दी लल्लनटॉप अपनी ऑडियंस का ख़ास ध्यान रखते हुए उनके मतलब का फैक्ट चेक करते हुए यह भी साबित करते हुए देखा गया है कि सरसों के तेल से कोरोना वायरस से बचाव नहीं हो पाता है। यह वो ऑडियंस है जो दैनिक सस्ते इन्टरनेट की पूरी डेढ़ जीबी या तो टिकटॉक, या फिर दी लल्लनटॉप के चरणों में ही समर्पित करती है।
एक टिकटॉक यूजर ने टॉयलेट सीट चाटने की अपनी विडियो पोस्ट की थी। लोगों ने काफी आलोचना की, फिर भी उसे फर्क नहीं पड़ा। इस हरकत के कुछ दिन बाद वह कोरोना से पाया गया है। इसकी जानकारी भी उसने खुद विडियो के जरिए दी है।
एडवाइजरी में साफ-साफ कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति, संस्था या संगठन कोरोना वायरस से संबंधित कोई भी जानकारी बिना तथ्य का पता लगाए या फिर DMET, DPH, DHS या कलेक्टर की पूर्व मंजूरी के बिना प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक या सोशल मीडिया पर नहीं डालेगा। अगर कोई इसका उल्लंघन करता है, तो उसे दंडनीय अपराध माना जाएगा और...
"वाह कैफ जी वाह, बहुत खूब आप में और गैर इमान वालों में क्या फर्क है बता सकते हैं? अरे आपको चाहिए अपने परिवार को बोलते अल्लाह के सामने सजदा करो, दुआ माँगो, रो-रोकर दुआ माँगो और सुन्नत पे चलो। अल्लाह की बात छोड़ बजाय फेकू साहब की मान रहे हो, वाह।"
22 मार्च की सुबह से ही जनता कर्फ्यू के सन्नाटे के बावजूद भी कुछ लोगों ने आरती और शंख ध्वनियाँ शुरू कर दी थीं लेकिन शाम पाँच बजते ही मानो पूरा भारत एक मंदिर में तब्दील हो गया। यह पल इतना भावुक कर देने वाला था कि जिन लोगों ने यह पल महसूस किया है वो शायद ही कभी इसे भूल पाएँगे।
"मैं जनता कर्फ्यू के समर्थन में दिल्ली स्थित अपने आवास पर हूँ। इस बहाने आधे घंटे तक ट्रेडमिल पर पसीना बहाने का अवसर मिला। खुद को स्वस्थ रखकर और कभी न थकने वाले हमारे स्वास्थ्यकर्मियों का बोझ न बढ़ाकर हम उन्हें धन्यवाद दे सकते हैं!"
"हाथ मिलाने से मोहब्बत बढ़ती है यार, इससे बीमारी नहीं फैलती।" - Video में इस सीन के बाद सभी हाथ मिलाकर गले से भी लिपटते हैं। मकसद साफ है - मजहब के नाम पर बीमारी से बचाव के उपायों का मखौल उड़ाया जा रहा है।
"कोरोना वायरस का इलाज अल्लाह ताला ने दिमाग में डाल दिया है। ये इलाज एकदम परफेक्ट है। बस कबूतर के विष्ठा को पानी में मिलाकर तीन बार पीना है। चूँकि कबूतर अल्लाह-अल्लाह करता है इसलिए ये इलाज सही है।"
लिबरल-सेकुलरों ने तुरंत कहना शुरू किया कि इटली में लॉकडाउन था, गुरुग्राम में नहीं हैं। इसलिए लाउड स्पीकर लगाकर हिंदू मंत्रो का उच्चारण केवल एक स्टंट हैं। जबकि कुछ ने ये शिकायत की कि ये लोग सिर्फ़ हिंदू मंत्रों को लाउड स्पीकर पर बोलकर लोगों को तंग कर रहे हैं।