अमेरिका ने पिछले दिनों दावा किया था कि उसने अपनी जमीन पर खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मार गिराने की साजिश को नाकाम कर दिया है। इस दावे की जाँच के लिए भारत ने एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है। अब अमेरिकी न्याय विभाग ने एक बयान जारी कर दावा किया है कि 1 लाख डॉलर (करीब 83 लाख रुपए) में पन्नू की सुपारी दी गई थी। पन्नू आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का सरगना है।
बयान में दावा किया गया है कि इस साजिश के पीछे एक भारतीय अधिकारी और निखिल गुप्ता थे। कथित तौर पर जिस ‘हिटमैन’ को सुपारी दी गई, वह अमेरिकी पुलिस का ‘खबरी’ था। पूरी साजिश में चार लोगों को शामिल बताया गया है। दावा है कि यह साजिश इस साल मई-जून के आसपास रची गई थी।
अमेरिकी न्याय विभाग ने अपने बयान में साजिश में शामिल भारतीय अधिकारी की पहचान का खुलासा नहीं किया है। उसे CC1 नाम दिया गया है। 52 साल के निखिल गुप्ता को मास्टरमाइंड बताया गया है। साजिश में शामिल तीसरे और चौथे व्यक्ति की पहचान क्रमश: CS और US के तौर पर बताई गई है। ये दोनों ही अमेरिका के एजेंट हैं। कथित तौर पर पन्नू को मारने के लिए CS ने निखिल गुप्ता से US को मिलवाया था।
On Gurpatwant Singh Pannun killing row, US Justice Dept says "Indian govt employee working with others…directed a plot to assassinate…political activist"; US authorities says hitman who was undercover U.S. law enforcement officer was given $100,000 to kill Pannu pic.twitter.com/yVL8U0MXKP
— Sidhant Sibal (@sidhant) November 29, 2023
अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट का दावा है कि CC1 ने निखिल को पन्नू को मारने का आदेश दिया। निखिल ने US को इसके लिए सुपारी दी थी। पन्नू को मारने के लिए 1 लाख डॉलर में US के साथ डील हुई है। इसमें 15,000 डॉलर का उसे अग्रिम भुगतान किया गया था। US को यह पैसे CC1 और निखिल ने न्यूयॉर्क में दिलवाए। इसकी कुछ तस्वीरें भी बाहर आई हैं। जस्टिस डिपार्टमेंट का कहना है कि निखिल गुप्ता को अमेरिकी सरकार के कहने पर चेक रिपब्लिक ने गिरफ्तार कर लिया है।
गौरतलब है कि भारत ने इस मामले में जाँच के लिए एक उच्च स्तरीय कमिटी का गठन किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा है कि अमेरिका द्वारा दी गई जानकारी को भारत गंभीरता से लेता है और इस विषय में जाँच कर रहा है। जाँच कमिटी का गठन 18 नवम्बर 2023 को किया गया था।
अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट के इस दस्तावेज में 18 जून 2023 को कनाडा में हुई खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का भी जिक्र है। निज्जर की हत्या का आरोप कनाडा ने भारत पर लगाया था, जिसे भारत ने बकवास बताया था।