मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जाँच के लिए ‘स्पेशल टास्क फोर्स (SIT)’ का गठन किया है। प्रदेश के गृह सचिव भगवन स्वरूप की अध्यक्षता में SIT गठित की है। डीआईजी चंद्र प्रकाश और आईपीएस पूनम इस SIT के सदस्य होंगे। ये अपनी जाँच कर के रिपोर्ट सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपेगी। साथ ही इसके लिए समय-सीमा भी तय की गई है। 7 दिनों में SIT अपनी रिपोर्ट सौंप देगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से PM मोदी ने भी इस मामले पर चर्चा की। PM मोदी ने इस मामले के दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है। CM योगी ने त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए इस केस का मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने का निर्देश दिया है।
हाथरस में बालिका के साथ घटित दुर्भाग्यपूर्ण घटना के दोषी कतई नहीं बचेंगे।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 30, 2020
प्रकरण की जांच हेतु विशेष जांच दल का गठन किया गया है। यह दल आगामी सात दिवस में अपनी रिपोर्ट देगा।
त्वरित न्याय सुनिश्चित करने हेतु इस प्रकरण का मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने हाथरस की घटना पर वार्ता की है और कहा है कि दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 30, 2020
हाथरस मामले में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि SIT समयबद्ध तरीके से 7 दिनों में घटना के तह तक जाए और पूरी विस्तृत रिपोर्ट तैयार करे। इस घटना में संलिप्त चारों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से दोषियों को सज़ा सुनाने के निर्देश दिए हैं। हाथरस डीएम ने भी ये बात दोहराई है। दोषियों को जल्द से जल्द सज़ा दिलाने की बात कही गई है।
सीएम योगी डरा गठित की गई SIT में दलित और महिला सदस्य भी होंगे। दलित और महिला अधिकारियों की टीम वाली ये SIT हाथरस मामले की जड़ तक पहुँच कर रिपोर्ट तैयार करेगी। पीएसी आगरा पूनम और डीआईजी चंद्र प्रकाश इस SIT में शामिल हैं। साथ ही पुलिस-प्रशासन को अपनी कार्रवाई जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं। इस घटना से पूरे देश में आक्रोश का माहौल है और मीडिया में ये मुद्दा छाया हुआ है।
UP CM @myogiadityanath forms three-member SIT to investigate #Hathras incident. Team to submit report within 7 days. CM also directs for trial of the case in a fast-track court. pic.twitter.com/p6HeqbTIpB
— DD News (@DDNewslive) September 30, 2020
इधर हाथरस मामले में मीडिया के कई रिपोर्ट्स में कहा जा रहा था कि पुलिस-प्रशासन ने जल्दी-जल्दी में ही पीड़िता का अंतिम-संस्कार करा दिया। वहीं हाथरस पुलिस ने ‘बिना परिजनों की अनुमति के पुलिस द्वारा बलपूर्वक पीड़िता का अंतिम संस्कार कराने’ की मीडिया में चल रही ख़बरों का खंडन करते हुए कहा है कि ये ‘असत्य और भ्रामक’ है। पुलिस के अनुसार, ‘सच्चाई ये है’ कि पुलिस-प्रशासन की देखरेख में परिजनों द्वारा अपने रीति-रिवाज के साथ मृतिका के शव का अंतिम संस्कार किया।