जीएसटी को ‘गब्बर सिंह टैक्स‘ कहने वाले राहुल गाँधी और इसे ‘ग्रेट सेल्फिश टैक्स‘ कहने वाली ममता बनर्जी केंद्र सरकार द्वारा कई वस्तुओं के दरों में कटौती के बाद अपने ही राज्यों में घिरते नजर आ रहे हैं। दरअसल कल केंद्र सरकार ने जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद 23 वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाले कर की दरों में बड़ी कटौती की घोषणा की जिसके बाद सिनेमा टिकट और टीवी सही कई वस्तुएं सस्ती हो जाएँगी। माल और सेवा कर परिषद की 31वीं बैठक की अध्यक्षता देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने की। जेटली ने कहा कि फैसलों के बाद से अब टॉप टैक्स स्लैब में 1200 वस्तुओं में से केवल 0.5 या 1 फीसदी चीजें बची हैं।
लीथियम आयन बैट्री वाले पावर बैंक, डिजिटल कैमरा, 32 इंच तक के मॉनिटर और टीवी स्क्रीन सहित कुछ और उपकरणों पर जीएसटी की दरें 28% से घटाकर 18% कर दी गई। वहीं सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए दिव्यंगों के काम आने वाले उपकरणों को 28% कर वाले स्लैब से हटा कर सीधा 5% वाले स्लैब में डाल दिया जिस से इन बाजार में इन चीजों के दाम काफी कम हो जायेंगे। वही सब्जियों पर से जीएसटी दरें हटा कर 0% कर दी गई। सिनेमा के 100 रुपए से ज्यादा के टिकट पर 28% की जगह अब सिर्फ 18% जीएसटी लगेगा। वहीं 100 रुपए तक के टिकट पर पहले 18% कर देना होता था जो कि अब सिर्फ 12% रह गया है। शिक्षण संस्थानों की सेवाओं पर अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा।
वहीं विपक्ष शासित राज्यों ने राजस्व का हवाला दे कर जीएसटी कि दरों में कटौती का विरोध किया। कांग्रेस शासित राज्य मध्य प्रदेश से तो बैठक में कोई शामिल ही नहीं हुआ। सीपीएम शासित केरल और तृणमूल शासित पश्चिम बंगाल ने कहा कि ये दरें घटाने का सही समय नहीं है। भाजपा शासित असम ने विपक्ष के दोहरे रवैये पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि एक तरफ विपक्ष के नेता भाषणों में जीएसटी के 28% वाले स्लैब को खतम करने की बात करते हैं तो दूसरी तरफ काउंसिल की बैठक में दरें घटाने का विरोध करते हैं। असम ने ये भी सुझाव दिया कि इनके बयानों को बैठक के मिनट्स में शामिल किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में ये ऐसा करने से बचें।
बती दें कि राहुल गाँधी ने जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बताते हुए कहा था कि उनकी पार्टी ”गब्बर सिंह टैक्स” थोपने नहीं देगी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जीएसटी पर हमला बोलते हुए कहा था कि ग्रेट सेल्फिश टैक्स लोगों का उत्पीड़न करने और अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के लिए लगाया गया है। अब जब केंद्र सरकार लगातार कई वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी की दरें कम कर रही है तब इन नेताओं की पार्टी द्वारा शासित राज्यों द्वारा इसका विरोध किया जाना इनके दोहरे रवैये को दिखाता है। जीएसटी की दरों में कटौती का विरोध करने वाले राज्यों में राजस्थान और छत्तीसगढ़ भी शामिल थे। दोनों ही राज्यों में हाल ही में कांग्रेस की सरकार बनी है।