Saturday, November 23, 2024
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संभल में मस्जिद का हुआ सर्वे तो जुमे पर उमड़ आई मुस्लिम भीड़, 4 गुना पहुँचे नमाजी: सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, ड्रोन निगरानी

इसी मस्जिद में नमाज पढ़ने वाले एक वकील ने मीडिया से बताया कि सामान्यतः यहाँ 500-600 लोग जुमे की नमाज पढ़ने आते थे लेकिन मुकदमे और सर्वे के बाद जुमे को यहाँ 4000 से अधिक लोग पहुचे। इनमें से 2000 मस्जिद में अंदर गए जबकि बाकी को रोकना पड़ा।

उत्तर प्रदेश के संभल में विवादित जामा मस्जिद में जुमे की नमाज पर भारी भीड़ उमड़ी। इस मस्जिद में इतने मुस्लिम आए कि अंदर जगह तक नहीं बची। लोगों ने बताया कि हिन्दुओं के दावे के बाद कई गुना नमाजी यहाँ आए। प्रशासन ने भारी पुलिस बल लगाकर भीड़ को नियंत्रित किया। इस मस्जिद पर हिन्दुओं ने कहा है कि यह हरि हर मंदिर को तोड़कर बनाई गई है।

यह भीड़ शुक्रवार (22 नवम्बर, 2024) को उमड़ी। इसी मस्जिद में नमाज पढ़ने वाले एक वकील ने मीडिया से बताया कि सामान्यतः यहाँ 500-600 लोग जुमे की नमाज पढ़ने आते थे लेकिन मुकदमे और सर्वे के बाद जुमे को यहाँ 4000 से अधिक लोग पहुचे। इनमें से 2000 मस्जिद में अंदर गए जबकि बाकी को रोकना पड़ा।

संभल की विवादित जामा मस्जिद में बढ़ी भीड़ के पीछे सोशल मीडिया पर फैलाया गया मैसेज कारण बताया गया। कहा गया कि सोशल मीडिया पर पोस्ट करके मुस्लिमों से बड़ी संख्या में जुमे को जामा मस्जिद पहुँचने को कहा गया था।

संभल में जामा मस्जिद में बढ़ी नमाजियों की संख्या के कारण आम जनजीवन प्रभावित हो गया। कई स्कूलों में जल्दी छुट्टी हुई तो वहीं कई दुकानें भी बंद रहीं। अनहोनी की आशंका के चलते प्रशासन ने मस्जिद की तरफ जाने वाले रास्तों पर बैरिकेड लगा दिए थे।

प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया था कि मस्जिद में वही लोग जाएँगे जो स्थानीय हैं। जामा मस्जिद में बढ़ी भीड़ के चलते कमिटी को खुद ऐलान करना पड़ा कि लोग अंदर ना आएँ। मस्जिद कमिटी ने बढ़ी संख्या से परेशान होकर कहा कि नमाजी दूसरी मस्जिद में जाएँ।

गौरतलब है कि 19 नवम्बर, 2024 को कोर्ट के आदेश पर संभल की मस्जिद में सर्वे किया गया था। यह आदेश हिन्दू पक्षकारों की याचिका पर दिया गया था। हिन्दू पक्षकारों ने इस मस्जिद को लेकर एक मुकदमा दायर किया है। हिन्दू पक्ष का कहना है कि जहाँ आज मस्जिद है, वहाँ कभी भगवान विष्णु को समर्पित एक मंदिर हुआ करता था।

हिन्दुओं ने कहा है कि बाबर के शासनकाल में यहाँ मंदिर को उसके एक कमांडर ने तोड़ दिया था। इसके बाद यहाँ मस्जिद बनाई गई। हिन्दू पक्ष ने इस बात को साबित करने के लिए बाबरनामा, आइन-ए-अकबरी और अंग्रेज अफसर कनिंघम के रिकॉर्ड रखे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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