरू किया लद्दाख एयरस्ट्रिप, कॉन्ग्रेसी नेता को यूँ कराया था चुप

PK बारबोरा (सेवानिवृत IAF अधिकारी) ने कॉन्ग्रेस प्रवक्ता को यह कह कर चुप करा दिया था कि क्या वो गोली का सामना करना जानते हैं? क्या वो...

लद्दाख में 43 साल बंद रहा एयरस्ट्रिप, 2008 में वायुसेना ने खोला तो UPA सरकार ने पूछा- क्यों किया ऐसा?

दौलत बेग ओल्डी एयरस्ट्रिप। चीन के साथ हालिया तनाव के बीच सामरिक रूप से बेहद अहम। लेकिन, यह 43 साल बंद रहा। 5 बार इसे शुरू करने की अनुमति नहीं दी गई। फिर वायुसेना ने सरकार को बिना बताए इसे शुरू करने का फैसला लिया।

अमेठी की मालविका में डूबे ₹366 करोड़, मनमोहन सिंह के जमाने में जान-बूझकर किया गया था घाटे का सौदा

1998 में बंद पड़ी एक कंपनी के अधिग्रहण के लिए 2009 में सेल को मजबूर किया गया। प्रचार ऐसे किया गया मानो बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा होगा। नतीजा सिफर रहा। 10 साल बाद भी जमीन का टाइटल सेल के नाम ट्रांसफर नहीं हुआ है।

1984 सिख दंगों के लिए नरसिम्हा राव दोषी! ‘सुप्रीम परिवार’ के लिए मनमोहन सिंह ने चल दी कॉन्ग्रेसी चाल

"दिल्ली में जब 84 के सिख दंगे हो रहे थे, गुजराल जी उस समय के गृह मंत्री नरसिम्हा राव के पास गए थे। उन्होंने राव से कहा कि स्थिति इतनी गंभीर है कि सरकार के लिए जल्द से जल्द सेना को बुलाना आवश्यक है। अगर राव गुजराल की सलाह मानकर जरूरी कार्रवाई करते तो शायद 1984 के नरसंहार से बचा जा सकता था।"

मनीष तिवारी ने सोनिया-मनमोहन को घेरा: पूछा- 26/11 अमेरिका में होता तो पाकिस्तान का क्या होता?

कॉन्ग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा है कि वे हमेशा सोचते हैं कि अगर अमेरिका में मुंबई जैसा हमला होता तो वह पाकिस्तान का बुरा हाल करता। मनमोहन सरकार ने 26/11 के बाद वैसी सख्ती नहीं दिखाई थी, जिसकी उस वक़्त दरकार थी।

हिन्दू धर्म के प्रति निष्ठावान थी इंदिरा गाँधी: वो 6 बातें, जिनसे आज के कॉन्ग्रेस को सीखने की ज़रूरत है

पुलवामा और उरी के हमले अगर इंदिरा सरकार के समय में हुए होते, तो भी पाकिस्तान को कमोबेश वैसा ही जवाब मिलता, जैसे मोदी ने दिया। लेकिन वही 26/11 के बाद, बनारस, दिल्ली से लेकर मुंबई, हैदराबाद और दंतेवाड़ा अनेकों बम धमाकों के बाद भी यूपीए सरकार ने लचर रुख अख्तियार किया।

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