Monday, May 6, 2024

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राहुल गांधी

राहुल के इस्तीफ़े को लेकर संशय बरक़रार, राज्य के नेताओं में आपस में ही सिर-फुटव्वल

17 जून से संसद का सत्र शुरू हो रहा है। ऐसे में, अगर तब तक पार्टी अध्यक्ष को लेकर संशय समाप्त नहीं होता है तो संसद में विपक्ष की एकता को गहरा धक्का लगेगा। एक बैठक के दौरान वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद की मौजूदगी में हरियाणा के कॉन्ग्रेस नेताओं के बीच आपस में तू तू-मैं मैं हुई।

ख़ुर्शीद ने कहा राहुल जी सदृश दूसरा मूर्ख मिलना मुश्किल, उनकी जगह कोई ले ही नहीं सकता

शौक़ बहराइची का एक लोकप्रिय शेर है - "बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था, हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा।" चुनाव आएँगे-जाएँगे, लेकिन कॉन्ग्रेस ने इस शेर को हमेशा ही प्रासंगिक बनाए रखा है।

पुत्र को पत्र: सोनिया ने मार्मिक और भावुक शब्दों में लिखा- राहुल, तुमने प्यार कमाया है

कॉन्ग्रेस पार्टी में राजनीतिक संकट की पृष्ठभूमि में पार्टी संसदीय दल की नेता सोनिया गाँधी ने कहा कि कॉन्ग्रेस को फिर से मजबूत करने के लिए कई निर्णायक कदमों पर चर्चा चल रही है।

रॉबर्ट वाड्रा की पत्नी ने ढूँढ निकाले कॉन्ग्रेस के हत्यारे, कहा – ‘इसी कमरे में बैठे हैं’

गाँधी परिवार ने इस बैठक में कुछ वरिष्ठ नेताओं द्वारा राहुल गाँधी को जरूरी समर्थन ना देने पर नाराजगी जाहिर की थी। परिवार की नाराजगी स्पष्ट थी, क्योंकि सोनिया भी पूरी बैठक के दौरान नहीं बोलीं और यह जाहिर किया कि उन्हें भी अपने विश्वस्त साथियों से निराशा हासिल हुई।

राहुल गाँधी का ‘मौनव्रत’: कॉन्ग्रेसियों से मिलने से इनकार, बहन प्रियंका ही कर रही हैं सब बातचीत

राहुल गाँधी जहाँ चुनाव से पहले लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस से लेकर जनसभाओं में चौकीदार चोर है जैसे नारे लगाते नहीं थक रहे थे, वहीं नतीजों के बाद उन्होंने अचानक से इतनी चुप्पी कैसे साध ली है यह सबके लिए हैरान कर देने वाला प्रश्न हो चुका है।

अध्यक्ष पद छोड़ने पर आमादा राहुल गाँधी, संकट में राजस्थान और कर्नाटक की कॉन्ग्रेसी सरकार

कॉन्ग्रेस इस समय बड़े ही विचित्र ऊहापोह में फँसी दिख रही है। राहुल गाँधी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना चाहते हैं। लेकिन कोई लेने को तैयार ही नहीं। इसी बीच राजस्थान में गुटबाजी और कर्नाटक में दल-बदल का संकट भी...

‘मुर्गे के खून’ से लिखा दर्द भरा खत – हमें छोड़कर मत जाओ राहुल गाँधी!

अधिकतर ट्विटर यूजर्स ने मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि ज़रूर ये भाजपा के ही लोग हैं, क्योंकि वे नहीं चाहते कि राहुल गाँधी कॉन्ग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दें। ट्विटर यूजर्स ने लिखा कि भाजपा तब तक जीत के प्रति आश्वस्त है, जब तक राहुल कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष हैं।

Fact Check: राहुल गाँधी ने साढ़े 8 लाख वोट से जीतकर 542 सीटों में सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड बनाया?

जनता कॉन्ग्रेस और उसके अध्यक्ष राहुल गाँधी को खदेड़कर भगा चुकी है, लेकिन लग ये रहा है कि जनता के सन्देश को कॉन्ग्रेस अभी भी स्वीकार कर पाने में असमर्थ है। इसीलिए अभी भी कॉन्ग्रेस की आई टी सेल और व्हाट्सएप्प यूनिवर्सिटी अपने युवराज को मसीहा बनाने के कार्यक्रम में तत्परता से जुटी हुई है।

नकली गाँधी परिवार के चिराग की हार के वो कारण, जिसके बचाव में उतरा लिबरल मीडिया गिरोह

यह कहना ग़लत नहीं होगा कि राहुल गाँधी हमेशा इसी फ़िराक में रहे कि मोदी कब कोई चूक करें और फिर उन्हें मुद्दा बनाकर जनता के समक्ष उनकी छवि को धूमिल किया जा सके।

प्रधानमंत्री बनने से ‘लगभग’ चूक जाएँगे ये लोकप्रिय चेहरे

तमाम EVM हैकिंग से लेकर डर के माहौल के बीच अन्य कई प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवारों के अरमानों का शीघ्रपतन देखने को मिला है। इस प्रकार बड़े ही दुःख के साथ यह सूचित करना पड़ रहा है कि देश ने एकसाथ आज लगभग 22 प्रधानमंत्री खो दिए हैं।

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