Friday, May 3, 2024
Homeरिपोर्टमीडियाभारत विरोधी और इस्लामी प्रोपगेंडा से भरी है पाकिस्तानी 'पत्रकार' की डॉक्यूमेंट्री... मोहम्मद जुबैर...

भारत विरोधी और इस्लामी प्रोपगेंडा से भरी है पाकिस्तानी ‘पत्रकार’ की डॉक्यूमेंट्री… मोहम्मद जुबैर और कॉन्ग्रेसी इकोसिस्टम प्रचार में जुटा

मोहम्मद जुबैर ने बुधवार को शहजाद हमीद अहमद नाम के एक पाकिस्तानी 'पत्रकार' द्वारा निर्मित दुष्प्रचार भरी डॉक्यूमेंट्री को प्रमोट किया।

फेक न्यूज फैक्ट्री होने के बावजूद खुद को ‘फैक्ट चेकर’ कहने वाला मोहम्मद जुबैर पाकिस्तानी ‘पत्रकार’ की डॉक्यूमेंट्री का प्रचार कर रहा है। उसने बुधवार (17 अप्रैल 2024) को शहजाद हमीद अहमद नाम के एक पाकिस्तानी ‘पत्रकार’ द्वारा निर्मित दुष्प्रचार भरी डॉक्यूमेंट्री को प्रमोट किया।

ये डॉक्यूमेंट्री चैनल न्यूजएशिया (NCA) ने 12 अप्रैल 2024 को प्रसारित की थी, जिसका मालिकाना हक सिंगापुर की कंपनी मीडिया कॉर्प के पास है। इस 46 मिनट की डॉक्यूमेंट्री में दावा किया है कि वो भारत की ‘फेक न्यूज इंडस्ट्री’ को एक्सपोज करती है। इस डॉक्यूमेंट्री का शीर्षक है ‘इंडियाज वॉर ऑन फेक न्यूज: कैसे गलत जानकारियाँ भारत के लिए खतरा नंबर 1’ है। पाकिस्तानी पत्रकार अहमद की बनाई इस डॉक्यूमेंट्री को भारत में इस्लामिक और कॉन्ग्रेसी इकोसिस्टम के रूप में कई खरीदार मिले हैं।

मोहम्मद जुबैर, जो फेक न्यूज फैक्ट्री अल्ट न्यूज चलाता है, उसने इस डॉक्यूमेंट्री की एक क्लिप को ट्वीट किया और लिखा, ‘इंडियन फेक न्यूज इंडस्ट्री पर सिंगापुर बेस्ड @चैनलन्यूजएशिया द्वारा प्रसारित एक मस्ट वॉच डॉक्यूमेंट्री।’

उसने आगे लिखा, “इस वीडियो में दिखे वाला व्यक्ति (इंटरनेट ट्रोल/साइबर सिपाही) दावा कर रहा है कि बीजेपी आईटी सेल ने 40 से 50 हजार रुपए महीने की पगार पर फ्रीलांसर्स को तैनात किया है, जो सरकार समर्थित प्रोपेगेंडा को बढ़ाने और विपक्षी नेताओं को बदनाम करने में जुटे हैं।”

कॉन्ग्रेस की प्रवक्ता लावण्या बल्लाल जैन, जो फेक न्यूज फैलाने के लिए मशहूर है। उसके जुबैर के ट्वीट को रीट्वीट किया और जुबैर के दावे को आगे बढ़ाने में मदद की कि बीजेपी आईटी सेल अपने विरोधियों के बारे में फेक न्यूज फैलाने में जुटी है।

लावण्या बल्लाल द्वारा रीट्वीट का स्क्रीनग्रैब (फोटो साभार X/ @Iyervval के माध्यम से)

इस विवादास्पद डॉक्टूमेंट्री को बनाने वाले व्यक्ति शहजाद हमीद अहमद की लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, वो स्टार एशिया प्राइवेट लिमिलेड. डॉन न्यूज, एल्लाइनेट कॉरपोरेशन, कैपिटल टीवी और इस्लामाबाद की यू-ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियों के लिए काम कर चुका है।

कथित पाकिस्तानी पत्रकार शहजाद हमीद अहमद भारत में सालों से ‘सेकुलरिज्म’ का ‘प्रचार’ करता रहा है। उसने साल 2021 में ‘इन बैड फेथ‘ नाम की तीन हिस्सों की डॉक्यूमेंट्री भी प्रसारित की थी। उसका एक एपिसोड(50 मिनट) में भारत में भगवाकरण के उभार पर केंद्रित था।

उसके डॉक्यूमेंट्री में दावा किया गया था कि भारत देश राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रभाव में आकर ‘धर्मनिरपेक्षता’ से हिंदू-प्रथम बहुसंख्यकवाद की ओर जा रहा है।

इस भारत विरोधी डॉक्यूमेंट्री के लिए उसे लंडन फिल्म फेस्टिवल में एसोसिएशन ऑफ इंटरनेशनल ब्रॉडकास्टिंग अवॉर्ड 2022 भी मिला था। इसकी कवरेज पाकिस्तानी मीडिया ने भी की थी।

दिलचस्प बात यह है कि वह 2016 में पाकिस्तान का ‘अगाही’ जर्नलिस्ट ऑफ द ईयर पुरस्कार भी पा चुका है।

लोकप्रिय ओपन सोर्स इंटेलिजेंस हैंडल ‘OSINTwa_com’ के अनुसार, अहमद ने आज तक कभी पाकिस्तान में उत्पीड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों (हिंदू, ईसाई और सिख) की दुर्दशा पर कोई बात नहीं की है।

हाँ, ये जरूर है कि वो भारतीत क्रिकेट टीम को फेसबुक पर ‘पुसी कैट’ बता चुका है और साल 2022 में ब्रिटेन के लीचेस्टर में हुए हिंदुओं के खिलाफ हुए दंगों की सूचना को इस्लामिक नेरेटिव के हिसाब से आगे बढ़ा रहा था।

शहजाद हमीद अहमद को विवादास्पद संयुक्त राज्य धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआईआरएफ) द्वारा भारत को काली सूची में डालने की वकालत करते हुए भी देखा गया था।

अपनी डॉक्यूमेंट्री में, पाकिस्तानी ‘पत्रकार’ ने अपने हालिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट में मोहम्मद जुबैर द्वारा समर्थित इस्लामवादी रकीब हमीद नाइक को भी दिखाया है।

एक शातिर फेक न्यूज पेडलर राकिब हमीद नाइक हिंदू विरोधी दुष्प्रचार करने वाले संस्थान ‘हिंदुत्व वॉच’ का संस्थापक है। वो 1990 के दशक की शुरुआत में कश्मीर घाटी में कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकियों द्वारा हिंदुओं के नरसंहार को भी खारिज कर चुका है। यही नहीं, नाइक ने काशी में ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर मिले ‘शिवलिंग’ का भी  मजाक उड़ाया था।

मूल रूप से यह लेख अंग्रेजी में लिखा गया है। मूल खबर पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

हेमंत सोरेन की याचिका हाई कोर्ट में खारिज, ED की गिरफ्तारी को बताया था गलत: चाचा के श्राद्ध में शामिल होने के लिए 1...

झारखंड हाईकोर्ट में हेमंत सोरेन को बड़ा झटका लगा है। ईडी की गिरफ्तारी को अवैध बताने वाली याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है।

शहजादा अमेठी से इतना डरा हुआ है कि रायबरेली भाग गया, उनकी नेता राजस्थान भागी, अरे डरो मत-भागो मत: पीएम मोदी का गाँधी परिवार...

पीएम मोदी ने कहा कि शहजादा राहुल गाँधी अमेठी में हार के डर से रायबरेली चुनाव लड़ने गए, सोनिया गाँधी राजस्थान से राज्यसभा गईं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -