राहुल गाँधी जहाँ चुनाव से पहले लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस से लेकर जनसभाओं में चौकीदार चोर है जैसे नारे लगाते नहीं थक रहे थे, वहीं नतीजों के बाद उन्होंने अचानक से इतनी चुप्पी कैसे साध ली है यह सबके लिए हैरान कर देने वाला प्रश्न हो चुका है।
कॉन्ग्रेस इस समय बड़े ही विचित्र ऊहापोह में फँसी दिख रही है। राहुल गाँधी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना चाहते हैं। लेकिन कोई लेने को तैयार ही नहीं। इसी बीच राजस्थान में गुटबाजी और कर्नाटक में दल-बदल का संकट भी...
अधिकतर ट्विटर यूजर्स ने मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि ज़रूर ये भाजपा के ही लोग हैं, क्योंकि वे नहीं चाहते कि राहुल गाँधी कॉन्ग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दें। ट्विटर यूजर्स ने लिखा कि भाजपा तब तक जीत के प्रति आश्वस्त है, जब तक राहुल कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष हैं।
जनता कॉन्ग्रेस और उसके अध्यक्ष राहुल गाँधी को खदेड़कर भगा चुकी है, लेकिन लग ये रहा है कि जनता के सन्देश को कॉन्ग्रेस अभी भी स्वीकार कर पाने में असमर्थ है। इसीलिए अभी भी कॉन्ग्रेस की आई टी सेल और व्हाट्सएप्प यूनिवर्सिटी अपने युवराज को मसीहा बनाने के कार्यक्रम में तत्परता से जुटी हुई है।
यह कहना ग़लत नहीं होगा कि राहुल गाँधी हमेशा इसी फ़िराक में रहे कि मोदी कब कोई चूक करें और फिर उन्हें मुद्दा बनाकर जनता के समक्ष उनकी छवि को धूमिल किया जा सके।
तमाम EVM हैकिंग से लेकर डर के माहौल के बीच अन्य कई प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवारों के अरमानों का शीघ्रपतन देखने को मिला है। इस प्रकार बड़े ही दुःख के साथ यह सूचित करना पड़ रहा है कि देश ने एकसाथ आज लगभग 22 प्रधानमंत्री खो दिए हैं।
कॉन्ग्रेस जनादेश को EVM से छेड़छाड़ बताकर लगातार जनादेश का अपमान करती नजर आई। नतीजा ये रहा कि नालायक विपक्ष द्वारा तैयार किए गए फासिस्ट, भक्त, दलित पर अत्याचार, अल्पसंख्यकों में डर का माहौल, EVM हैक, बिकी हुई मीडिया, कट्टर हिन्दू जैसे नैरेटिव नरेंद्र मोदी की छवि ख़राब करने के बजाए उन्हें महामानव बनाते चले गए।
जिस प्रकार से राहुल गाँधी लगातार मोदी सरकार को घोटालों में घिरा हुआ साबित करने के लिए झूठे डाक्यूमेंट्स और बयानों का सहारा लेते रहे, शायद ध्रुव राठी उन्हीं से अपनी निराशा व्यक्त कर रहे थे। ऐसे समय में उन्हें अपने झुंड के साथ रहना चाहिए।
Exit Poll के आंकड़ों से काफी हद तक यह साफ हो जाएगा कि इस बार गठबंधन की सरकार बनेगी या फिर किसी एक दल को पूर्ण बहुमत मिलेगा, एग्जिट पोल के नतीजों से यह साफ हो जाएगा कि इस बार भारतीय जनता किस दल की ‘पार्टी’ कराने जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मैं राहुल गाँधी से आग्रह करता हूँ, अगर मेरे माता-पिता ने कुछ गलत किया हो तो आकर बताइये। मुझ पर दया करने की कोई ज़रूरत नहीं।"