Monday, December 23, 2024
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जिस ‘पुरुष’ का मुक्का खाते ही रो पड़ी महिला बॉक्सर, उसे ‘पुरुष’ मानने को तैयार नहीं ओलंपिक कमेटी: 46 सेकेंड में खत्म हो गया था बॉक्सिंग का मैच, पूरी दुनिया में छिड़ी बहस

इटली की एंजेला कैरिनी का बयान भी सामने आया जिसमें उन्होंने कहा था, "मुझे कभी इतना तगड़ा पंच नहीं लगा। बहुत दर्द हो रहा है, डर है कि कहीं नाक की हड्डी न टूट गई हो। हालाँकि मैंने अभी जांच नहीं कराई है। मैं कुछ कहने वाली नहीं हूँ लेकिन ये सब अवैध है।"

पेरिस ओलंपिक में कल (1 अगस्त 2024) अल्जीरिया की ट्रांस महिला ईमान खलीफ और इटली की महिला बॉक्सर एंजेला कैरिनी के बीच हुआ मैच लगातार चर्चा में है। 46 सेकेंड में खत्म हुए इस मैच में लोगों ने देखा था कि मैच शुरू होने के कुछ देर बाद ही कैरिनी के नाक पर तगड़ा पंच पड़ा था जिसके बाद उन्होंने हाथ उठाकर मुकाबले से हटने का इशारा किया।

ओलंपिक जैसे मंच पर चूँकि मैच इतनी जल्दी खत्म होते नहीं देखे जाते इसलिए सबको अजीब लगा। बाद में कैरिनी की नाक से हल्का खून निकलता देखा गया जिससे लगा कि तेज पंच के कारण उन्होंने निर्णय लिया। उनके हाथ उठाने के बाद ईमान खलीफ को इस मैच का विजेता बताया गया तब एंजेला घुटनों के बल बैठ गई और खलीफ से हाथ मिलाने से भी मना कर दिया।

उनकी हार की तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद लोग मामले को समझ गए और तभी एंजेला कैरिनी का बयान भी सामने आया जिसमें उन्होंने कहा था, “मुझे कभी इतना तगड़ा पंच नहीं लगा। बहुत दर्द हो रहा है, डर है कि कहीं नाक की हड्डी न टूट गई हो। हालाँकि मैंने अभी जांच नहीं कराई है। मैं कुछ कहने वाली नहीं हूँ लेकिन ये सब अवैध है।”

उनके इसी बयान के बाद सोशल मीडिया पर ये मुद्दा चर्चा का विषय बन गया। लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि इसे महिलाओं के खेल का अंत कहा जाता है जहाँ पुरूष अपने नाम मेडल करने के लिए महिला बन जाते हैं। इसी तरह कुछ लोगों का कहना है कि ये सरासर बेईबानी है कि कोई पुरुष बॉक्सिंग में महिला बनकर लड़े और इतनी तेज मुक्के मारे।

आम यूजर्स के अलावा इस मुद्दे को जाने-माने लोगों ने भी उठाया इटली की पीएम मेलोनी ने इस पर कहा कि भेदभाव से बचने के प्रयास में भेदभाव न करने के प्रति सावधान रहना चाहिए। वहीं डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ट्रूथ सोशल पर इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा वो महिलाओं के खेलों से पुरुषों को दूर करेंगे। एलन मस्क ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी। एक यूजर ने कहा था कि महिलाओं के खेल में पुरुष को अनुमति नहीं होनी चाहिए। इस पर मस्क ने कहा बिलकुल।

सोशल मीडिया पर मामले की आलोचना होने के बाद अब इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी ने बयान जारी किया है। इसमें उन्होंने नियम आदि की सफाई देते हुए कहा कि इंटरनेशनल ओलंपिक कमिटी ने अपने बयान में आगे कहा कि हमने कुछ रिपोर्ट्स में दो महिला एथलीटों के ओलंपिक खेल पेरिस 2024 में प्रतिस्पर्धा करने के बारे में भ्रामक जानकारी देखी है। दोनों एथलीट कई सालों से महिला वर्ग में इंटरनेशनल मुक्केबाजी टूर्नामेंट्स में खेल रही हैं, जिनमें ओलंपिक खेल टोक्यो 2020, अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (आईबीए) वर्ल्ड चैंपियनशिप और आईबीए की ओर से अनुमोदित टूर्नामेंट शामिल हैं।

ये दोनों एथलीट IBA के अचानक और मनमाने फैसले के शिकार हुई थीं। 2023 में IBA वर्ल्ड चैंपियनशिप के अंत में उन्हें बिना किसी उचित प्रक्रिया के अचानक अयोग्य घोषित कर दिया गया था। यह निर्णय शुरू में केवल IBA महासचिव और CEO द्वारा लिया गया था। इसके अलावा उन्होंने कहा कि आईओसी वर्तमान में दो एथलीटों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार से दुखी है।

बता दें कि कुछ रिपोर्ट्स बताती हैं कि एक साल पहले खलीफ की महिला के तौर पर खेल में भागीदारी की जाँच भी हुई थी जिसमें वह असफल हो गई थीं। वह पिछले साल नई दिल्ली में महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में लिंग पात्रता परीक्षण को पूरा करने में विफल रहीं थीं। उनके शरीर में पुरुषों के समान गुण पाए गए थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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