Thursday, May 2, 2024
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हत्यारे अशफाक ने किसी के आधार कार्ड में अपनी फोटो चिपका रची थी कमलेश तिवारी के मर्डर की प्लानिंग

झूठी पहचान के आधार उसने कमलेश तिवारी से फेसबुक पर दोस्ती की और फोन पर भी संपर्क किया। इसी पहचान पर 3 जून 2019 को उसने पार्टी भी ज्वाइन की। इसके बाद उसे सूरत के वरछा वार्ड में आईटी सेल के प्रचारक के तौर पर...

कमलेश तिवारी की हत्या में शामिल मुख्य संदिग्ध हत्यारा अशफाक शेख ने उनकी हिन्दू समाज पार्टी में शामिल होने के लिए फर्जी आधार कार्ड बनाया था। अशफाक ने कमलेश तिवारी की हत्या करने से पहले अपने एक सहकर्मी रोहित कुमार सोलंकी के नाम से फर्जी आधार कार्ड और फेसबुक अकाउंट बना लिया था। इसी झूठी पहचान के आधार उसने कमलेश तिवारी से फेसबुक पर दोस्ती की और फोन पर भी संपर्क किया। इसके बाद उसने हिंदू समाज पार्टी के संगठन से जुड़ने की इच्छा भी जताई थी। फिर 3 जून 2019 को उसने पार्टी ज्वाइन की। इसके बाद उसे सूरत के वरछा वार्ड में आईटी सेल के प्रचारक के तौर पर नियुक्त किया गया था।

अशफाक शेख और मोइनुद्दीन पर कमलेश तिवारी की हत्या का संदेह है। फिलहाल दोनों फरार हैं। पुलिस संदिग्ध आरोपितों को पकड़ने की पूरी कोशिश कर रही है। बता दें कि रोहित कुमार सोलंकी दवा कंपनी में मेडिकल प्रतिनिधि (MR) के तौर पर काम करता है। अशफाक शेख इस कंपनी में टीम लीडर और मैनेजर के पद पर था। अशफाक ने अपने सहकर्मी रोहित के आधार कार्ड का दुरूपयोग किया। उसने रोहित के आधार कार्ड में उसकी फोटो की जगह अपनी फोटो लगा दी और बाकी की सारी जानकारी वही रहने दी। उसने फोटो के अलावा कोई बदलाव नहीं किया।

आधार कार्ड किसी और का, फोटो हत्यारे अशफाक का (साभार: इंडियन एक्सप्रेस)

वहीं रोहित सोलंकी इन सब बातों से अनजान था। उसने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि पिछले ढाई साल से अशफाक शेख के साथ काम कर रहा है और उसे इस बात की जानकारी नहीं थी। उसने कहा कि उसे रविवार (अक्टूबर 20, 2019) को सोशल मीडिया के माध्यम से पता चला कि उनके आधार कार्ड का दुरुपयोग किया गया था। उसने बताया कि अशफाक सभी चिकित्सा प्रतिनिधियों का दस्तावेज अपने पास रखता था। सोलंकी ने कहा कि उसने इसकी शिकायत वरछा पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाई है।

हिंदू समाज पार्टी के मुताबिक सोलंकी के रूप में अशफाक शेख जून के अंतिम सप्ताह में कमलेश तिवारी से मिला था और फिर पिछले सप्ताह सूरत जाने से पहले उसने कथित तौर पर उन्हें फोन किया था। उसने कहा था कि वो सूरत में पार्टी के विस्तार की योजनाओं पर चर्चा करने के लिए लखनऊ में उनसे मिलेंगे। 17 अक्टूबर को लखनऊ पहुँचने के बाद उसने कथित तौर पर कमलेश तिवारी को फिर से फोन किया और कहा कि वह अगले दिन उनसे मिलेंगे।

हिंदू समाज पार्टी के गुजरात अध्यक्ष जैमिन दवे ने रविवार को फेसबुक पर पोस्ट किया, “हम अपने रिकॉर्ड में रखने के लिए अपनी पार्टी में शामिल होने वाले इच्छुक लोगों के आधार कार्ड और तस्वीरें जमा करते हैं। आधार कार्ड के आधार पर हमने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष, गुरुजी (कमलेश तिवारी) से अनुमति ली, और बाद में हमारे संगठन के सदस्य के रूप में रोहित कुमार सोलंकी (अशफाक शेख) को नियुक्त किया। जब अशफाक ने मुझे फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी, तो कई हिंदू समाज पार्टी के कार्यकर्ता पहले से ही उसके दोस्तों की सूची में थे।”

दवे ने आगे कहा कि इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अशफाक को पार्टी का सदस्य बनाया था। उनका कहना है कि इस दौरान सभी कानूनी प्रक्रिया को अपनाया गया था लेकिन अब उन्हें पता चल रहा है कि उसने जाली आधार कार्ड जमा किया था। जिसके बाद उन्होंने शनिवार (अक्टूबर 19, 2019) को इस जाली कार्ड की एक प्रति समेत सभी दस्तावेज गुजरात एटीएस को सौंप दिए गए। 

गुजरात एटीएस इस मामले में मौलाना मोहसिन शेख, राशिद अहमद पठान और फैजान शेख को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। पुलिस का कहना है कि पूछताछ के दौरान तीनों ने इस बात का खुलासा किया कि राशिद के भाई अशफाक और मोइनुद्दीन ने हत्या के वारदात को अंजाम दिया है।

वहीं अशफाक की बीबी मेहनाज का कहना है कि उसने कहा था कि वो जॉब इंटरव्यू के लिए चंडीगढ़ जा रहा है। मेहनाज ने भी साथ चलने की बात कही, तो उसने मना कर दिया। बुधवार की सुबह अशफाक ने बताया कि वो अपने दोस्त मोइनुद्दीन के साथ जा रहा है। बुधवार की रात वो लोग चले गए। मेहनाज का कहना है कि उसने गुरूवार को उससे बात करने की कोशिश की, लेकिन उसका फोन ऑफ आ रहा था। शुक्रवार की रात मोइनुद्दीन के भाई ने अशफाक से उसकी बात करवाई थी। इसके बाद मेहनाज ने उसी नंबर पर कॉल करने की कोशिश की, लेकिन फोन स्विच ऑफ आ रहा था। इसके साथ ही मामले में एक और संदिग्ध सैयद आसिम अली को नागपुर से गिरफ्तार किया गया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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