महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के साथ शनिवार (नवंबर 16, 2019) को शिवसेना, कॉन्ग्रेस और एनसीपी के प्रतिनिधिमंडल की बैठक अगले नोटिस तक के लिए टल गई है। यह मीटिंग शाम 4.30 बजे होने वाली थी। हालाँकि, इसके टलने की वजह का फिलहाल पता नहीं चल पाया है।
Maharashtra: The meeting of the delegation of the three parties-NCP, Congress and Shiv Sena with the Governor has been postponed till further notice. It was scheduled to take place at 4.30 pm today.
— ANI (@ANI) November 16, 2019
इससे पहले मीटिंग को लेकर एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा था कि किसानों की समस्याएँ और प्रशासन संबंधित मुद्दे को लेकर राज्यपाल से मुलाकात करने वाले थे। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य को एक स्थाई और स्थिर प्रशासन प्रदान करना राज्यपाल की जिम्मेदारी है। राज्य में प्रशासन पूरी तरह से ठप हो गया है और सरकार के गठन को लेकर अनिश्चितता के कारण राज्य के लोग खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि राज्यपाल के साथ होने वाली बैठक में शिवसेना, एनसीपी और कॉन्ग्रेस नेताओं का तीन-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल राज्य को एक मजबूत प्रशासन प्रदान करने के तरीकों पर चर्चा करने वाला था, जिसे फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। इससे पहले एनसीपी ने दावा किया था कि शिवसेना, कॉन्ग्रेस और एनसीपी का गठबंधन महाराष्ट्र में सफलतापूर्वक 5 साल का कार्यकाल पूरा करेगा।
हालाँकि, भाजपा ने भी महाराष्ट्र में सरकार बनाने का दावा किया है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा है कि बीजेपी के पास 119 विधायकों का समर्थन है और राज्य में बीजेपी ही अगली सरकार बनाएगी। वहीं बताया जा रहा है कि कॉन्ग्रेस-शिवसेना-एनसीपी के बीच मसौदा भी तैयार हो गया है। सत्ता के समझौते के कथित मसौदे के मुताबिक शिव सेना को मुख्यमंत्री की कुर्सी और 16 मंत्री पद मिलेंगे, वहीं एनसीपी को 14 और कॉन्ग्रेस को 12 विधायकों को मंत्री बनवाने का मौका मिलेगा।
डील पक्की होने के बावजूद इनके बीच पशोपेश जारी है। एक तरफ जहाँ बाला साहेब ठाकरे की पुण्यतिथि (17 नवंबर) को सरकार बनाने की बात सामने आ रही है वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार का कहना है कि सरकार बनने में अभी वक्त लगेगा। इससे साफ झलक रहा है कि अभी भी इनके बीच विचारों की सहमति नहीं बन पाई है। ऐसे में राज्य की स्थिति पर कुछ भी कहना संभव नहीं होगा।